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हिमाचल में सामान्य से कम बारिश के बाद भी गहरे जख्म दे गया मानसून, जान-माल का हुआ भारी नुकसान - Loss in Monsoon season

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Loss in Monsoon season: इस मानसून सीजन ने हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं. शुरुआती दौर में बारिश कम होने से जहां खेती और बागवानी को नुकसान पहुंचा है. वहीं, बाद में अलग-अलग जगहों पर बादल फटने से हुए नुकसान से जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा है. डिटेल में पढ़ें खबर...

LOSS IN MONSOON SEASON
मानसून सीजन में हिमाचल को भारी नुकसान (फाइल फोटो)

शिमला: हिमाचल में इस बार मानसून लंबे समय तक सक्रिय रहा. हालांकि इस बार सामान्य से कम हुई बरसात ने छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. प्रदेश में कम बारिश होने के बाद भी हिमाचल को 1360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

इस दौरान सबसे अधिक चपत लोक निर्माण विभाग को लगी है. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें धंसने व रिटेनिंग वॉल गिरने से पीडब्ल्यूडी को अब तक 633 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

ऐसे में मानसून सीजन में सड़कें बाधित होने से लोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ी हैं. वहीं, बरसात में जल शक्ति विभाग के 540 करोड़ रुपये पानी में बह गए हैं. प्रदेशभर में भूस्खलन होने, खड्डों और नालों में बाढ़ आने से पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन की वजह से सैकड़ों किलोमीटर पानी की लाइन टूट कर बर्बाद हो गई हैं जिसकी मरम्मत के लिए अब विभाग को करोड़ों रुपये की जरूरत है.

बागवानी पर भी भारी पड़ी बरसात

प्रदेश में कृषि और बागवानी बारिश पर आधारित है लेकिन मानसून में एक ही समय में अत्यधिक बारिश फसल के लिए नुकसानदायक साबित हुई है. फल राज्य के नाम से विख्यात हिमाचल में बरसात में बागवानी को 139 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है.

बागवानों की सेब सहित अन्य फसलें बर्बाद होने से नुकसान झेलना पड़ा है. इस बार सर्दियों के मौसम में अच्छी बारिश और बर्फबारी ना होने से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पाए थे जिस कारण सेब की फसल पहले ही कम है.

वहीं, खेती को बरसात में 1.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल में 80 फीसदी से अधिक की आबादी गांव में बसती है. ग्रामीणों की रोजी-रोटी का मुख्य साधन कृषि और बागवानी है.

342 लोगों की गई जान

हिमाचल में सामान्य से कम बारिश के बाद भी 342 लोगों की दुखद मौत हुई है. नदी और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने और भूस्खलन की वजह से 28 लोग लापता हुए हैं. मानसून सीजन में 535 लोग घायल हुए हैं. वहीं, 24 घंटे के भीतर अत्यधिक बारिश होने से 389 पशु अकाल मौत का ग्रास बने हैं. इस दौरान 81 पक्के भवनों को नुकसान पहुंचा है और 122 पक्के मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसी तरह से 162 कच्चे मकान पूरी तरह से बरसात की भेंट चढ़ गए हैं और 412 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.

ये भी पढ़ें: अब बीबीएमबी की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी CISF, 4 दशकों तक हिमाचल पुलिस के पास थी जिम्मेवारी

ये भी पढ़ें: केंद्र से मिली 66 परियोजनाओं को एफसीए क्लीयरेंस, विकास कार्यों में आएगी तेजी

शिमला: हिमाचल में इस बार मानसून लंबे समय तक सक्रिय रहा. हालांकि इस बार सामान्य से कम हुई बरसात ने छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल को गहरे जख्म दिए हैं. प्रदेश में कम बारिश होने के बाद भी हिमाचल को 1360 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

इस दौरान सबसे अधिक चपत लोक निर्माण विभाग को लगी है. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन, सड़कें धंसने व रिटेनिंग वॉल गिरने से पीडब्ल्यूडी को अब तक 633 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

ऐसे में मानसून सीजन में सड़कें बाधित होने से लोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ी हैं. वहीं, बरसात में जल शक्ति विभाग के 540 करोड़ रुपये पानी में बह गए हैं. प्रदेशभर में भूस्खलन होने, खड्डों और नालों में बाढ़ आने से पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन की वजह से सैकड़ों किलोमीटर पानी की लाइन टूट कर बर्बाद हो गई हैं जिसकी मरम्मत के लिए अब विभाग को करोड़ों रुपये की जरूरत है.

बागवानी पर भी भारी पड़ी बरसात

प्रदेश में कृषि और बागवानी बारिश पर आधारित है लेकिन मानसून में एक ही समय में अत्यधिक बारिश फसल के लिए नुकसानदायक साबित हुई है. फल राज्य के नाम से विख्यात हिमाचल में बरसात में बागवानी को 139 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है.

बागवानों की सेब सहित अन्य फसलें बर्बाद होने से नुकसान झेलना पड़ा है. इस बार सर्दियों के मौसम में अच्छी बारिश और बर्फबारी ना होने से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पाए थे जिस कारण सेब की फसल पहले ही कम है.

वहीं, खेती को बरसात में 1.32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल में 80 फीसदी से अधिक की आबादी गांव में बसती है. ग्रामीणों की रोजी-रोटी का मुख्य साधन कृषि और बागवानी है.

342 लोगों की गई जान

हिमाचल में सामान्य से कम बारिश के बाद भी 342 लोगों की दुखद मौत हुई है. नदी और नालों में पानी के तेज बहाव के साथ मलबा आने और भूस्खलन की वजह से 28 लोग लापता हुए हैं. मानसून सीजन में 535 लोग घायल हुए हैं. वहीं, 24 घंटे के भीतर अत्यधिक बारिश होने से 389 पशु अकाल मौत का ग्रास बने हैं. इस दौरान 81 पक्के भवनों को नुकसान पहुंचा है और 122 पक्के मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसी तरह से 162 कच्चे मकान पूरी तरह से बरसात की भेंट चढ़ गए हैं और 412 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.

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