धर्मशाला: योल कैंट धर्मशाला में सेना अस्पताल का वर्तमान भवन सड़क से काफी दूर ऊंचाई पर है, ऐसे में अब इसके नए भवन का निर्माण मेन रोड के साथ किया जाएगा. इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है और जल्द कार्य भी शुरू होगा. इस भवन में डेंटल सेंटर भी बनाया जाएगा. यह बात जीओसी इन सी वेस्टर्न कमांड लेफ्टिनेंट जनरल नव के खंडुरी (अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल) ने राइजिंग स्टार कॉप्स योल द्वारा रविवार को राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित मेगा एक्स सर्विसमैन रैली में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कही. (Ex Servicemen Rally at Yol Cantt Dharamshala) (Ex Servicemen Rally at Rajendra Stadium) (Ex Servicemen Rally 2022)
उन्होंने कहा कि एक अन्य प्रोजेक्ट सीनियर वेटरन होम कम ट्रांसेट फैसिलिटी को क्रिएट करने की इन प्रिंसिपल अप्रूवल मिल गई है. जिसमें 20 कमरों का निर्माण किया जाएगा और यह निर्माण गोल्फ कोर्स के समीप जो सेना का हेलीपैड है, उस इलाके में किया जाएगा. जिससे दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले एक्स सर्विसमैन या उनके परिवार सदस्यों को यहां बेहतर तरीके की ठहरने की सुविधा यहां मिल सके. इसकी अनुमानित लागत 8 करोड़ के करीब रहेगी और आगामी एक-डेढ़ साल में इसे तैयार कर दिया जाएगा. इस दौरान जहां न्यू जनरेशन वेपन की प्रदर्शनी लगाई गई. वहीं, एक्स सर्विसमैन के लिए मेडिकल कैंप का भी आयोजन किया गया.
कोविड में रुके कार्यों को पुनः किया जाएगा शुरू- उन्होंने कहा कि वेस्टर्न कमांड का आउटरीच कार्यक्रम के तहत साइकिलिंग रैली या मेडिकल कैंपों का आयोजन किया जा रहा है. 2 साल कोविड की वजह से जो कार्यक्रम नहीं हो पाए थे, उन्हें पुन: शुरू किया गया है. ईसीएचएस का रिजनल सेंटर योल में खोला गया है, इसके माध्यम से जो समस्याएं हैं, उन्हें हल करना और रेफरल केसों में इससे मदद मिलेगी. कैंटीनों में सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है. सैनिक रेस्ट हाउसों में सुधार के लिए सुझाव आया था, उसे भी वेस्टर्न कमांड को भेजा गया है. (Rally at Rajendra Stadium) (Yol Cantt Dharamshala)
'इंडियन आर्मी एक बड़ा परिवार'- राइजिंग स्टार कॉप्स योल द्वारा रविवार को राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित मेगा एक्स सर्विसमैन रैली में जीओसी इन सी वेस्टर्न कमांड लेफ्टिनेंट जनरल नव के खंडुरी ने कहा कि हिमाचल की धरती, भारतीय फौज के साथ लंबे अरसे से जुड़ी हुई है. सेना और हिमाचल का यूं मानों कोई विशेष नाता है. बहुत से वीर हिमाचल की धरती ने पैदा किए हैं, जिन्होंने अपने साहस का उदाहरण सेट किया है और किसी की परवाह न करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, मैं उन वीर जवानों को याद करते हुए नमन करता हूं. मैं यह कहना चाहता हूं कि जब तक हम सर्विस में हैं और उसके बाद भी अपनी सेना के लिए कार्य करते रहेंगे. इंडियन आर्मी एक बड़ा परिवार है. इस परिवार का रिश्ता खत्म नहीं होता और चलता रहा है, चाहे कार्यरत सैनिक हों या एक्ससर्विस मैन, जो सैनिक हैं, हमारा उत्तरदायित्व बनता है, कि हम एक्स सर्विसमैन की देखभाल करें.
'आशीर्वाद और शुभकामनाओं से आज इस मुकाम पर हूं'- उन्होंने कहा कि बचपन में स्कूल जाने वाले बच्चे जब स्कूल जाते हैं, तो वे फौज को देखते रहते हैं, उससे उनमें कॉन्फिडेंस आता है, जिसके बाद वे कमीशन या भर्ती के लिए तैयार हो जाते हैं या मोटिवेट होते हैं. इसके बाद लग्न और मेहनत हर किसी को करनी पड़ती है. बड़ों का आशीर्वाद और सभी की शुभकामनाएं होती हैं, इसी तरह के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से मैं भी इस मुकाम पर पहुंचा हूं. मुझे यकीन है कि इस उदाहरण को देखते हुए और हमारे अधिकारियों के साथ यहां से निकले यौद्धाओं को देखते हुए हमारा युवा वर्ग जो यहां आया है, भविष्य में सेना के किसी भी अंग में कार्य करने के लिए प्रयास करें.
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