धर्मशाला: चंबा की बेटी शिखा ने HAS की परीक्षा में कड़ी मेहनत के दम पर चौथा मुकाम हासिल किया था. शिखा ने मात्र 25 साल की उम्र में ये सफलता हासिल किया है. एचएएस की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है. कई चरणों में परीक्षा होती है. शिखा आज उन लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जो असफलता मिलने पर निराश हो जाते हैं. ईटीवी भारत ने शिखा से खास बातचीत की और ये जानने की कोशिश की शिखा ने ये मुकाम कैसे हासिल किया. पेश हैं बातचीत के कुछ अंश.
सवाल. हर कामयाबी के पीछे कोई ना कोई होता है और उनका रोल मॉडल होता है, शिखा इस सफलता के पीछे आप किसको अपना रोल मॉडल मानती हैं?
जवाब. हमेशा से अपनी मां की तरह बनना चाहती हूं और उन्हें ही अपना रोल मॉडल मानती हूं. भले ही आज उनकी मां उनके साथ नहीं हैं पर वो ऊपर से उन्हें देख रही हैं और उन पर गर्व कर रही हैं.
सवाल. हम सभी जानते हैं कि कोई भी मुकाम हासिल करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आपका अनुभव कैसा रहा ?
जवाब. असफलता मिलने के बाद हमेशा मोटिवेट रहना चाहिए. महिला होने के नाते हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं होता है और हमें जो भी करना होता है, जल्दी करना होता है. साथ ही कहा कि शायद मेरे पास भी ज्यादा मौके नहीं होते अगर में 26 या 28 साल की हो जाती.
सवाल. किसी भी सफलता के लिए बहुत मेहनत लगती है वो कौन सी ऐसी चीज थी जो आपको हार्ड वर्क के लिए प्रेरित करती रही ?
जवाब. जब आप 5 साल से कड़ी मेहनत करते हैं और वो मेहनत आप दुनिया को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए करते हो कि आप किसी के काम आ सके. उन्होंने कहा कि वो हमेशा ये सोचती थी कि जब वो मुकाम हासिल करेंगी तो उनके पापा के लिए वो पल गर्व वाला होगा.
सवाल. हमने देखा कि कई बच्चों को जब सफलता नहीं मिलती तो वो ना उम्मीद और निराश होकर डिप्रेशन में चले जाते हैं... लेकिन आपने हार नहीं मानी और चौथी बार में सफलता हासिल की... क्या कहेंगी ?
जवाब. हमें हमेशा धैर्य और अपने ऊपर विश्वास करना चाहिए और कभी भी नहीं सोचना चाहिए कि हम ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कभी ना कभी सबका दिन आता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमे हमेशा कड़ी मेहनत और अपनी गलतियों पर काम करते रहना चाहिए.
सवाल. शिखा हमने तस्वीरों में देखा कि आप जब इस उपलब्धि के बाद पहली बार गांव पहुंची तो आप अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाईं और भावुक हो गईं ?
जवाब. जब मेरे पापा ने शाबाश बोला, तो मैं बहुत भावुक हो गई और चाहती थी कि ये पल कभी खत्म ना हो. वो पल मेरे लिए और मेर परिवार के लिए गर्व का पल था.
सवाल. शिखा आपकी इस कामयाब यात्रा में परिवार के सपोर्ट की कितनी जरूरत महसूस हुई ?
जवाब. हमेशा उनके पापा और परिवारवालों ने उनका साथ दिया और हमेशा अच्छा करने के लिए प्रेरित किया. पापा ने हमेशा उनको आगे बढ़ने की स्वंतत्रता दी और कभी भी शादी के लिए फोर्स नहीं किया.
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