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गुड सेमेरिटन बन बचाएं लोगों की जान, जांच के लिए पुलिस नहीं करेगी परेशान

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Published : Jan 22, 2021, 7:54 PM IST

आरटीओ धर्मशाला कार्यालय की टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्राइवर, कंडक्टर समेत अन्य स्टेक होल्डर को मोटर व्हीकल एक्ट और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया. सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की जान बचाने वाले गुड सेमेरिटन का पुलिस और चिकित्सा अधिकारी परेशान नहीं करते. गुड सेमेरिटन को जांच अधिकारी या पुलिस केवल एक बार ही बुला जा सकेगा.

Good Semeritan campaign in dharamshala
गुड सेमेरिटन बन बचाएं लोगों की जान

धर्मशाला: देशभर में 18 जनवरी से एक महीने तक सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. हिमाचल में भी यह अभियान जोरों पर है. इसी कड़ी में आरटीओ धर्मशाला कार्यालय की टीम ने कांगड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में ड्राइवर, कंडक्टर समेत अन्य स्टेक होल्डर को मोटर व्हीकल एक्ट और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया.

धर्मशाला के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डॉ. संजय कुमार धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को गुड सेमेरिटन के अधिकारों के बारे जागरूक किया गया.

गुड सेमेरिटन नहीं होंगे परेशान

आरटीओ धर्मशाला ने बताया कि सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की जान बचाने वाले गुड सेमेरिटन का पुलिस और चिकित्सा अधिकारी परेशान नहीं करते. इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पारित किए हैं. अब जब भी कोई सेमेरिटन किसी घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएगा, तो उसे तुरन्त वापिस जाने की अनुमति दे दी जाएगी.

गुड सेमेरिटन के अधिकारों के बारे में किया जागरुक

अगर गुड सेमेरिटन की उपस्थिति जांच में जरूरी भी है, तो भी उसे जांच अधिकारी या पुलिस केवल एक बार ही बुला जा सकेगा. आरटीओ ने चालकों और अन्य उपस्थित व्यक्तियों से गुड सेमेरिटन के अधिकारों के प्रति जन-जन तक संदेश पहुंचाने का आग्रह किया. आरटीओ ने जागरूकता शिविर में भाग ले रहे स्टेक होल्डर से तेज गति से वाहन चलाने और सीट बेल्ट पहनने का भी आग्रह किया.

गुड सेमेरिटन बन जिंदगी बचाने में सहयोग की अपील कर चुके हैं मुख्यमंत्री

18 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि अक्सर यह देखा गया है कि घायल को सड़क पर पड़ा देख कोई उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आता, क्योंकि उसे लगता है कि पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. लेकिन अब गुड सेमेरिटन के माध्यम से यदि कोई व्यक्ति सड़क पर पड़े व्यक्ति को अस्पताल पहुंचता है तो घायल को अस्प्ताल लाने वाले व्यक्ति से पुलिस बेवजह पूछताछ नहीं करेगी.

ये भी पढ़ेंः सरबजीत सिंह बॉबी 31 मार्च से बंद करेंगे लंगर सेवा

धर्मशाला: देशभर में 18 जनवरी से एक महीने तक सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. हिमाचल में भी यह अभियान जोरों पर है. इसी कड़ी में आरटीओ धर्मशाला कार्यालय की टीम ने कांगड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में ड्राइवर, कंडक्टर समेत अन्य स्टेक होल्डर को मोटर व्हीकल एक्ट और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया.

धर्मशाला के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डॉ. संजय कुमार धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को गुड सेमेरिटन के अधिकारों के बारे जागरूक किया गया.

गुड सेमेरिटन नहीं होंगे परेशान

आरटीओ धर्मशाला ने बताया कि सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की जान बचाने वाले गुड सेमेरिटन का पुलिस और चिकित्सा अधिकारी परेशान नहीं करते. इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पारित किए हैं. अब जब भी कोई सेमेरिटन किसी घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएगा, तो उसे तुरन्त वापिस जाने की अनुमति दे दी जाएगी.

गुड सेमेरिटन के अधिकारों के बारे में किया जागरुक

अगर गुड सेमेरिटन की उपस्थिति जांच में जरूरी भी है, तो भी उसे जांच अधिकारी या पुलिस केवल एक बार ही बुला जा सकेगा. आरटीओ ने चालकों और अन्य उपस्थित व्यक्तियों से गुड सेमेरिटन के अधिकारों के प्रति जन-जन तक संदेश पहुंचाने का आग्रह किया. आरटीओ ने जागरूकता शिविर में भाग ले रहे स्टेक होल्डर से तेज गति से वाहन चलाने और सीट बेल्ट पहनने का भी आग्रह किया.

गुड सेमेरिटन बन जिंदगी बचाने में सहयोग की अपील कर चुके हैं मुख्यमंत्री

18 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि अक्सर यह देखा गया है कि घायल को सड़क पर पड़ा देख कोई उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आता, क्योंकि उसे लगता है कि पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. लेकिन अब गुड सेमेरिटन के माध्यम से यदि कोई व्यक्ति सड़क पर पड़े व्यक्ति को अस्पताल पहुंचता है तो घायल को अस्प्ताल लाने वाले व्यक्ति से पुलिस बेवजह पूछताछ नहीं करेगी.

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