कांगड़ा: जिला कांगड़ा में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. रोजाना 500 से लगभग 700 नए केस जिले में दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं, मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा. 10 से 15 लोग रोजाना कोरोना से दम तोड़ रहे हैं.
ऐसे में कांगड़ा जिलें में कोरोना रोगियों के लिए आयोजित स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होना शुरू हो गई हैं. सरकार द्वारा बनाए गए कोविड केयर सेंटर अब छोटे पड़ने लगे हैं. जिसको लेकर सरकार ने निजी अस्पतालों का भी रूख कर लिया है.
स्वास्थ्य सेवाएं को पहनाया जा रहा अमलिजामा
पिछले वर्ष भी कोरोना संकट के दौरान इस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं को अमलिजामा पहनाया गया था, परंतु जिला कांगड़ा में जिस प्रकार से कोरोना महामारी अपने पैर पसार रही है. यदि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो आने वाले समय में हालात और भी खराब हो सकते हैं.
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सरकार और जिला प्रशासन लगातार लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं, लेकिन अभी भी अधिकतर लोग कोरोना महामारी को हल्के में ले रहे हैं. शादी, सामारोह व अन्य स्थानों पर अभी भी कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिला में हालात इस तरह के हैं कि कहीं एक पूरा परिवार भी कोरोना संक्रमित हो रहा है, जबकि बाजारों में भी यह फैलता नजर आ रहा है.
सरकार ने किया निजी अस्पतालों से आग्रह
जिला कांगड़ा में भारी कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने जिला के निजी अस्पताल प्रबंधन से आग्रह किया गया है कि वहां कोविड केयर सेंटर स्थापित कर कोरोना रोगियों के लिए बेड की व्यवस्था की जाए. जिसको लेकर निजी अस्पताल प्रबंधन भी दुख की इस घड़ी में मदद को आगे आ रहे हैं. कांगड़ा जिला में ही पपरोला स्थित राज्य स्तरीय आयुर्वेदिक कॉलेज में 200 बिस्तरों की सुविधा तैयार कर ली गई है.
सहायता के लिए निजी अस्पताल आए सामने
इसके आलावा जिला के परौर स्थित राधा स्वामी स्तसंग में 200 बिस्तरों की व्यवस्था की गई हैं, जबकि इस परिसर की 1000 बिस्तर लगाने की क्षमता है. धर्मशाला के पूर्व कांग्रेस मंत्री सुधीर शर्मा ने भी सरकार से अपने पूरे घर को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया था ताकि सभी एकजुट होकर कोरोना महामारी से लड़ सकें.
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