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धर्मशाला: एडीसी ने की राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा

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Published : Feb 26, 2021, 9:19 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 9:25 PM IST

एडीसी राहुल कुमार ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें. संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें.

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा

धर्मशाला: अतिरिक्त उपायुक्त राहुल कुमार को डीआरडीए के सभागार में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान जिला में एनजीटी के तहत गठित कमेटियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई.

तेजी से कार्य करने के निर्देश

एडीसी राहुल कुमार ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें. संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें.

एडीसी ने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बॉयो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबन्धन के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डम्पिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें. जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है.

कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा

बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबन्धन, बॉयो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य प्रणाली, निर्माणाधीन प्लांटों की प्रगति आदि बिन्दुओं पर चर्चा की गई.

उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता को शामिल करने के लिए जिला पर्यावरण योजना का महत्वपूर्ण महत्व है. इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके. नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें और अपने घरों में ही कूड़ा एकत्रित कर नगर निगम द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाली गाड़ियों में ही कूड़ा डालें.

विस्तृत ब्यौरा किया पेश

उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए डोर टू डोर स्तर पर ही तरल तथा ठोस कूड़ा-कचरा अलग-अलग से एकत्रित करना जरूरी है ताकि संयंत्र में तरल और ठोस कचरे का सही तरीके से उपयोग हो सके. बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ वरूण गुप्ता ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया.

ये भी पढ़ें: IGMC में बिना चीर फाड़ के हुई सर्जरी, टांग के रास्ते डाला गया स्टंट

धर्मशाला: अतिरिक्त उपायुक्त राहुल कुमार को डीआरडीए के सभागार में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान जिला में एनजीटी के तहत गठित कमेटियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई.

तेजी से कार्य करने के निर्देश

एडीसी राहुल कुमार ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें. संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें.

एडीसी ने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बॉयो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबन्धन के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डम्पिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें. जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है.

कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा

बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबन्धन, बॉयो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य प्रणाली, निर्माणाधीन प्लांटों की प्रगति आदि बिन्दुओं पर चर्चा की गई.

उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता को शामिल करने के लिए जिला पर्यावरण योजना का महत्वपूर्ण महत्व है. इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके. नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें और अपने घरों में ही कूड़ा एकत्रित कर नगर निगम द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाली गाड़ियों में ही कूड़ा डालें.

विस्तृत ब्यौरा किया पेश

उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए डोर टू डोर स्तर पर ही तरल तथा ठोस कूड़ा-कचरा अलग-अलग से एकत्रित करना जरूरी है ताकि संयंत्र में तरल और ठोस कचरे का सही तरीके से उपयोग हो सके. बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ वरूण गुप्ता ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया.

ये भी पढ़ें: IGMC में बिना चीर फाड़ के हुई सर्जरी, टांग के रास्ते डाला गया स्टंट

Last Updated : Feb 26, 2021, 9:25 PM IST
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