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महिलाओं ने डेयरी फार्मिंग से सुधारी आर्थिकी, प्रतिदिन 6000 रुपये की हो रही कमाई

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Published : May 23, 2021, 1:29 PM IST

बुठवीं गांव की महिलाओं ने साई स्वयं सहायता समूह का गठन करके डेयरी फार्मिंग शुरू की है. समूह के सदस्य हर रोज 90 से 100 लीटर दूध बेचकर प्रतिदिन 6000 रुपये कमा रहे हैं. समूह को एक माह में डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी हो रही है. ऐसे में अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं और परिवार का खर्चा चला रही हैं.

hamirpur
फोटो

भोरंज/हमीरपुर: ग्रामीण महिलाएं आजीविका के साधनों से जुड़ जाएं तो कई घरों की आर्थिकी मजबूत हो जाती है. ऐसा ही कार्य हमीरपुर जिले के बुठवीं गांव की महिलाओं ने करके दिखाया है. महिलाओं ने साईं स्वयं सहायता समूह का गठन करके डेयरी फार्मिंग शुरू की. इससे गांव के करीब 12 घरों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

पशुपालन को बनाया मुख्य व्यवसाय

वर्तमान में साईं स्वयं सहायता समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं. सभी महिलाओं ने पशुपालन को मुख्य व्यवसाय बनाने के लिए घरों में गाय-भैंस रखी है और दूध बेच कर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में लगी हुई है.

प्रतिदिन 6000 रुपये की हो रही कमाई

समूह के सदस्य हर रोज 90 से 100 लीटर दूध बेचकर प्रतिदिन 6000 रुपये कमा रहे हैं. समूह को एक माह में डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी हो रही है. ऐसे में अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं और परिवार का खर्चा चला रही हैं.

डेयरी फार्मिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

साईं स्वयं सहायता समूह की प्रधान कश्मीरा देवी का कहना है कि दूध की मांग काफी है. स्थानीय बाजारों में दूध बेचा जा रहा है. समूह के संचालन के लिए प्रशासन की ओर से काफी मदद मिली है. अगर किसी सदस्य को पैसों की जरूरत पड़ती है तो सस्ती ब्याज दर पर रुपये उधार पर दिए जाते हैं. डेयरी फार्मिंग को और बढ़ावा दिया जाएगा.

एसडीएम ने की तारीफ

एसडीएम भोरंज राकेश शर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाओं को अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन करना चाहिए. बुठवीं स्वयं सहायता समूह अगर डेयरी फार्मिंग कर रहा है तो ये बहुत अच्छा कार्य है. सरकार व प्रशासन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है.

ये भी पढ़ें: योजना का हाल: हिमाचल में करीब साढ़े पांच लाख बच्चों को अप्रैल से नहीं मिला मिड-डे मील

भोरंज/हमीरपुर: ग्रामीण महिलाएं आजीविका के साधनों से जुड़ जाएं तो कई घरों की आर्थिकी मजबूत हो जाती है. ऐसा ही कार्य हमीरपुर जिले के बुठवीं गांव की महिलाओं ने करके दिखाया है. महिलाओं ने साईं स्वयं सहायता समूह का गठन करके डेयरी फार्मिंग शुरू की. इससे गांव के करीब 12 घरों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

पशुपालन को बनाया मुख्य व्यवसाय

वर्तमान में साईं स्वयं सहायता समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं. सभी महिलाओं ने पशुपालन को मुख्य व्यवसाय बनाने के लिए घरों में गाय-भैंस रखी है और दूध बेच कर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में लगी हुई है.

प्रतिदिन 6000 रुपये की हो रही कमाई

समूह के सदस्य हर रोज 90 से 100 लीटर दूध बेचकर प्रतिदिन 6000 रुपये कमा रहे हैं. समूह को एक माह में डेढ़ से दो लाख रुपये की आमदनी हो रही है. ऐसे में अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं और परिवार का खर्चा चला रही हैं.

डेयरी फार्मिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

साईं स्वयं सहायता समूह की प्रधान कश्मीरा देवी का कहना है कि दूध की मांग काफी है. स्थानीय बाजारों में दूध बेचा जा रहा है. समूह के संचालन के लिए प्रशासन की ओर से काफी मदद मिली है. अगर किसी सदस्य को पैसों की जरूरत पड़ती है तो सस्ती ब्याज दर पर रुपये उधार पर दिए जाते हैं. डेयरी फार्मिंग को और बढ़ावा दिया जाएगा.

एसडीएम ने की तारीफ

एसडीएम भोरंज राकेश शर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाओं को अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन करना चाहिए. बुठवीं स्वयं सहायता समूह अगर डेयरी फार्मिंग कर रहा है तो ये बहुत अच्छा कार्य है. सरकार व प्रशासन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है.

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