धर्मशाला: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश भर के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय को 11वीं रैकिंग दी है. देश भर में 11वां रैंक पाकर कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने खुशी जाहिर की और कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय विश्वविद्यालय के मेहनती शिक्षकों, गैर-शिक्षकों व विद्यार्थियों को जाता है. जिनकी वजह से यह विश्वविद्यालय हर साल अपनी रैकिंग सुधारने में कामयाब रहा है.
कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने बताया कि वर्ष 2016 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विश्वविद्यालय को 23 वें, 2017 में 19 वें रैंक पर रखा था और अब यह कृषि विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है.
कुलपति ने कहा कि देश के 75 कृषि विश्वविद्यालयों, मानित विश्वविद्यालयों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों में इस विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, अनुसंधान, प्रसार शिक्षा व आमदनी प्राप्त करने में बेहतर रहने पर 11वां स्थान हासिल किया. इसके साथ-साथ छात्रों ने भी इस विश्वविद्यालय पर विश्वास किया है और यहां आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या हर साल बढ़ रही है. बता दें कि 2016 में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या 9000 थी, जबकि 2017 में यह संख्या बढ़कर 17700 तक पहुंच गई.
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इसके अलावा प्रो. सरयाल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने शून्य लागत प्राकृतिक खेती को प्रदेश में शुरू करके पूरे देश में पहल की है जिसे केंद्र सरकार ने भी प्रोत्साहित करने के लिए अपने बजट में स्थान दिया है. साथ ही राज्य सरकार का वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए धन्यवाद प्रकट किया और कहा कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार सेवाओं में और बेहतरी लाने को कृतसंकल्प हैं.