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फेमस कांगड़ी चाय पत्ती से बनेगी कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन, CSIR ने तैयार किया फॉर्मूला

पूरी दुनिया में कांगड़ी धाम और कांगड़ा की चाय का जायका मशहूर है. अब कांगड़ा की चाय से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन भी बनाई जाएगी. सीएसआईआर-आईएचबीटी ने चाय से बनने वाले रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन का फॉर्मूला तैयार किया है.

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Published : Jul 30, 2019, 6:47 PM IST

कांगड़ी चाय पत्ती से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन बनाने को लेकर हुआ समझौता.

धर्मशाला: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और देवस्थलों के साथ-साथ प्रदेश का कांगड़ा जिला खान-पान की चीजों के लिए भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है. पूरी दुनिया में कांगड़ी धाम और कांगड़ा की चाय का जायका मशहूर है. अब कांगड़ा की चाय से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन भी बनाई जाएगी.

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कांगड़ी चाय पत्ती से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन बनाने को लेकर हुआ समझौता.

दरअसल, सीएसआईआर-आईएचबीटी(हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) ने चाय से बनने वाले रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन का फॉर्मूला तैयार किया है. सीएसआईआर ने इन बाबत दिल्ली की एक कंपनी मैसर्स कैमेलिया बीवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता भी कर लिया है.

सीएसआईआर इस कंपनी को दोनों उत्पादों की तकनीक देगी और कंपनी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के बाद कीमतें तय करेगी. कंपनी दोबारा तैयार किये जा रहे उत्पाद अगले साल तक बाजार में आ सकते हैं. सीएसआईआर के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. आरके सूद और निदेशक संजय कुमार का कहना है कि चाय से बनने वाले इन उत्पादों में एंटी ऑक्सीडेंट होंगे. लिहाजा यह उत्पाद सेहत के लिए भी अनुकूल होंगे.

रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन उत्पादों को कांगड़ा चाय की पत्तियों से तैयार किया गया है. आपको बता दें कि सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा तैयार इस तकनीक से यह उत्पाद किसी भी चाय पत्ती से तैयार किये जा सकते हैं. संस्थान के इस कोशिश से जिला के चाय बागवानों को भी ज्यादा मुनाफा कमाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.

धर्मशाला: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और देवस्थलों के साथ-साथ प्रदेश का कांगड़ा जिला खान-पान की चीजों के लिए भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है. पूरी दुनिया में कांगड़ी धाम और कांगड़ा की चाय का जायका मशहूर है. अब कांगड़ा की चाय से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन भी बनाई जाएगी.

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कांगड़ी चाय पत्ती से कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन बनाने को लेकर हुआ समझौता.

दरअसल, सीएसआईआर-आईएचबीटी(हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) ने चाय से बनने वाले रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन का फॉर्मूला तैयार किया है. सीएसआईआर ने इन बाबत दिल्ली की एक कंपनी मैसर्स कैमेलिया बीवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता भी कर लिया है.

सीएसआईआर इस कंपनी को दोनों उत्पादों की तकनीक देगी और कंपनी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के बाद कीमतें तय करेगी. कंपनी दोबारा तैयार किये जा रहे उत्पाद अगले साल तक बाजार में आ सकते हैं. सीएसआईआर के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. आरके सूद और निदेशक संजय कुमार का कहना है कि चाय से बनने वाले इन उत्पादों में एंटी ऑक्सीडेंट होंगे. लिहाजा यह उत्पाद सेहत के लिए भी अनुकूल होंगे.

रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन उत्पादों को कांगड़ा चाय की पत्तियों से तैयार किया गया है. आपको बता दें कि सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा तैयार इस तकनीक से यह उत्पाद किसी भी चाय पत्ती से तैयार किये जा सकते हैं. संस्थान के इस कोशिश से जिला के चाय बागवानों को भी ज्यादा मुनाफा कमाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.

Intro:धर्मशाला- प्रदेश की भूमि देश भक्ति ओर देवी देवताओं के लिए जानी जाती है। वही कांगड़ा जिले की बात की जाए तो दुनिया भर में कांगड़ा चाय अपने जायके के लिए जानी जाती है। बता दे कि कांगड़ा चाय से अब कोल्ड ड्रिंक और टी वाइन भी बनेगी। सीएसआईआर-आईएचबीटी ने चाय से बनने वाले रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन का फार्मूला तैयार किया है।
Body:वही सीएसआईआर ने दिल्ली की एक कंपनी मैसर्स कैमेलिया बीवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता कर लिया है। सीएसआईआर इस कंपनी को दोनों उत्पादों की तकनीक देगी और कंपनी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के बाद कीमतें तय करेगी। कम्पनी दोबारा तैयार किये जा रहे उत्पाद अगले साल तक बाजार में आ सकते है। सीएसआईआर के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. आरके सूद और निदेशक संजय कुमार का कहना है कि चाय से बनने वाले इन उत्पादों में एंटी ऑक्सीडेंट होंगे। लिहाजा यह उत्पाद सेहत के लिए भी अनुकूल होंगे।
Conclusion:रेडी टू ड्रिंक टी और टी वाइन उत्पादों को कांगड़ा चाय की पत्तियों से तैयार किया गया है। लेकिन इस तकनीक से यह उत्पाद किसी भी चाय पत्ती से तैयार किए जा सकते हैं।
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