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Himachal Green Cover Target :हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए 2030 तक टारगेट फिक्स, जानें CM ने क्या कहा - जायका वर्कशॉप शिमला में

हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. साल 2030 तक 30 फीसदी ग्रीन कवर का टारगेट तय किया गया है. यह बात सीएम सुखविंदर सिंह ने कही. पढ़ें पूरी खबर..

Himachal Green Cover Target
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Published : May 25, 2023, 7:20 AM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में आयोजित जायका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की तीन दिवसीय कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के ग्रीन कवर को बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन कवर है, जिसको सरकार ने वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

4 हजार 600 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण: मुख्यमंत्री ने कहा कि जायका द्वारा फंडेड वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में ग्रीन एरिया बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से 4 हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है. सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने और 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.

72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा: इसके अलावा राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है. मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते कहा कि पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज और वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता है.

15 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया: मुख्यमंत्री ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की. इस परियोजना में वन आधारित समुदायों और वन विभाग के कर्मचारियों के लिए स्किल अपग्रेडेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को भी प्राथमिकता दी गई है. जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाना सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाना वर्तमान प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकता है. इस दिशा में राज्य सरकार ने कई पहल की हैं. भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि जायका द्वारा फंडेड परियोजना हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मुख्यमंत्री ने वन विभाग को परियोजना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू करने और पहले चरण में छूटे गए क्षेत्रों को इसमें शामिल करने के लिए भी कहा.

बैठक में इन्होंने लिया हिस्सा: इस बैठक में धर्मशाला से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक संजय रतन, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया और मलेंदर राजन वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. इस अवसर पर शिमला से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, जायका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, पीसीसीएफ (एचओएफएफ) राजीव कुमार, जाईका इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधि वातानाबे जुन, मुख्य विकास विशेषज्ञ जेआईसीए इंडिया विनीत सरीन, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश का ग्रीन स्टेट की तरफ कदम: हमीरपुर में बन रहा पहला इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, जानें कितनी देर में बस होगी चार्ज

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में आयोजित जायका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की तीन दिवसीय कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के ग्रीन कवर को बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन कवर है, जिसको सरकार ने वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

4 हजार 600 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण: मुख्यमंत्री ने कहा कि जायका द्वारा फंडेड वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में ग्रीन एरिया बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से 4 हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है. सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने और 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है.

72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा: इसके अलावा राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है. मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते कहा कि पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज और वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता है.

15 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया: मुख्यमंत्री ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की. इस परियोजना में वन आधारित समुदायों और वन विभाग के कर्मचारियों के लिए स्किल अपग्रेडेशन और कैपेसिटी बिल्डिंग को भी प्राथमिकता दी गई है. जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाना सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाना वर्तमान प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकता है. इस दिशा में राज्य सरकार ने कई पहल की हैं. भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे. उन्होंने कहा कि जायका द्वारा फंडेड परियोजना हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मुख्यमंत्री ने वन विभाग को परियोजना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू करने और पहले चरण में छूटे गए क्षेत्रों को इसमें शामिल करने के लिए भी कहा.

बैठक में इन्होंने लिया हिस्सा: इस बैठक में धर्मशाला से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक संजय रतन, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया और मलेंदर राजन वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. इस अवसर पर शिमला से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, जायका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, पीसीसीएफ (एचओएफएफ) राजीव कुमार, जाईका इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधि वातानाबे जुन, मुख्य विकास विशेषज्ञ जेआईसीए इंडिया विनीत सरीन, मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे.

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