धर्मशाला: शादी विवाह जैसे मौकों पर बैंड बाजा बजाने का काम करने वाले लोगों की कोरोना काल में कमर टूट गई है. कोरोना कर्फ्यू में सरकार ने भले ही ढील दे दी है, लेकिन अभी विवाह शादी और अन्य शुभ मौकों पर बैंड बाजा बजाने की अनुमति नहीं है.
शादी समारोह में सिर्फ 20 लोगों को ही मौजूद रहने की अनुमति दी थी. ऐसे में बैंड बाजा बजाने वाले लोगों को पिछले लंबे समय से रोजगार नहीं मिल रहा है, जिस कारण बैंड बजाने वाले लोगों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जिला प्रशासन से लगाई गुहार
जिला प्रशासन कांगड़ा के पास पहुंचे बैंड बाजा बजाने वाले सुभाष चंद्र का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से बेरोजगारी झेल रहे हैं. शादियों में बैंड बाजा बजाने के अलावा कोई और काम नहीं है, ऐसे में हमें और हमारे परिवार को भूखे मरने की नौबत आ गयी है. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन से यह गुहार लगाई गई है कि शादी समारोह में बैंड बाजा बजाने के लिए पांच लोगों की अनुमति प्रदान की जाए, ताकि इस समुदाय के लोग भी अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
प्रशासन दिनों के भीतर कोई निर्णय ले प्रशासन
सुभाष चंद्र ने कहा की अगर जिला प्रशासन उन की इस मांग पर दस दिनों के भीतर कोई निर्णय नहीं लेता है तो जिला कांगड़ा के सभी बैंड बाजा बजाने वाले लोगों को मजबूर होकर चक्काजाम करना पड़ेगा. इस कि सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अगर उनकी इस मांग को नहीं माना गया तो उन्हें मजबूरन आत्मदाह करना पड़ेगा क्योंकि अब उनके पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है.