धर्मशाला: प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के 19 गांव मॉडल बनेंगे. इन गांवों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में हुआ है. योजना के तहत हर गांव के विकास पर 35 से 40 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. चयनित गांवों के किए गए सर्वे में सामने आई कमियों को भी योजना के तहत दो सालों में दूर किया जाएगा, इसके लिए भारत सरकार की ओर से 20 लाख रुपये की फंडिंग की गई है.
आदर्श ग्राम योजना के तहत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले चिन्हित गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना उद्देश्य है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य 10 डोमेन के 50 संकेतकों में सुधार करना है. केन्द्र सरकार ने चिन्हित गांवों के लिए 20-20 लाख रुपये का प्रावधान किया है और इस राशि के उपयोग के लिए 2 वर्ष का समय निश्चित किया गया है. इन गांवों का चयन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार किया गया है.
वहीं, एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम आदर्श योजना के तहत जिला के 15 ब्लॉकों से 19 गांवों का सामाजिक और आर्थिक सहित विभिन्न 10 पैरामीटर्स को देखते हुए भारत सरकार द्वारा चयन किया गया है. प्रथम चरण में इन सभी गांवों में सुविधाओं का सर्वे करवाया गया है. सर्वे में सामने आई कमियों को आगामी दो वर्षों में दूर किया जाएगा, जिसके लिए भारत सरकार की ओर से 20 लाख की फंडिंग भी दी जा रही है. मनरेगा और 14वें वित्त आयोग के पैसे को भी इसमें सम्मिलित किया जा रहा है, जिससे लगभग 35 से 40 लाख रुपये एक गांव पर खर्च किए जाएंगे.
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