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आयुर्वेदिक अस्पताल बिझड़ी में कई पद खाली, लोगों ने की ये मांग

बिझड़ी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पीयून की पोस्ट भी खाली पड़ी हुई है. स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य विभाग व सरकार से सवाल है कि अभी तो जैसे तैसे सफाई का काम अस्पताल स्टाफ द्वारा अपनी जेब ढीली करके करवाया जा रहा है, लेकिन जब 10 बिस्तरों का ये अस्पताल नई बिल्डिंग में शिफ्ट होगा तो बहुत मुश्किल पेश आने वाली है.

Vacancies in Ayurvedic Hospital Bijhri barsar
फोटो.
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Published : Nov 16, 2020, 8:52 PM IST

Updated : Nov 16, 2020, 9:08 PM IST

बड़सर: बिझड़ी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल पिछले कई महीनों से किराए के भवन में चलाया जा रहा है. हालांकि नए भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार पहले ही इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तरों का अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुकी है.

ये अस्पताल आस पास की दर्जनों पंचायतों के लोगों के लिए आशा की किरण है, लेकिन अस्पताल में स्टाफ की कमी के कारण सरकार यहां सफाई कर्मी तक उपलब्ध नहीं है. काम चलाने के लिए स्टाफ द्वारा खुद किसी को हायर करके जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है.

इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पीयून की पोस्ट भी यहां खाली पड़ी हुई है. ऐसे में सवाल ये है कि केवल 10 बिस्तर की घोषणा करने से ही क्या लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएंगी. क्या अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिए सफाईकर्मी की जरूरत नहीं होती है.

हालात ये हैं की चतुर्थ श्रेणी कर्मी को भी यहां महारल से डेपुटेशन पर लगाया गया है, लेकिन अभी वर्तमान में उसकी ड्यूटी एनआईटी हमीरपुर लगाई गई है. स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य विभाग व सरकार से सवाल है कि अभी तो जैसे तैसे सफाई का काम अस्पताल स्टाफ द्वारा अपनी जेब ढीली करके करवाया जा रहा है, लेकिन जब 10 बिस्तरों का ये अस्पताल नई बिल्डिंग में शिफ्ट होगा तो बहुत मुश्किल पेश आने वाली है.

इसलिए लोगों ने सरकार व विभाग से शीघ्र रिक्त पद भरने की मांग की है. एसडीएमओ डॉ. सतपाल का कहना है कि बिझड़ी अस्पताल में स्टाफ की कमी बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है. क्लास फोर को महारल से डेप्यूट किया गया है.

अस्पताल में तैनात डॉ. सुरिन्दर धीमान का कहना है कि अस्पताल में रिक्त पदों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है. एसडीएएमओ डॉ. सतपाल का कहना है कि बिझड़ी अस्पताल में स्टाफ की कमी बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है. क्लास फोर को महारल से डेप्यूट किया गया है.

अभी अस्पताल में केवल ओपीडी चल रही है जबकि आईपीडी नई बिल्डिंग में ही चल सकेगी.अस्पताल में तैनात डॉ. सुरिन्दर धीमान का कहना है कि अस्पताल में रिक्त पदों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है.

बिझड़ी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल पिछले कई महीनों से किराए के भवन में चलाया जा रहा है.हालांकि नए भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार पहले ही इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तरों का अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुकी है. ये अस्पताल आस पास की दर्जनों पंचायतों के लोगों के लिए आशा की किरण है

बड़सर: बिझड़ी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल पिछले कई महीनों से किराए के भवन में चलाया जा रहा है. हालांकि नए भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार पहले ही इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तरों का अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुकी है.

ये अस्पताल आस पास की दर्जनों पंचायतों के लोगों के लिए आशा की किरण है, लेकिन अस्पताल में स्टाफ की कमी के कारण सरकार यहां सफाई कर्मी तक उपलब्ध नहीं है. काम चलाने के लिए स्टाफ द्वारा खुद किसी को हायर करके जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है.

इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पीयून की पोस्ट भी यहां खाली पड़ी हुई है. ऐसे में सवाल ये है कि केवल 10 बिस्तर की घोषणा करने से ही क्या लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएंगी. क्या अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिए सफाईकर्मी की जरूरत नहीं होती है.

हालात ये हैं की चतुर्थ श्रेणी कर्मी को भी यहां महारल से डेपुटेशन पर लगाया गया है, लेकिन अभी वर्तमान में उसकी ड्यूटी एनआईटी हमीरपुर लगाई गई है. स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य विभाग व सरकार से सवाल है कि अभी तो जैसे तैसे सफाई का काम अस्पताल स्टाफ द्वारा अपनी जेब ढीली करके करवाया जा रहा है, लेकिन जब 10 बिस्तरों का ये अस्पताल नई बिल्डिंग में शिफ्ट होगा तो बहुत मुश्किल पेश आने वाली है.

इसलिए लोगों ने सरकार व विभाग से शीघ्र रिक्त पद भरने की मांग की है. एसडीएमओ डॉ. सतपाल का कहना है कि बिझड़ी अस्पताल में स्टाफ की कमी बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है. क्लास फोर को महारल से डेप्यूट किया गया है.

अस्पताल में तैनात डॉ. सुरिन्दर धीमान का कहना है कि अस्पताल में रिक्त पदों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है. एसडीएएमओ डॉ. सतपाल का कहना है कि बिझड़ी अस्पताल में स्टाफ की कमी बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है. क्लास फोर को महारल से डेप्यूट किया गया है.

अभी अस्पताल में केवल ओपीडी चल रही है जबकि आईपीडी नई बिल्डिंग में ही चल सकेगी.अस्पताल में तैनात डॉ. सुरिन्दर धीमान का कहना है कि अस्पताल में रिक्त पदों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है.

बिझड़ी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल पिछले कई महीनों से किराए के भवन में चलाया जा रहा है.हालांकि नए भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार पहले ही इस अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर 10 बिस्तरों का अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुकी है. ये अस्पताल आस पास की दर्जनों पंचायतों के लोगों के लिए आशा की किरण है

Last Updated : Nov 16, 2020, 9:08 PM IST
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