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अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के लिए सरकार के पास बजट नहीं, 200 आवेदन लटके

अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के तहत कांगड़ा में 200 मामले लंबित पड़े हैं. फंड उपलब्ध न होने की वजह से विभाग को लाभार्थियों को पुरस्कार राशि देने में दिक्कतें पेश आ रही हैं, लेकिन विभाग बजट उपलब्ध होने पर लाभार्थियों को पुरस्कार राशि उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है.

अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के लिए सरकार के पास बजट नहीं
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Published : Jul 31, 2019, 12:36 PM IST

कांगड़ाः बजट की कमी के चलते जिला कांगड़ा में अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के तहत 200 मामले लंबित पड़े हैं. इसके चलते लाभार्थियों को पुरस्कार योजना के तहत लाभ प्रदान करने में बाधा आ रही है.

वहीं विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 के लिए 99 का टारगेट फिक्स किया गया है. अंतरजातीय विवाह करने वालों को पुरस्कार देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना शुरू की गई है.

वीडियो

अंतर जाति में विवाह करने वाले युवक और युवती को पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है. पूर्व में यह पुरस्कार राशि 25 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
हालांकि विभाग बजट उपलब्ध होने पर लाभार्थियों को पुरस्कार राशि उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है, लेकिन जिला में लंबित आवेदनों का आंकड़ा 200 है, जबकि इस वर्ष टारगेट 99 का फिक्स किया गया है.

ऐसे में विभाग भी लंबित मांगों के शीघ्र निपटारे के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद का इंतजार कर रहा है. गौर रहे कि पिछले तीन साल में जिला कांगड़ा में 173 अंतरजातीय विवाह के मामले सामने आ चुके हैं.

कांगड़ाः बजट की कमी के चलते जिला कांगड़ा में अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के तहत 200 मामले लंबित पड़े हैं. इसके चलते लाभार्थियों को पुरस्कार योजना के तहत लाभ प्रदान करने में बाधा आ रही है.

वहीं विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 के लिए 99 का टारगेट फिक्स किया गया है. अंतरजातीय विवाह करने वालों को पुरस्कार देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना शुरू की गई है.

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अंतर जाति में विवाह करने वाले युवक और युवती को पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है. पूर्व में यह पुरस्कार राशि 25 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 50 हजार रुपये कर दिया गया है.
हालांकि विभाग बजट उपलब्ध होने पर लाभार्थियों को पुरस्कार राशि उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है, लेकिन जिला में लंबित आवेदनों का आंकड़ा 200 है, जबकि इस वर्ष टारगेट 99 का फिक्स किया गया है.

ऐसे में विभाग भी लंबित मांगों के शीघ्र निपटारे के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद का इंतजार कर रहा है. गौर रहे कि पिछले तीन साल में जिला कांगड़ा में 173 अंतरजातीय विवाह के मामले सामने आ चुके हैं.

Intro:धर्मशाला- प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में अंतरजातिय विवाह पुरस्कार योजना के तहत 200 मामले लंबित पड़े हैं। बजट की कमी के चलते लाभार्थियों को पुरस्कार योजना के तहत लाभ प्रदान करने में बाधा आ रही है। वहीं विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 के लिए 99 का टारगेट फिक्स किया गया है। अंतरजातिय विवाह करने वालों को पुरस्कार देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अंतरजातिय विवाह पुरस्कार योजना शुरू की गई है। ऐसे में अंतर जाति में विवाह करने वाले युवक ओर युवती को पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। पूर्व में यह पुरस्कार राशि 25 हजार रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। 





Body:अंतरजातिय विवाह करने वालों द्वारा सरकार की योजना के तहत कल्याण विभाग के समक्ष आवेदन किया जाता है, लेकिन उचित फंड उपलब्ध न होने की वजह से विभाग को लाभार्थियों को पुरस्कार राशि देने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।  हालांकि विभाग बजट उपलब्ध होने पर लाभार्थियों को पुरस्कार राशि उपलब्ध करवाने का दावा कर रहा है, लेकिन जिला में लंबित आवेदनों का आंकड़ा 200 है, जबकि इस वर्ष टारगेट 99 का फिक्स किया गया है। ऐसे में विभाग भी लंबित मांगों के शीघ्र निपटारे के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद का इंतजार कर रहा है।  गौरतलब है कि पिछले तीन साल में जिला कांगड़ा में 173 अंतरजातिय विवाह के मामले सामने आ चुके हैं।





Conclusion:वही जिला कल्याण अधिकारी कांगड़ा असीम सूद ने बताया कि 
जिला कांगड़ा में अंतरजातिय विवाह पुरस्कार योजना के तहत पिछले तीन सालों में 173 मामले सामने आए हैं। योजना के तहत जिला में 200 के लगभग आवेदन लंबित पड़े हैं, जबकि विभाग को वर्ष 2019-20 में 99 का टारगेट दिया गया है। सरकार से बजट स्वीकृत होने पर लाभार्थियों को पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। सरकार द्वारा अलग से वित्तीय प्रावधान किया जाता है तो अन्य लाभार्थियों को भी पुरस्कार राशि दी जाएगी।
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