पालमपुर: सोमवार को अखिल भारत हिंदू महासभा की नॉर्थ जोन सचिव निशा कटोच ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा 108 और 102 एंबुलेंस सेवा में कार्यरत कर्मचारियों को सरकार निजी कंपनियों के शिकंजे से आजाद कराकर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करे. कटोच ने कहा कि कोरोना जेसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए 108 और 102 के कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
12 से 14 लगातार घंटे ड्यूटी कर रहे इन कर्मचारियों ने रात दिन देश हित के लिए जनता की सेवा की. ऐसे में सरकार की तरफ से दी जाने वाली सैलरी डायरेक्ट इन्हें न दे कर निजी कंपनियों के हाथ में देना सरासर नाइंसाफी है. यह कंपनियां पहले अपना हित देखती हैं, उसके बाद कर्मचारियों का है. कर्मचारियों की सैलरी में अपना हिस्सा काटकर आगे कर्मचारी को देती है.
चंगुल से निकालना चाहिए
निशा कटोच ने कहा कि सरकार को इन सभी कर्मचारियों को सरकारी नौकरी प्रदान करें. इन्हें कंपनियों के चंगुल से निकालना चाहिए, तभी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रह पाएगा. कोरोनाि वॉरियर्स का असली सम्मान होगा. 108 और 102 कर्मचारी न ही आउटसोर्स में गिने जाते हैं न ही कंपनी में रेगुलर कार्यरत हैं. अगर यह अपनी व्यथा लेकर सरकार के पास जाएंगे, तो इन्हें साफ शब्दों में कह दिया जाता कि इसमें सरकार का कोई योगदान नहीं है.
व्हाट्सएप से भेजे टर्मिनेशन लेटर
निशा कटोच ने कहा कि अगर कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में गुहार लगाते हैं तो कहा जाता है कि आप इस सिस्टम में नहीं आते हैं. अगर कंपनी के पास जाते हैं तो, कंपनी भी इनकी नहीं सुनती है. हालांकि इन कर्मियों को सरकार ट्रेनिंग दिलाती है. इसमें करोड़ों रुपया खर्चा किया जाता है. 108 और 102 वालों को टर्मिनेशन लेटर कर्मचारियों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया था, जिनमें से कुछ कर्मचारी तो आज की तारीख में कार्यरत तक नहीं हैं, उन्हें भी टर्मिनेशन लेटर भेजे गए.
लिखित में लेटर नहीं
प्रदेश सरकार के दबाव बनाने पर कंपनी ने उन्हें दोबारा 15 दिन की एक्सटेंशन दी, जिसका लिखित में कंपनी ने किसी कर्मचारी को कोई लेटर नहीं दिया. अपने कार्य के दौरान अगर कोई भी कर्मचारी अगर किसी घटना का शिकार होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. प्रेस वार्ता में अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेशाध्यक्ष अनुज कटोच, प्रदेश यूथ अध्यक्ष संदीप कुमार, गौरव भी उपस्थित रहे.
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