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महिलाओं ने तोड़फोड़ के बाद बंद करवाया था गांव में खुला शाराब का ठेका, अब HC पहुंचा ठेकेदार

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Published : Aug 23, 2019, 1:04 PM IST

ज्वालामुखी के तहत आने वाली पंचायत जमुली में महिलाओं द्वारा शराब के ठेके पर की गई तोड़फोड़ कर उसे बंद करवाने के मामले में ठेकेदार ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई.

महिलाओं द्वारा शराब के ठेके पर की गई तोड़फोड़ पर HC पहुंचा ठेकेदार

ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा में ज्वालामुखी के तहत आने वाली पंचायत जमुली में महिलाओं द्वारा शराब के ठेके में तोड़फोड़ कर उसे बंद करवाने के मामले में अब ठेकेदार ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है. ठेकेदारों का कहना है कि जमुली में ठेका सभी नियमों और ओपचारिकताओं को पूरा कर खोला गया था.

ठेकेदार प्रताप और प्रवीण का कहना है कि ठेके के विरोध के बाद जब ठेके को बंद किया गया तो एक्साइज विभाग के एक इंस्पेक्टर ने बिना सूचित किए ठेके के अंदर रखा हुआ सारा माल अपने साथ ले लिया, जिसे आज तक वापिस नहीं किया गया.

वीडियो.

ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेके में से सामान के उठाया गया तो उस वक्त वे लोग वहां मौजूद होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब ठेकेदार ने गांव में ठेका खोलने को लेकर हुए विरोध और हंगामे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

ठेकेदार ने ये भी आरोप लगाए कि अपना सामान लाने के लिए उसने कई बार एक्साइज विभाग के चक्कर भी लगाए, लेकिन सामान उनके हवाले नहीं किया गया. ठेकेदार ने सवाल उठाते हुए कहा कि हंगामे वाले दिन ठेके में हजारों रुपये की तोड़फोड़ हुई है.

ठेकेदार ने कहा कि जब ठेका पूरे कानून पूरी ओपचारिकताओं को ध्यान में रखकर खोला गया था तो अब उस नुकासन का जिम्मेदार कौन होगा. ठेकेदार ने हाईकोर्ट से इस पूरे मामले को लेकर न्याय की मांग की है.
क्या है मामला?

आपको बता दें कि जमुली में 14 जून को ठेका खुला था, जिसका लोगों द्वारा विरोध किया गया था. उसके बाद 15 जून को ठेके में कुछ गांव की महिलाओं द्वारा कानून को अपने हाथों में लेते हुए ठेके पर ताले लगा दिए गए थे.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ने दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं, लिखा- आ रहा है बंसी की धुन पर दुःख हरने वाला...

इसके बाद लाइसेंस धारक ने ठेके को खोलने को लेकर धर्मशाला के एक्साइज डिपार्टमेंट स्तिथ आला अधिकारी से परमिशन लेने के बाद 26 जून को दोबारा ठेका खोला था, लेकिन इस बीच जैसे ही गांव की महिलाओं को ठेके के खोलने का पता चला तो उन्होंने यहां जमकर तोड़फोड़ की.

इसके बाद मामले के तूल पकड़ने पर 27 जून को दोबारा ठेका खोलकर एक्साइज डिपार्टमेंट ने इसका जायजा लिया और वहां से सामान उठाकर इसे बंद कर दिया था. इससे बीते रोज क्षेत्र की एक महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति से ठेके के बंद करने के विरोध में मिला था, इस बीच इस ठेके को अन्य जगह शिफ्ट करने की बात की गई थी. इसके तहत 27 जून से अभी तक ये ठेका बंद पड़ा हुआ है.

मामले को लेकर एक्साइज डिपार्टमेंट के ईटीओ कपिल का कहना है कि जमुली ठेके का मामला अब हाईकोर्ट में ठेकेदार द्वारा दायर किया गया है, ऐसे में हाईकोर्ट के ऑर्डर मिलने के बाद उनका सामान उन्हें वापिस कर दिया जाएगा.

वहीं, मामले को लेकर जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं के विरोध के बाद इस ठेके को दूसरी जगह शिफ्ट करने लिए निर्देश सबंधित अधिकारियों को दिए गए थे. अब ठेकेदार द्वारा ये मामला हाईकोर्ट में विचारधीन है, ऐसे में जैसे कोर्ट के आदेश आएंगे उसके बाद यहां आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: मणिकर्ण में 1 किलो 509 ग्राम चरस के साथ दो गिरफ्तार, आरोपियों से पूछताछ में जुटी पुलिस

ज्वालामुखी: जिला कांगड़ा में ज्वालामुखी के तहत आने वाली पंचायत जमुली में महिलाओं द्वारा शराब के ठेके में तोड़फोड़ कर उसे बंद करवाने के मामले में अब ठेकेदार ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है. ठेकेदारों का कहना है कि जमुली में ठेका सभी नियमों और ओपचारिकताओं को पूरा कर खोला गया था.

ठेकेदार प्रताप और प्रवीण का कहना है कि ठेके के विरोध के बाद जब ठेके को बंद किया गया तो एक्साइज विभाग के एक इंस्पेक्टर ने बिना सूचित किए ठेके के अंदर रखा हुआ सारा माल अपने साथ ले लिया, जिसे आज तक वापिस नहीं किया गया.

वीडियो.

ठेकेदार ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेके में से सामान के उठाया गया तो उस वक्त वे लोग वहां मौजूद होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब ठेकेदार ने गांव में ठेका खोलने को लेकर हुए विरोध और हंगामे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

ठेकेदार ने ये भी आरोप लगाए कि अपना सामान लाने के लिए उसने कई बार एक्साइज विभाग के चक्कर भी लगाए, लेकिन सामान उनके हवाले नहीं किया गया. ठेकेदार ने सवाल उठाते हुए कहा कि हंगामे वाले दिन ठेके में हजारों रुपये की तोड़फोड़ हुई है.

ठेकेदार ने कहा कि जब ठेका पूरे कानून पूरी ओपचारिकताओं को ध्यान में रखकर खोला गया था तो अब उस नुकासन का जिम्मेदार कौन होगा. ठेकेदार ने हाईकोर्ट से इस पूरे मामले को लेकर न्याय की मांग की है.
क्या है मामला?

आपको बता दें कि जमुली में 14 जून को ठेका खुला था, जिसका लोगों द्वारा विरोध किया गया था. उसके बाद 15 जून को ठेके में कुछ गांव की महिलाओं द्वारा कानून को अपने हाथों में लेते हुए ठेके पर ताले लगा दिए गए थे.

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इसके बाद लाइसेंस धारक ने ठेके को खोलने को लेकर धर्मशाला के एक्साइज डिपार्टमेंट स्तिथ आला अधिकारी से परमिशन लेने के बाद 26 जून को दोबारा ठेका खोला था, लेकिन इस बीच जैसे ही गांव की महिलाओं को ठेके के खोलने का पता चला तो उन्होंने यहां जमकर तोड़फोड़ की.

इसके बाद मामले के तूल पकड़ने पर 27 जून को दोबारा ठेका खोलकर एक्साइज डिपार्टमेंट ने इसका जायजा लिया और वहां से सामान उठाकर इसे बंद कर दिया था. इससे बीते रोज क्षेत्र की एक महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति से ठेके के बंद करने के विरोध में मिला था, इस बीच इस ठेके को अन्य जगह शिफ्ट करने की बात की गई थी. इसके तहत 27 जून से अभी तक ये ठेका बंद पड़ा हुआ है.

मामले को लेकर एक्साइज डिपार्टमेंट के ईटीओ कपिल का कहना है कि जमुली ठेके का मामला अब हाईकोर्ट में ठेकेदार द्वारा दायर किया गया है, ऐसे में हाईकोर्ट के ऑर्डर मिलने के बाद उनका सामान उन्हें वापिस कर दिया जाएगा.

वहीं, मामले को लेकर जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं के विरोध के बाद इस ठेके को दूसरी जगह शिफ्ट करने लिए निर्देश सबंधित अधिकारियों को दिए गए थे. अब ठेकेदार द्वारा ये मामला हाईकोर्ट में विचारधीन है, ऐसे में जैसे कोर्ट के आदेश आएंगे उसके बाद यहां आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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Intro:जमुली में डेढ़ महीने से बन्द पड़े ठेके को लेकर ठेकेदार लाईसेंस ने हाईकोर्ट से लगाई न्याय की गुहार


कहा- ठेके से उठाए गए उनके सामान को आज तक नही किया गया एक्साइज विभाग द्वारा वापिस, न ही सामान उठाते समय उन्हें किया गया आगाह
ठेकेदार लाईसेंस का आरोप, एक तरफा हो रही कारवाई
उठाए सवाल, लाखों रुपए के नुक्सान का आखिर कौन जिम्मेवार, पूरी ओपचारिकता करने के बाद ही खोला था ठेकाBody:

ज्वालामुखी, 22 अगस्त (ब्यूरो): दरीण पंचयात के जमुली गाँव में ठेके के विरोध के बाद डेढ़ महीने से बन्द पड़े ठेके को लेकर लाईसेंसी धारक ठेकेदार ने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है। उक्त ठेकेदार प्रताप व प्रवीण का कहना है कि ठेके के विरोध के बाद जब यहां ठेके को बंद किया गया तो एक्साइज विभाग के एक इंस्पेक्टर द्वारा बिना उन्हें सूचित किए हुए वह दुकान के अंदर रखा हुआ सारा सामान उठाकर अपने साथ ले गए, जोकि उन्हें आज तक वापिस नही किया गया है। ठेकेदार ने यहां आरोप लगाया कि दुकान से सामान उठाते समय उन्हें भी यहाँ मौजूद किया जाना चाहिए था, लेकिन यहां ऐसा नही किया गया। हालांकि ठेके के विरोध से लेकर यहां हुए हंगामे को लेकर ठेकेदार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, साथ ही इस मामले पर न्याय की मांग की है। ठेकेदार का कहना है कि अपना सामान वापिस लेने के लिए उन्होंने कई बार विभाग के कार्यालय के चक्कर भी लगाए। उनका कहना है कि इस ठेके को पूरी ओपचारिकताएं करने के बाद ही खोला गया था, लकिन उसके बाबजूद यहां हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके साथ किसी ने भी न्याय नही किया, जबकि वह पूरे कानून के तहत यहाँ डटे रहे।
उन्होंने यहां सवाल उठाते हुए कहा कि ठेके के विरोध के दौरान यहां हज़ारों रुपए की तोड़ फोड़ भी की गई, लेकिन जब पूरी ओपचारिकताएँ करने के बाद ही इस ठेके को खोला गया था तो यहां हुए नुकसान का आखिरकार जिम्मेदार कौन है, ओर उनके नुकसान की भरपाई यहां पर कौन करेगा। ठेकेदार का कहना है कि यहाँ पूरे मामले में एक तरफा कार्रवाई की गई है, साथ ही कुछ लोगों द्वारा इस मामले को बेबजह तूल दिया गया है, जोकि गलत है। उनका कहना है कि जबकि वह सरकार को रोजाना ठेके का रेवन्यु दे रहे है।उक्त ठेकेदार ने यहां हाईकोर्ट से इस पूरे मामले को लेकर न्याय की मांग की है।


क्या है मामला
दरअसल जमुली में 14 जून को ठेका खुला था, जिसका लोगों द्वारा विरोध किया गया था उसके बाद 15 जून को ठेके में कुछ गाँव की महिलाओं द्वारा कानून को अपने हाथों में लेते हुए उस पर ताले लगा दिए गए थे। इसके बाद लाइसेंसधारक ने ठेके को खोलने को लेकर धर्मशाला के एक्साइज डिपार्टमेंट स्तिथ आला अधिकारी से परमिशन लेने के बाद 26 जून को दोबारा ठेका खोला था, लेकिन इस बीच जैसे ही गाँव की महिलाओं को ठेके के खोलने का पता चला तो उन्होंने यहां जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद मामले के तूल पकड़ने पर 27 जून को दोबारा ठेका खोलकर एक्साइज डिपार्टमेंट ने इसका जायजा लिया व यहां से सामान उठाकर इसे बंद कर दिया था। इससे बीते रोज क्षेत्र की एक महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल डी सी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति से ठेके के बन्द करने के विरोध में मिला था, इस बीच इस ठेके को अन्य जगह जहां इसका विरोध न हो शिफ्ट करने की बात की गई थी। इसके तहत 27 जून से अभी तक ये ठेका बन्द पड़ा हुआ है।

क्या कहते ई टी ओ
इस मामले को लेकर एक्साइज डिपार्टमेंट के ई टी ओ कपिल का कहना है कि ठेके का मामला अब हाईकोर्ट में ठेकेदार द्वारा दायर किया गया है, ऐसे में हाईकोर्ट के आर्डर मिलने के बाद उनका सामान उन्हें वापिस कर दिया जाएगा। दूसरी जगह ठेके को शिफ्ट करने की बात पर ई टी ओ ने कहा कि इसे लेकर लाइसेंस धारक ठेकेदार द्वारा किसी तरह का आवेदन यहां दाखिल नही किया गया है। यदि वह दूसरी जगह ठेके को खोलने के लेकर आवेदन करते है तो विभाग द्वारा जगह देखकर उसके हिसाब से आगामी कारवाई अमल में लाई जाएगी।

क्या कहते डी सी कांगड़ा
जमुली में ठेके के मामले को लेकर जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं के विरोध के बाद इस ठेके को दूसरी जगह शिफ्ट जहां इसका विरोध न हो शिफ्ट करने के निर्देश सबंधित अधिकारियों को दिए गए थे। अब ठेकेदार द्वारा ये मामला हाइकोर्ट में विचारधीन है, ऐसे में जैसे कोर्ट के आदेश आएंगे उसके बाद यहां आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
Conclusion:
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