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पूर्व सीएम शांता कुमार ने धर्मगुरु दलाई लामा काे भारत रत्न देने की फिर उठाई मांग

हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर धर्मगुरु दलाई लामा के जन्म दिवस पर 160 भारतीय सांसदाें की मांग को फिर दोहराया हैं.

shanta kumar
फोटो.
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Published : Jul 6, 2020, 9:51 PM IST

पालमपुर: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर महामना दलाई लामा के जन्म दिवस पर 160 भारतीय सांसदाें की मांग को फिर दोहराया हैं.

शांता कुमार ने कहा कि सदन में 2014 से 2019 तक सभी पार्टियों की तिब्बत संबधी फोरम के अध्यक्ष के नाते तत्कालीन फोरम में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग उठाई थी.

विश्व का सर्वोच्च सम्मान नोबल पुरस्कार महामना दलाई लामा को पहले ही मिल चुका है और कई देशाें के अनेकाें महत्वपूर्ण सम्मान उन्हें मिल चुके हैं. भारतीय संसद में सभी पार्टियों का यह फोरम उसी अंतरराष्ट्रीय फोरम का हिस्सा है, जो तिब्बत के सम्बंध में लम्बे समय से कार्य करता रहा है. उस प्रस्ताव पर सभी पार्टियों के 160 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे.

इस फोरम के प्रस्ताव उपरांत निर्वासित तिब्बत संसद के उप-सभापति यशी आचार्य की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला था. फोरम के प्रस्ताव की प्रति उन्हें दी गई थी और तिब्बत संसद की ओर से भी यह मांग की गई थी.

शांता कुमार ने कहा कि बदली हुई अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में महामना दलाई लामा को यह पुरस्कार देना और भी आवश्यक हो गया है. इस समय महामना दलाई लामा विश्व के सबसे अधिक सम्मानित आध्यात्मिक नेता हैं.

तिब्बत जैसे शांतिप्रिय देश को हजारों लोगों के नर संहार के बाद चीन की ओर से गुलाम बनाना 21वीं सदी की सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी रही है. सभी पार्टियों के 160 सांसदों ने तब यह सयुंक्त मांग पत्र प्रधानमंत्री को दिया था. जबकि आज तो पूरा भारत ही इसकी मांग कर रहा है.

पढ़ें: IGMC में जल्द तैयार होगा नया ऑपरेशन थिएटर, कोरोना संदिग्ध मरीजों को बिना देरी के मिलेगा उपचार

पालमपुर: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर महामना दलाई लामा के जन्म दिवस पर 160 भारतीय सांसदाें की मांग को फिर दोहराया हैं.

शांता कुमार ने कहा कि सदन में 2014 से 2019 तक सभी पार्टियों की तिब्बत संबधी फोरम के अध्यक्ष के नाते तत्कालीन फोरम में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग उठाई थी.

विश्व का सर्वोच्च सम्मान नोबल पुरस्कार महामना दलाई लामा को पहले ही मिल चुका है और कई देशाें के अनेकाें महत्वपूर्ण सम्मान उन्हें मिल चुके हैं. भारतीय संसद में सभी पार्टियों का यह फोरम उसी अंतरराष्ट्रीय फोरम का हिस्सा है, जो तिब्बत के सम्बंध में लम्बे समय से कार्य करता रहा है. उस प्रस्ताव पर सभी पार्टियों के 160 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे.

इस फोरम के प्रस्ताव उपरांत निर्वासित तिब्बत संसद के उप-सभापति यशी आचार्य की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिला था. फोरम के प्रस्ताव की प्रति उन्हें दी गई थी और तिब्बत संसद की ओर से भी यह मांग की गई थी.

शांता कुमार ने कहा कि बदली हुई अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में महामना दलाई लामा को यह पुरस्कार देना और भी आवश्यक हो गया है. इस समय महामना दलाई लामा विश्व के सबसे अधिक सम्मानित आध्यात्मिक नेता हैं.

तिब्बत जैसे शांतिप्रिय देश को हजारों लोगों के नर संहार के बाद चीन की ओर से गुलाम बनाना 21वीं सदी की सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी रही है. सभी पार्टियों के 160 सांसदों ने तब यह सयुंक्त मांग पत्र प्रधानमंत्री को दिया था. जबकि आज तो पूरा भारत ही इसकी मांग कर रहा है.

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