धर्मशाला: सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार केंद्र और प्रदेश सरकारों को रडार पर लेकर चल रही है. धर्मशाला में गुरुवार को भी केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की करनी और कथनी को लेकर एबीवीपी ने मूक रैली निकाली और चुपचाप बैठकर प्रदर्शन किया.
एबीवीपी का मानना है कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें ढिंढोरा पीटती हैं कि इन दिनों देश और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार चल रही है, बावजूद इसके अगर धरातल पर हालिया स्थिति देखी जाये तो डबल इंजन तो नजर आ रहा है, मगर वो चलता हुआ नहीं बल्कि घसीटता हुआ प्रतीत हो रहा है.
एबीवीपी छात्र संगठन के पदाधिकारियों की मानें तो केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रदेश को केंद्र द्वारा दिया गया बहुत बड़ा आयाम है. बावजूद इसके आज यही आयाम इन राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक का आयाम बनकर रह गया है. जैसे ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव आते हैं सैंट्रल यूनिवर्सिटी के सुधार, स्थायी कैंपस को लेकर अटकले तेज हो जाती हैं, फॉरेस्ट क्लियरेंस मिलने लग जाती है, मगर जैसे ही चुनाव खत्म सीयू का मुद्दा भी खत्म हो जाता है.
एबीवीपी के कांगड़ा जिला संयोजक अभिषेक राणा ने बताया कि बीते साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान जो भाजपा की डबल इंजन की सरकारों ने सैंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर राजनीति की उसे कोई नहीं भूल सकता. उन्होंने चुनावों के साथ ही सीयू के स्थायी कैंपस का मुद्दा भी जल्द से जल्द हल करवाने के लिए टीमों का गठन करवा दिया.
फॉरेस्ट क्लियरेंस का ढकोंसला भी पीट दिया, यहां तक कि तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को बुलाकर स्थायी कैंपस के लिए भूमि पूजन तक करवा दिया, मगर जैसे ही चुनाव खत्म हुए उसके तुरंत बाद भूमि पूजन के बाद न तो उस भूमि पूजन का मान रखा गया और तो और जो भूमि पूजन के लिये महानुभावों के नामों का पत्थर सजाया गया था वो भी आज कहीं नजर नहीं आ रहा.
एक ओर भाजपा के नेता कहते हैं कि प्रदेश और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है, मगर एबीवीपी का कहना है कि डबल इंजन अब फेल हो चुका है और अब छात्र संगठन इस मुद्दे को लेकर चुप नहीं बैठेगा और सीयू के स्थायी कैंपस को लेकर अब बहुत बड़ा आंदोलन करेगा.
अभिषेक राणा ने कहा आगामी 10 नवंबर को एबीवीपी जिलाभर से छात्रों को इकट्ठा करके धर्मशाला में बड़ा आंदोलन करेगी और अगर फिर भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी तो फिर आगे की रणनीति भी अख्तियार की जायेगी.
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