भोरंज/हमीरपुर: भोरंज के दूरदराज के गांवों में आग की घटना पर सर्वप्रथम अग्निशमन विभाग को सोचना पड़ता है कि आग बुझाने के लिए पानी कहां से लाएं. पहले 40 से 45 किलोमीटर दूरी का सफर तय करके भोरंज की अंतिम छोर की पंचायत में पहुंचना पड़ता है. ऐसे में आग की बड़ी घटना होने पर एक गाड़ी में साढ़े चार हजार लीटर पानी की मात्रा भी कम पड़ जाती है. इसलिए ग्रामीण भोरंज में दमकल उपकेंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं.
इसके अलावा अग्निशमन विभाग को भोरंज की तंग सड़कों पर खड़ी गाड़ियां भी परेशान करती हैं. एक तरफ आग लगने की सूचना मिलने पर अग्निशमन विभाग जल्द घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश में रहता है, लेकिन भोरंज की अधिक दूरी और फिर सड़कों पर बेतरतीब खड़ी गाड़ियां भी परेशानी का सबब बनती हैं.
भोरंज उपमंडल में 1 अप्रैल, 2017 से लेकर 31 मार्च, 2020 तक आग की 19 घटनाएं घट चुकी हैं. इसमें लोगों का 64.36 लाख रुपये का नुकसान अब तक चुका है. अग्निशमन विभाग के प्रयास से 2 करोड़ 77 लाख 50 हजार रुपये की संपत्ति को जलने से बचाया गया है.
भोरंज उपमंडल में उपदमकल केंद्र की सख्त जरूरत है. स्थानीय लोगों पवन कुमार, राजकुमार, विजय कुमार व नरेन्द्र कुमार ने सरकार से मांग की है कि भोरंज में आग की घटनाएं अधिक होने के कारण गांव के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए भोरंज में जल्द दमकल उपकेंद्र खोला जाए.
आइटीआई के नजदीक देखी है जमीन
अग्निशमन विभाग हमीरपुर की ओर से भोरंज के मनोह रोड के साथ भकरेड़ी के साथ ही आइटीआई के नजदीक दमकल उपकेंद्र के लिए जमीन का निरीक्षण किया गया है. इसकी रिपोर्ट 11 जून, 2020 को विभाग सहित सरकार को भेजी गई है, जिसमें भोरंज में दमकल उपकेंद्र खोलना जनहित में जरूरी बताया गया है.
उधर, भोरंज विधायक कमलेश कुमारी ने भी संबधित विभाग को पत्र लिखकर भोरंज क्षेत्र की जनता के हित में दमकल उपकेंद्र खोलना जरूरी बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने भी इस मामले को उठाया है.
उधर, दमकल केंद्र हमीरपुर के प्रभारी देवेंद्र भाटिया ने बताया कि भोरंज उपमंडल के तहत 90 हजार की आबादी के लिए दमकल उपकेंद्र खोलना बहुत जरूरी है. आग बुझाने के लिए बहुत दूर हमीरपुर से 55 मिनट का सफर तय करके पहुंचना पड़ता है. क्षेत्र में पानी की कमी के चलते वाहनों में पानी भरने का कोई साधन नहीं हैं. भोरंज की तंग सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम भी अग्निशमन विभाग के रास्ते का रोड़ा बनता है.