धर्मशाला: हिमचाल प्रदेश में अप्रैल माह से फायर सीजन शुरू होने को है, जो कि अग्निशमन कर्मियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं रहेगा. हर साल जंगलों को आग से बचाने में अग्निशमन कर्मचारियों का बहुत बड़ा सहयोग रहता है. लेकिन इस बार का फायर सीजन इन कर्मचारियों के लिए मुश्किल भरा रहने वाला है, जिसका सबसे बड़ा कारण है कि अग्निशमन विभाग में चल रही कर्मचारियों की कमी. बता दें कि इस बार सिर्फ 10 फायर कर्मियों के हवाले ही धर्मशाला के जंगलों की रक्षा का जिम्मा होगा.
अग्निशमन विभाग में 7 फायर मैन की पोस्टें रिक्त: अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग में फायर मैन की 16 पोस्टें हैं. इसमें से एक पोस्ट होम गार्ड की है. बता दें की 16 सेंक्शन पोस्टों में से 7 फायर मैन की पोस्टें खाली हैं. इतना ही नहीं विभाग में चालकों के पद भी खाली चल रहें हैं. अग्निशमन विभाग में चालकों की 9 पोस्टें हैं, जिनमें से 4 पद रिक्त हैं. ऐसे में इस बार फायर सीजन के दौरान कर्मचारियों की कमी के कारण अग्निशमन विभाग के लिए जंगलों में अग्निकांड की घटनाओं पर काबू पाना काफी मुश्किल रहने वाला है.
फर्जी कॉल फायर विभाग के लिए चुनौती: फायर सीजन के दौरान कुछ शरारती तत्वों द्वारा भी अग्निशमन विभाग को अपने मजे के लिए परेशान किया जाता है और विभाग को आगजनी के बारे में फर्जी कॉल की जाती हैं. इसलिए इन शरारती तत्वों से निपटना भी विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है. अकसर देखा गया है कि अग्निशमन विभाग को जो फर्जी कॉल आते हैं, उनके कारण विभाग के अधिकारियों का समय बर्बाद होता है. जिससे कर्मियों को आगजनी की घटनाओं तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती है. इसलिए अग्निशमन विभाग ने जनता से सहयोग की आशा रखते हुए विभाग को फर्जी कॉल न करने की अपील की है.
सभी फायर कर्मियों की छुट्टियां रद्द: उप-अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि 14 अप्रैल से शुरू होने वाले फायर सीजन को लेकर अग्निशमन विभाग ने अपनी सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. इसके लिए बकायदा शहर के सभी हाइड्रेंट की भी जांच कर ली गई है, ताकि अगर कहीं पर भी अग्निकांड होता है तो समय पर उस पर काबू पाया जा सके. वहीं, फायर सीजन को लेकर सभी फायर कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं. अब केवल इमरजेंसी के दौरान ही फायर कर्मियों को अवकाश मिल पाएगा. फायर सीजन के दौरान सभी कर्मियों की शिफ्ट के अनुसार ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही लोगों को भी इस बारे में जागरूक किया जा रहा है. जिससे कि लोग भी समय पर आगजनी की सूचना दें पाएं और विभाग तुरंत कार्रवाई कर सके.
धर्मशाला में 23 हाइड्रेंट चालू, एक खराब: बता दें जिला भर में एक मुख्य अग्निशमन केंद्र के अलावा चार उप-अग्निशमन केंद्र हैं. जबकि 10 फायर चौकियां हैं. मुख्य अग्निशमन केंद्र के अलावा उप-अग्निशमन केंद्रों में दो बड़े वाहनों के अलावा एक छोटा वाहन, जबकि फायर चौकियों में एक बड़ा वाहन और एक एक छोटा वाहन उपलब्ध है. इतना ही नहीं अग्निशमन विभाग की ओर से सभी कर्मियों को हिदायत जारी की गई है कि वह 24 घंटे सतर्क रहें, ताकि इस बार अग्निकांड की घटनाओं से निपटा जा सके. इसके अतिरिक्त धर्मशाला में लगभग 24 हाइड्रेंट हैं. जिनमें 23 हाइड्रेंट चालू अवस्था में हैं और एक खराब है. अग्निशमन अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि बीड़ी, सिगरेट जंगलों में न फेंके. जिससे कि जंगलों में अग्निकांड ना हो. क्योंकि जंगलों में आग लगने से सिर्फ वन संपदा ही नहीं नष्ट होती है, बल्कि इससे असंख्य जीव जंतु मौत का ग्रास बन जाते हैं.
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