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दिव्यांग नहीं दिखा रहे यूनिक डिसेबिलिटी आईडी बनाने में रुचि, रिपोर्ट में खुलासा

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Published : Feb 11, 2020, 11:20 AM IST

केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन दिव्यांग इनका लाभ लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं. जिला कल्याण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से तो ऐसा ही नजर आ रहा है.

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धर्मशाला: केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन दिव्यांग इनका लाभ लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं. जिला कल्याण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से तो ऐसा ही नजर आ रहा है. यही वजह है कि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए दिव्यांग आगे नहीं आ रहे हैं.

विभागीय जानकारी के अनुसार जिला में 14,623 दिव्यांग, कल्याण विभाग के पास पंजीकृत हैं, लेकिन यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए मात्र 5,418 ने ही आवेदन किया है. इनमें से भी अधूरे दस्तावेजों के कारण 2,049 आवेदन रद्द हो चुके हैं.

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केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं, जो कि देश भर में मान्य होंगे. इन्हीं कार्ड के माध्यम से दिव्यांगों को उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा.

यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने का कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था. कोई भी दिव्यांग लोकमित्र केंद्र में जाकर आधार, मेडिकल और फोटो के माध्यम से यह कार्ड बनवा सकता है, लेकिन दिव्यांग इस दिशा में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस बारे में दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए अब अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे पंजीकृत दिव्यांगों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी न हो.

तहसील स्तर पर पंजीकृत दिव्यांगों के आंकड़े के अनुसार बैजनाथ में 1,529, बड़ोह में 466, देहरा/ज्वालामुखी/रक्कड़ में 2,358, धर्मशाला में 1,870, फतेहपुर में 651, इंदौरा में 1,027, जयसिंहपुर में 1,199, जसवां/डाडासीबा में 381, ज्वाली में 1,432, कांगड़ा/नगरोटा बगवां में 2,642, खुंडियां में 637, नूरपुर में 2,012, पालमपुर में 3,412 और शाहपुर तहसील में 1,441 दिव्यांग पंजीकृत हैं.

वहीं, जिला कल्याण अधिकारी असीम सूद ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं. जिला में 14,623 दिव्यांग पंजीकृत हैं, जबकि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए 5,418 ने ही आवेदन किया है. अधूरे दस्तावेजों की वजह से कई आवेदन रद्द भी हुए हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांग योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जल्द यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाना सुनिश्चित करें.

ये भी पढ़ें: 11 फरवरी: सुबह 9 बजे तक की 10 बड़ी खबरें

धर्मशाला: केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन दिव्यांग इनका लाभ लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं. जिला कल्याण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से तो ऐसा ही नजर आ रहा है. यही वजह है कि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए दिव्यांग आगे नहीं आ रहे हैं.

विभागीय जानकारी के अनुसार जिला में 14,623 दिव्यांग, कल्याण विभाग के पास पंजीकृत हैं, लेकिन यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए मात्र 5,418 ने ही आवेदन किया है. इनमें से भी अधूरे दस्तावेजों के कारण 2,049 आवेदन रद्द हो चुके हैं.

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केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं, जो कि देश भर में मान्य होंगे. इन्हीं कार्ड के माध्यम से दिव्यांगों को उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा.

यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने का कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था. कोई भी दिव्यांग लोकमित्र केंद्र में जाकर आधार, मेडिकल और फोटो के माध्यम से यह कार्ड बनवा सकता है, लेकिन दिव्यांग इस दिशा में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस बारे में दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए अब अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे पंजीकृत दिव्यांगों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी न हो.

तहसील स्तर पर पंजीकृत दिव्यांगों के आंकड़े के अनुसार बैजनाथ में 1,529, बड़ोह में 466, देहरा/ज्वालामुखी/रक्कड़ में 2,358, धर्मशाला में 1,870, फतेहपुर में 651, इंदौरा में 1,027, जयसिंहपुर में 1,199, जसवां/डाडासीबा में 381, ज्वाली में 1,432, कांगड़ा/नगरोटा बगवां में 2,642, खुंडियां में 637, नूरपुर में 2,012, पालमपुर में 3,412 और शाहपुर तहसील में 1,441 दिव्यांग पंजीकृत हैं.

वहीं, जिला कल्याण अधिकारी असीम सूद ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं. जिला में 14,623 दिव्यांग पंजीकृत हैं, जबकि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए 5,418 ने ही आवेदन किया है. अधूरे दस्तावेजों की वजह से कई आवेदन रद्द भी हुए हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांग योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जल्द यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाना सुनिश्चित करें.

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Intro:धर्मशाला- केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन दिव्यांग हैं कि इनका लाभ लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिला कल्याण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से तो ऐसा ही नजर आ रहा है। यही वजह है कि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए दिव्यांग आगे नहीं आ रहे हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार जिला में 14623 दिव्यांग, कल्याण विभाग के पास पंजीकृत हैं, लेकिन यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए मात्र 5418 ने ही आवेदन किया है। इनमें से भी अधूरे दस्तावेजों की वजह से 2049 आवेदन रद हो चुके हैं। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं, जो कि देश भर में मान्य होंगे तथा इन्हीं कार्ड के माध्यम से दिव्यांगों को उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा।




Body:यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने का कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। कोई भी दिव्यांग लोकमित्र केंद्र में जाकर आधार, मेडिकल और फोटो के माध्यम से यह कार्ड बनवा सकता है, लेकिन दिव्यांग इस दिशा में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। दिव्यांगों को इस बारे जागरूक करने के लिए अब अभियान चलाने जा रहा है, जिससे पंजीकृत दिव्यांगों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने में किसी तरह की परेशानी न हो। तहसील स्तर पर पंजीकृत दिव्यांगों के आंकड़े के अनुसार बैजनाथ में 1529, बड़ोह में 466, देहरा/ज्वालामुखी/रक्कड़ में 2358, धर्मशाला में 1870, फतेहपुर में 651, इंदौरा में 1027, जयसिंहपुर में 1199, जसवां/डाडासीबा में 381, ज्वाली में 1432, कांगड़ा/नगरोटा बगवां में 2642, खुंडियां में 637, नूरपुर में 2012, पालमपुर में 3412 और शाहपुर तहसील में 1441 दिव्यांग पंजीकृत हैं। 





Conclusion:वही असीम सूद, जिला कल्याण अधिकारी, जिला कांगड़ा केंद्र सरकार के निर्देशानुसार दिव्यांगों के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिला में 14623 दिव्यांग पंजीकृत हैं, जबकि यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाने के लिए 5418 ने ही आवेदन किया है। अधूरे दस्तावेजों की वजह से कई आवेदन रद भी हुए हैं। दिव्यांग योजनाओं का लाभ उठाने के लिए शीघ्र यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बनाना सुनिश्चित करें।

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