ज्वालामुखी: ज्वालाजी अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही के कारण चर्चा में आ गया है. इस बार अम्बोटु गांव के राजीव ने ज्वालाजी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं है. पीड़ित महिला के पति ने आरोप ज्वालाजी अस्पताल के डॉक्टरों पर मंहगी दवाइयां लिखने और खांसी की समस्या बताने के बाद भी 1 महीने तक टेस्ट न करने का आरोप लगाया है.
टीबी से पीड़ित महिला के पति ने अपनी पत्नी के साथ हुए अन्याय को लेकर हेल्थ केयर हेल्पलाइन 104 पर भी इसकी शिकायत कर दी है. साथ ही सी एम हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत और एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री को भी भेजा गया है.इस शिकायत में उन्होंने मरीज को ज्वालाजी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा एक महीने तक गुमराह करने का आरोप जड़ा है. राजीव का कहना है कि अंत मे हुई जांच के बाद पता चला कि उनकी पत्नी रीता टीबी से ग्रस्त हैं, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 1 महीने तक इस बीमारी का पता नहीं चला और उसकी जगह डॉक्टर पीड़ित को गलत दवाइयां देते रहे.
राजीव का आरोप है शुरुआचती जांच के बाद भी उनकी पत्नी ठीक नहीं हुई और उनकी पत्नी को कान के साथ- साथ गले में भी दर्द होना शुरू हो गया. अस्पताल प्रबंधन को आड़े हाथों लेते हुए अपने साथ हुए अन्याय को लेकर सी एम जयराम ठाकुर से उचित कार्रवाई करने की मांग उठाई है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह से डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार न हो.
बीएमओ ज्वालाजी सतिंदर वर्मा का कहना है कि इस तरह की शिकायत आई है, साथ ही मामले को लेकर डॉक्टरों से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. जल्द ही इसमें ठोस कारवाई अमल में लाई जाएगी, ताकि दोबारा अस्पताल में इस तरह का मामला पेश न आए.