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कृषि विश्वविद्यालय आगामी सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करेगा: प्रो. हरीन्द्र कुमार चौधरी - राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

कृषि विश्वविद्यालय पालमुपर के कुलपति ने कहा कि छात्रों का रिकॉर्ड व्यवस्थित किया जाएगा और उन्हें डिजी-लॉकर के माध्यम से उपाधियां दी जाएंगी. कुलपति ने कहा कि कोविड-19 आपदा से भयभीत होकर हम घर नहीं बैठ सकते हैं. रोकथाम के नियमों का पालन करते हुए और एकजुट होकर किसानों तक तकनीकें पहुचाने के लिए अग्रसर होना ही होगा.

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर
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Published : Jan 1, 2021, 10:19 PM IST

पालमपुर: कृषि विश्वविद्यालय पालमुपर आगामी सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करेगा और मार्च माह तक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को भी क्रियान्वित करेगा. कुलपति प्रो. हरीन्द्र कुमार चौधरी ने यह जानकारी नव वर्ष के उपलक्ष्य पर अपने वर्चुअल संबोधन में दी.

छात्रों का रिकॉर्ड व्यवस्थित किया जाएगा

कुलपति ने कहा कि छात्रों का रिकॉर्ड व्यवस्थित किया जाएगा और उन्हें डिजी-लॉकर के माध्यम से उपाधियां दी जाएंगी. इस प्रयोजन हेतु आईसीटी का सृजन पहले ही कर दिया गया है. कुलपति ने कहा कि उन्होंने चार माह पहले पदभार ग्रहण करते ही शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के 46 पद भर दिए थे. ऐसे ही 120 पद और भरने की प्रक्रिया जारी है.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित

विश्वविद्यालय युवाओं की शिक्षा, किसानों की आय बढ़ाने, अतुलनीय जैविक सम्पदा का संरक्षण व सतत उपयोग करते हुए फसलों, औषधीय व सुगंधित पौधों में वांछित अनुवांशिक बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, ताकि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हो सके.

कुलपति प्रो. हरीन्द्र कुमार चौधरी ने वैज्ञानिकों से किसानों के हित में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार वांछित क्षेत्रों में कृषि उत्थान हेतु नई परियोजनाएं लाकर अनुसंधान में गुणवत्ता तथा नवोन्मेष लाने को कहा. कुलपति ने सलाह दी कि शोध परियोजनाओं से किसानों को अवगत कराया जाए और तकनीकी मदद उनके गृह द्वार पर दी जाए ताकि पहाड़ी कृषक लाभान्वित हो सकें.

कोरोना महामारी के डर से हम घर नहीं बैठ सकते

कुलपति ने कहा कि कोविड-19 आपदा से भयभीत होकर हम घर नहीं बैठ सकते हैं. रोकथाम के नियमों का पालन करते हुए और एकजुट होकर किसानों तक तकनीकें पहुचाने के लिए अग्रसर होना ही होगा. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का दृष्टि-दस्तावेज बनाया जा रहा है. छात्रों और कर्मचारियों को नई सुविधाएं प्रदान करने हेतु कदम उठाए गए हैं ताकि विश्वविद्यालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त हो सके.

राज्यपाल और सीएम का जताया आभार

विश्वविद्यालय के प्रत्येक अंग-शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार को अपने-अपने कार्य में दक्षता प्रदर्शित करनी होगी और इसकी फीडबैक हर माह ली जाएगी. कुलपति ने कहा कि उन्हें विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों से आशा ही नहीं अपितु विश्वास भी है कि वे सभी एकजुट होकर अपने इस संस्थान को देश का एक अग्रणी विश्वविद्यालय बनाने में सक्रिय सहयोग करेंगे. इस अवसर पर कुलपति ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल व सीएम द्वारा उन पर विश्वास प्रकट करने और प्रदेश के किसानों की सेवा करने का अवसर देने के लिए उनका आभार प्रकट किया.

ये भी पढ़ें: राज्यपाल ने बागवानी और औद्योगिकी विश्वविद्यालय की किसान हैंडबुक और कैलेंडर जारी किया

पालमपुर: कृषि विश्वविद्यालय पालमुपर आगामी सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करेगा और मार्च माह तक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को भी क्रियान्वित करेगा. कुलपति प्रो. हरीन्द्र कुमार चौधरी ने यह जानकारी नव वर्ष के उपलक्ष्य पर अपने वर्चुअल संबोधन में दी.

छात्रों का रिकॉर्ड व्यवस्थित किया जाएगा

कुलपति ने कहा कि छात्रों का रिकॉर्ड व्यवस्थित किया जाएगा और उन्हें डिजी-लॉकर के माध्यम से उपाधियां दी जाएंगी. इस प्रयोजन हेतु आईसीटी का सृजन पहले ही कर दिया गया है. कुलपति ने कहा कि उन्होंने चार माह पहले पदभार ग्रहण करते ही शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के 46 पद भर दिए थे. ऐसे ही 120 पद और भरने की प्रक्रिया जारी है.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित

विश्वविद्यालय युवाओं की शिक्षा, किसानों की आय बढ़ाने, अतुलनीय जैविक सम्पदा का संरक्षण व सतत उपयोग करते हुए फसलों, औषधीय व सुगंधित पौधों में वांछित अनुवांशिक बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, ताकि इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हो सके.

कुलपति प्रो. हरीन्द्र कुमार चौधरी ने वैज्ञानिकों से किसानों के हित में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार वांछित क्षेत्रों में कृषि उत्थान हेतु नई परियोजनाएं लाकर अनुसंधान में गुणवत्ता तथा नवोन्मेष लाने को कहा. कुलपति ने सलाह दी कि शोध परियोजनाओं से किसानों को अवगत कराया जाए और तकनीकी मदद उनके गृह द्वार पर दी जाए ताकि पहाड़ी कृषक लाभान्वित हो सकें.

कोरोना महामारी के डर से हम घर नहीं बैठ सकते

कुलपति ने कहा कि कोविड-19 आपदा से भयभीत होकर हम घर नहीं बैठ सकते हैं. रोकथाम के नियमों का पालन करते हुए और एकजुट होकर किसानों तक तकनीकें पहुचाने के लिए अग्रसर होना ही होगा. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का दृष्टि-दस्तावेज बनाया जा रहा है. छात्रों और कर्मचारियों को नई सुविधाएं प्रदान करने हेतु कदम उठाए गए हैं ताकि विश्वविद्यालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त हो सके.

राज्यपाल और सीएम का जताया आभार

विश्वविद्यालय के प्रत्येक अंग-शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार को अपने-अपने कार्य में दक्षता प्रदर्शित करनी होगी और इसकी फीडबैक हर माह ली जाएगी. कुलपति ने कहा कि उन्हें विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों से आशा ही नहीं अपितु विश्वास भी है कि वे सभी एकजुट होकर अपने इस संस्थान को देश का एक अग्रणी विश्वविद्यालय बनाने में सक्रिय सहयोग करेंगे. इस अवसर पर कुलपति ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल व सीएम द्वारा उन पर विश्वास प्रकट करने और प्रदेश के किसानों की सेवा करने का अवसर देने के लिए उनका आभार प्रकट किया.

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