हमीरपुर: पिछले दिनों कोरोना वायरस के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. वहीं, अब अनलॉक-1 में जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. हालांकि कोरोना महामारी का किसानों पर भी भारी प्रभाव हुआ है. भोरंज उपमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में मक्की की बिजाई के बाद अब धान की रोपाई का समय शुरू हो चुका है और किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. कोरोना के चलते किसानों ने स्वयं ही खेतों में जुट कर धान की पनीरी की रोपाई शुरू कर दी है. धान की रोपाई का समय हर वर्ष 15 जून के बाद शुरू हो जाता है और ये जुलाई के आखिरी सप्ताह तक चलता है.
छोटी-छोटी बारिश से लोगों को भरी गर्मी व तीखी धूप से राहत मिल रही है. ठंडी हवा लोगों को सावन का एहसास करवा रही है. वहीं, जिन किसानों ने क्यारी में धान की नर्सरी डाली थी, वहां धान की पनीरी तैयार हो चुकी है और उन किसानों ने धान की रोपाई भी शुरू कर दी है. वहीं, देर से नर्सरी डालने वाले किसान भी खेत को तैयार करने में जुटे हुए हैं. वहीं, बारिश अभी भरपूर नहीं हुई है, लेकिन किसान तैयार है. मौसम विभाग के अनुसार 23-24 जून से मानसून की बारिश शुरू होने के असार है. बारिश होने से लोगों की क्यारियों में लगी सब्जी को भी संजीवनी मिली है.
पिछले पूरे हफ्ते हमीरपुर में बूंदा-बांदी जारी रही. ऐसे में कहीं जोरदार और कहीं रूक-रूक कर बारिश हो रही है. बरसात से बचाव का लोग पूरा इंतजाम कर रहे हैं. लगातार हो रही बारिश से धान की नर्सरी को संजीवनी मिल गई है.
मौसम का बदला मिजाज देख किसान फूले नहीं समा रहे हैं. महिलाएं भी धान की रोपाई करने में जुट गई हैं. इस बार बच्चे भी कोरोना के लॉकडाउन में छुट्टियों के चलते खेतों में अपने परिजनों की मदद कर रहे हैं. वहीं, मक्की की फसल के बाद धान की रोपाई शुरू हो गई है. इसके बाद मक्की की फसल निकलेगी, जिसे निराई व गुड़ाई की जरूरत पड़ेगी. इससे पहले किसान धान की फसल की रोपाई को पूरा करना चाहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मौसम ठीक रहने पर इस बार फसल अच्छी होगी.