धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को मानसून का कहर देखने को मिला. कांगड़ा जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए. पर्यटन नगरी धर्मशाला के भागसूनाग में पानी के तेज बहाव में गाड़ियां बह गईं. नाले के आए उफान की वजह से होटल और घरों को काफी नुकसान हुआ है. उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल (Deputy Commissioner Dr Nipun Jindal) ने कहा कि कांगड़ा जिला में भारी बारिश के चलते राहत और पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही नुकसान का आंकलन तैयार करने के लिए भी कहा गया है, ताकि प्रभावितों को तुरंत प्रभाव से राहत दी जा सके.
उपायुक्त कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने सोमवार को बोह के रूलेहड़ में भूस्खलन से हुए नुकसान तथा राहत कार्यों का जायजा लेने के उपरांत कहा कि भूस्खलन से मकान क्षतिग्रस्त (House Damaged By Landslide) हुए हैं. इसमें चार लोगों को बचा लिया गया है, जबकि अन्य लापता लोगों को ढूंढने के लिए एनडीएफआर (NDFR) सहित होमगार्ड और पुलिस के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) चलाया गया हुआ है. उपायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक भी रूलेहड़ में राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए उपस्थित थे.
उन्होंने बताया कि धर्मशाला उपमंडल के भागसूनाग में बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है. इस के लिए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) को मरम्मत कार्यों के लिए आवश्यक निर्देश (Necessary Instructions) दिए गए हैं. इसके साथ ही पुलिस विभाग द्वारा यातायात को सुचारू बनाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं.
वहीं, त्रियुंड में अस्सी के करीब लोगों को बचाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. भारी बारिश के चलते 32 मील के नजदीक भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) पर यातायात बाधित हुआ था, जिसे तुरंत प्रभाव के साथ बहाल कर दिया गया है. कांगड़ा उपमंडल के समीरपुर चकबन में मांझी खड्ड में बाढ़ के कारण एक व्यक्ति और दो पशु बह गए हैं जिन्हें ढूंढने का कार्य जारी है.
शाहपुर के ततवानी में शाहपुर खड्ड में बहे एक व्यक्ति के बचाव के लिए एनडीएफआर की टीम (NDFR Team) मौके पर कार्य कर रही है. उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने कहा कि जिला प्रशासन कंट्रोल रूम के माध्यम से जिलाभर में बारिश से हुए नुकसान और राहत कार्यों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर रहा है और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्तर पर लोगों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े.
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