धर्मशालाः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में IDBI बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से विरोध किया जा रहा है. अब बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं और यह हड़ताल 2 दिन तक चलेगी. यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक के बैनर तले जिला मुख्यालय धर्मशाला में आज सोमवार को विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
'केंद्र सरकार की गलत नीतियों से कर्मचारी हो रहे परेशान'
इस अवसर पर बैंक कर्मियों ने बिना नोटिस लगाए बैंक को बंद कर दिया, जिस कारण बैंक में अपना काम करवाने के लिए आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते अब कर्मचारी भी परेशान होने लगे हैं. केंद्र सरकार की ओर से सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है जिससे की अब बैंक के कर्मचारी भी अच्छे खासे परेशान नजर आ रहे हैं.
आज जिला कांगड़ा में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बेनर तले सभी बैंकों के कर्मचारियों ने सरकारी बेंकों के निजीकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बता दें कि विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों के लगभग दस लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं 15 ओर 16 मार्च तक यह हड़ताल चलेगी.
बैंक कर्मचारियों का कहना था कि मोदी सरकार सरकारी बैंकों को प्राइवेट करना चाह रही है. इसके विरोध में सभी बैंक कर्मी हड़ताल कर रहे है. उन्होंने कहा कि अगर बैंक को प्राइवेट कर दिया जाएगा तो आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा की बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने बैंकों से लोन ले रखे हैं और चुका नहीं रहे हैं. इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
बैंको को प्राइवेट करने से आम आदमी को पहुंचेगा नुकसान
पंजाब नेशनल बैंक के जरनल सेक्रेटरी आरके गौतम ने कहा कि आज हम अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, बल्कि आज आम जनता के साथ जो खिलवाड़ केंद्र सरकार करने जा रही है उसको रोकने के लिए यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. आरके गौतम ने बताया की आज जो बड़े-बड़े उद्योगपति लोन ले कर बैठे हैं वो लोन का पैसा नहीं चुका रहे हैं जिससे बैंको का एनपीए भी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बैंको को प्राइवेट करने जा रही है उससे बैंकों के साथ-साथ आम आदमी को भी नुकसान पहुंचेगा.
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