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मलबे में दबी 8 साल की बच्ची ने टीचर को फोन लगाकर मांगी मदद, पूरे परिवार की बचाई जान

कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद भारी तबाही मचाई थी. लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी भी जिंदगी की तलाश मलबे के ढेर में जारी है. अब तक सबसे ज्यादा शव शाहपुर के बोह में रुपेहड़ गांव से बरामद हुए हैं. यहां पांच शव बरामद हुए हैं, जबकि पांच लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है. इनमें सात और आठ साल की दो बच्चियां भी हैं.

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Published : Jul 14, 2021, 11:38 AM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद भारी तबाही मचाई थी. चारों तरफ तबाही का मंजर है. कई मकान धराशाई हुए थे. इसके साथ साथ कई स्थानों पर नाले, सड़कें, पुल भी बह गए हैं. अब तक छह से अधिक शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं.

लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी भी जिंदगी की तलाश मलबे के ढेर में जारी है. अब तक सबसे ज्यादा शव शाहपुर के बोह में रुपेहड़ गांव से बरामद हुए हैं. यहां पांच शव बरामद हुए हैं, जबकि पांच लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है. इनमें सात और आठ साल की दो बच्चियां भी हैं. आठ साल की वंशिका को सोमवार देर रात ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया. इस बच्ची और परिवार की जान समझदारी और सूझबूझ से बची.

रेस्क्यू की गई बच्ची तीसरी कक्षा की छात्रा है. बारिश के बाद पहाड़ी से मलबा नीचे उतर गया. इस दौरान आस पास घरों में मौजूद 15 लोग मलबे में फंस गए थे. वंशिका भी मलबा आने के बाद अपने परिवार के साथ कमरे में फंस गई थी. खुद को फंसा हुआ देखकर बच्ची ने हाथ में पकड़े मोबाइल से अपने टीचर को फोन लगा दिया और खुद के फंसे होने की जानकारी दी.

इसके बाद देर रात परिवार समेत बच्ची को स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू किया गया. परिवार का स्थानीय अस्पताल शाहपुर में इलाज चल रहा है, जबकि बच्ची को इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई में रेफर किया गया है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा के शाहपुर में लैंडस्लाइड से मलबे में दबे लोग, NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भारी बारिश के बाद भारी तबाही मचाई थी. चारों तरफ तबाही का मंजर है. कई मकान धराशाई हुए थे. इसके साथ साथ कई स्थानों पर नाले, सड़कें, पुल भी बह गए हैं. अब तक छह से अधिक शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं.

लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी भी जिंदगी की तलाश मलबे के ढेर में जारी है. अब तक सबसे ज्यादा शव शाहपुर के बोह में रुपेहड़ गांव से बरामद हुए हैं. यहां पांच शव बरामद हुए हैं, जबकि पांच लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है. इनमें सात और आठ साल की दो बच्चियां भी हैं. आठ साल की वंशिका को सोमवार देर रात ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया. इस बच्ची और परिवार की जान समझदारी और सूझबूझ से बची.

रेस्क्यू की गई बच्ची तीसरी कक्षा की छात्रा है. बारिश के बाद पहाड़ी से मलबा नीचे उतर गया. इस दौरान आस पास घरों में मौजूद 15 लोग मलबे में फंस गए थे. वंशिका भी मलबा आने के बाद अपने परिवार के साथ कमरे में फंस गई थी. खुद को फंसा हुआ देखकर बच्ची ने हाथ में पकड़े मोबाइल से अपने टीचर को फोन लगा दिया और खुद के फंसे होने की जानकारी दी.

इसके बाद देर रात परिवार समेत बच्ची को स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू किया गया. परिवार का स्थानीय अस्पताल शाहपुर में इलाज चल रहा है, जबकि बच्ची को इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई में रेफर किया गया है.

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