धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में करीब दो माह से बंद पड़े 130 स्टोन क्रशरों में से 47 को फिर से चालू करने की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद इनके संचालकों के साथ लेबर, ट्रांस्पोटर्स तथा निर्माण उद्योग से जुड़े लोगों ने भी राहत की सांस ली है. दिवाली से पहले बंद पड़े क्रशरों को चालू करने की अनुमति मिलने की संभावना विभाग द्वारा जताई गई थी, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ.
बुधवार को खनन विभाग के कार्यालयों में पहुंचे क्रशर संचालकों ने अपनी परमिशन लीं. अब सरकार की अधिसूचना के बाद हमीरपुर के 9, कांगड़ा के 25, कुल्लू के 4, बिलासपुर के 1, मंडी के 6, ऊना के 2 स्टोन क्रशरों को चालू करने की अनुमति दी गई है. प्रदेश सरकार ने कांगड़ा के अलावा कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर तथा ऊना के 130 में से 47 क्रशरों को फिर से चालू करने की इजाजत दे दी है. जबकि कुल्लू, मंडी तथा हमीरपुर के एक-एक क्रशर को औपचारिकताओं को पूरा करने के आदेश दिए हैं. अभी प्रदेश में 80 स्टोन क्रशर बंद पड़े हैं.
गौरतलब है कि 23 अगस्त 2023 को ब्यास बेसिन में स्थित स्टोन क्रशरों के संचालन को रोकने का आदेश जारी किया गया था. वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के माध्यम से पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के बहु-क्षेत्रीय विशेषज्ञ समिति की अंतरिम रिपोर्ट में स्टोन क्रशर संचालन के लिए सिफारिश की गई थी. कांगड़ा जिले में स्टोन क्रशर की 50 में से 3 इकाइयों के पास अपेक्षित मंजूरी नहीं है. दो महीने से ज्यादा समय से बंद पड़े स्टोन क्रशर के कारण लेबर, टिप्पर संचालक व चालक परिचालक और लेबर के साथ पेट्रोल पंप, ढाबे, मैकेनिक, पंचर वाले, वर्कशॉप स्टाफ समेत हजारों लोग बेराजगार हो गए थे.
कांगड़ा जिले के करीब 85 स्टोन क्रशर समेत हमीरपुर, कुल्लू और मंडी जिलों के करीब 130 क्रशर बंद पड़े थे. खनन विभाग की ओर से नूरपुर, फतेहपुर, जवाली और इंदौरा उपमंडल में 57 स्टोन क्रशरों के बिजली के कनेक्शन काटे गए थे. वहीं, जयसिंहपुर, पालमपुर, देहरा, थुरल आदि उपमंडलों में 28 स्टोन क्रशरों को बंद किया गया था. जबकि हिमाचल प्रदेश में कुल 130 क्रशर बंद किए गए हैं. इसकी पुष्टि करते हुए जिला खनन अधिकारी राजीव कालिया ने बताया कि जिला कांगड़ा के तहत धर्मशाला व नूरपुर के 25 क्रशरों समेत प्रदेश के 47 क्रशरों को सरकार के आदेशों के बाद चालू करवाया गया है.