हमीरपुर: प्रदेश के हमीरपुर जिला के दो कोरोना संक्रमित मरीज मेडिकल साइंस के लिए चुनौती और कोरोना वायरस की थ्योरी पर सवाल बन गए हैं. इन मरीजों की अभी तक कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है और ना ही सीडीआर लोकेशन में यह पाया गया है कि यह व्यक्ति पिछले 35 से 40 दिनों में कहीं बाहरी राज्यों में गए हैं.
कोविड-19 संक्रमण थ्योरी पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इन दोनों को करोना संक्रमित मरीजों के साथ रहने वाले उनके परिजनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. 17 अप्रैल को हमीरपुर के वार्ड नंबर सात से एक महिला और नादौन के जोल सप्पड़ में निजी स्कूल प्रिंसिपल के सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली थी.
कोरोना संक्रमित ये मरीज मेडिकल साइंस के लिए चुनौती और कोरोना वायरस की थ्योरी पर सवाल बन गए हैं. महिला पांच मार्च को यूपी के बरेली से हमीरपुर पहुंची थी. कोरोना संक्रमित महिला के पति का कहना है कि पत्नी को सर्दी-जुकाम, बुखार और बदन दर्द का कोई लक्षण नहीं था, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में कान चेक करवाने गए थे. यहां पर फ्लू ओपीडी में जांच के बाद रेंडम सैंपल लिया गया. वहीं प्रिंसिपल का कहना है कि वह पिछले दो महीने में कहीं बाहर नहीं गए. अगर इन मरीजों की बात सही है तो ये कोरोना की चपेट में कैसे आए.
मामल को लेकर उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव दोनों लोगों के परिवार सभी परिवार वालों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके अलावा जो इनके प्रारंभिक संपर्क में 101 लोग आए थे उनमें से सब की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. डीसी ने बताया कि कुछ सैंपल रिपीट किए जाएंगे और उन्हें दोबारा से कलेक्ट किया जा रहा है.
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