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2019 में बढ़े सड़क दुर्घटना के मामले, पिछले डेढ़ साल में 1446 लोगों की हुई मौत - डीआईजी संतोष पटियाल

डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि वर्ष 2018 में पूरे नॉर्थ जोन में कम दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन 2019 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

increase in road accident in himachal
डीआईजी संतोष पटियाल
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Published : Jan 2, 2020, 7:16 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं. वहीं, पूरे देशभर में सड़क दुर्घटनाओं या अन्य दुर्घटना में हर साल लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है.

डीआईजी नॉर्थ जोन संतोष पटियाल ने कहा कि डेढ़ लाख युवाओं को हर साल खोना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे क्षेत्रों को आईडेंटीफाई करेगी जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. उन स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जा सकती है.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि वर्ष 2018 में पूरे नॉर्थ जोन में कम दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन 2019 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

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धर्मशाला: हिमाचल में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं. वहीं, पूरे देशभर में सड़क दुर्घटनाओं या अन्य दुर्घटना में हर साल लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है.

डीआईजी नॉर्थ जोन संतोष पटियाल ने कहा कि डेढ़ लाख युवाओं को हर साल खोना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे क्षेत्रों को आईडेंटीफाई करेगी जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. उन स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जा सकती है.

वीडियो रिपोर्ट.

वहीं, डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि वर्ष 2018 में पूरे नॉर्थ जोन में कम दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन 2019 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

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Intro:धर्मशाला- पूरे देश भर में सड़क दुर्घटनाओं या अन्य दुर्घटना में डेढ़ लाख के लगभग लोगों की मौत होती है। मरने वालों में अधिकतर युवा होते हैं तथा वाहनों के टूटने, केसों, इंश्योरेंस के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। डीआईजी नार्थ जोन संतोष पटियाल ने कहा कि डेढ़ लाख यंग आबादी को हर साल खोना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।





Body: पटियाल ने कहा कि  ट्रैफिक के तीन पार्ट हैं इंजीनियरिंग,  एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इन्फोर्समेंट का पार्ट पुलिस निभाती है। पुलिस का बेसिक पर्पज चालान करना नहीं है,  ज्यादा चालान से पर्यटक भी निराश होते हैं। ऐसे में उन एरिया को आईडेंटीफाई करके, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, किस समय होती हैं, किस तरह के वाहनों के होते हैं, उन प्वाइंटस को देखते हुए रणनीति बनाकर पुलिस की मौजूदगी वहां बढ़ाकर, ब्लैक स्पॉट में सुधार और ह्यूमन एरर को कम करके मानव जीवन और प्रॉपर्टी के नुकसान को कम किया जा सके।





Conclusion:वही डीआईजी संतोष पटियाल ने कहा कि  पिछले साल पूरे नार्थ जोन में देखें तो दुर्घटनाएं कम हुई हैं, हालांकि चालान भी हुए हैं। कुछ रोड़ ऐसे होते हैं, जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। शाम और सुबह के समय दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं और यंग लड़कों की दुर्घटनाएं अधिक होती हैं।

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