धर्मशालाः होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला ने बुधवार को प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन सरकार से इन्वेस्टर्स को दी जा रही रियायतें की तर्ज पर होटलियर्स के लिए भी नई पॉलिसी बनाने की मांग की है.
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के चेयरमैन कुलदीप पटियाल और चीफ एडवाइजर रामस्वरूप ने कहा कि धर्मशाला और मैक्लोडगंज में होटल इंडस्ट्री में स्थानीय लोगों द्वारा लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. होटलियर्स पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं, इसी की वजह से देश-विदेश में हिमाचल के पर्यटन की पहचान बनी है, इसके बावजूद सरकार और विभाग द्वारा होटलियर्स को प्रताडि़त किया जा रहा है.
प्रदेश सरकार जो रियायतें इन्वेस्टर्स को दी जा रही हैं, वहीं रियायतें होटलियर्स को भी दी जाएं. पूर्व में मैक्लोडगंज व धर्मशाला की होटल इंडस्ट्री को नजरअंदाज किया गया, लेकिन अब नई कार्यकारिणी ऐसा नहीं होने देगी. एसोसिएशन अपना एजेंडा तय करके मांगों को सरकार के समक्ष उठाएगी.
उन्होंने कहा कि पर्यटन सीजन के दौरान मैक्लोडगंज में घंटों जाम लगता है, ऐसे में पर्यटक परेशानी झेलते हैं और मायूस होकर लौटने को मजबूर होते हैं. सरकार को पर्यटन उद्योग के लिऐ आधारभूत ढांचा विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए.
हर तरह के टैक्स अदा करने के बावजूद होटलियर्स को नगर निगम कार्यालय में अपने कार्यों हेतू बार-बार चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार होटलियर्स को रियायतें नहीं देती है तो लोग होटल कारोबार छोड़ने को मजबूर होंगे.
एसोसिएशन के चीफ एडवाइजर रामस्वरूप ने कहा कि हमारा सरकार से अनुरोध रहेगा कि दिल्ली व पंजाब की तरह धर्मशाला में अनाधिकृत भवनों को नियमित किया जाए. पिछले कुछ सालों से बिजली-पानी बंद होने से होटल बंद हो रहे हैं. इन्वेस्टमेंट के लिए जो रियायतें बाहरी लोगों को देने जा रही है, ऐसे में हमें भी सरकार राहत प्रदान करे. यही नहीं जो नई पॉलिसी आई है, उसके तहत सभी के नक्शे पास किए जाएं.