धर्मशाला/पालमपुर: उत्तर भारत के हिमाचल सहित 5 राज्यों उत्तराखंड,हरियाणा,पंजाब और लद्दाख के 2 हजार किसानों का फूलों की खेती से न केवल उनका जीवन महक रहा है, बल्कि 700 हेक्टेयर में अलग-अलग फूलों की खुशबू से इलाके भी महक रहे हैं. सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन मिशन से यह संभव हो पाया है.
किसानों को 40 करोड़ का लाभ: जानकारी के मुताबिक इस मिशन के तहत उत्तर भारत के 5 राज्यों में 200 उद्यान व 20 वर्टिकल गार्डन स्थापित किए गए हैं.अभी तक 2 हजार किसान 40 करोड़ का लाभ कमा चुके हैं. दरअसर किसानों की आय बढ़ाने में वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी (सीएसआइआर-आइएचबीटी) संस्थान पालमपुर फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
90 प्रतिशत सब्सिडी: संस्थान द्वारा सीएसआईआर - फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पे पौध सामग्री का वितरण किया गया, जिसका लाभ करीब 2 किसानों ने उठाया. वर्तमान समय में करीब 700 हेकटेयर से अधिक क्षेत्र में आईएचबीटी के दिए गए पौधे किसानों द्वारा लगाए गए हैं.
कोल्ड स्टोरेज यूनिट दी: हिमाचल के किसान कार्नेशन, लिलियम, लिमोनियम, जरबेरा, गुलाब, गेंदा, और जिप्सोफिला आदि की खेती करते हैं. सीएसआईआर-आईएचबीटी ने फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत हिमाचल के किसानों को पुष्प फसलों के बेहतर संरक्षण और लाभ क्षमता में वृद्धि करने का माध्यम प्रदान किया. इस मिशन के तहत संस्थान ने हिमाचल सहित पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में कोल्ड स्टोरेज यूनिट प्रदान की है.
विदेशों पर निर्भर नहीं: सीएसआईआर आईएचबीटी संस्थान पालमपु के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत उद्यमियों को नई दिशा और नई तकनीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. कुछ फसलों जैसे ट्यूलिप, लिलियम की तरह उच्च कीमत वाली फसले व उनकी प्रोडक्शन तकनीक भारत में नहीं थी. उसके लिए हम विदेशों पर निर्भर थे, ऐसी तकनीकों को लेकर हम भारत में आए हैं. उन्होंने कहा कि मिशन के माध्यम से 40 करोड़ रुपए का का किसानों को लाभ हुआ है.
1200 किसान दूसरे राज्यों के: वरिष्ठ वैज्ञानिक भव्य भार्गव ने बताया कि फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत संस्थान किसानों को विकसित की हुई तकनीक से अवगत कराता है और किसानो के पास जाकर विभिन्न फसलों के बारे में जानकारी देता है. फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत 2 हजार किसानों में 800 किसान हिमाचल से और 1200 किसानों दूसरे राज्यों से ताल्लुक रखते हैं.
फूलों ने महका दिया जीवन: लेह लद्दाख की टाशी ने बताया कि हमारे साथ 20 किसान जुड़े हैं. हमको 5 लाख का फायदा हुआ है. वहीं, सिराज (मंडी ) के कुंदनलाल ने बताया कि सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत कार्य करते हुए पिछले साल 2022 में 11 लाख का लाभ हुआ. इस वर्ष अभी तक 19 लाख के करीब लाभ हो चुका है. उन्होंने कहा कि मेरे पास 3 कर्मचारी भी कार्य करते हैं. किसानों ने मिलकर को ऑपरेटिव सोसाइटी बनाई ,जिसमें 120 किसान पंजीकृत है और हर किसान अलग तरह के फूलों की खेती करता है, जिससे अच्छी आय हो रही है.
यह है उद्देश्य: बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 4 मार्च, 2021 को नई दिल्ली में वर्चुअल मोड के माध्यम से सीएसआईआर - फ्लोरीकल्चर मिशन’ का शुभारंभ किया था. सीएसआईआर - फ्लोरीकल्चर का उद्देश्य वाणिज्यिक फूलों की की फसलों, मौसमी/ वार्षिक फसलों पर ध्यान केंद्रित करना, मधुमक्खी पालन आदि शामिल है. फूलों की कुछ लोकप्रिय फसलों में मैरीगोल्ड, रोज़, कार्नेशन, क्राइसेंथेमम, ग्लेडियोलस, जरबेरा, कन्ना, लिलियम और ट्यूबरोज़ शामिल हैं.