भोरंज/हमीरपुर: बिना बैंड बाजा और बारात के खुद गाड़ी चलाकर दूल्हा मंडप पहुंचा और सात फेरे लिए और दुल्हन को सात जन्मों के लिए अपनी जीवन संगिनी बना लिया. मामला हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले का है. कोविड के दौरान हिमाचल प्रदेश में शादी समारोह में केवल मात्र 20 लोगों की ही अनुमति है. कई जगह इसका जमकर उल्लंघन भी हुआ है, लेकिन हमीरपुर जिले में एक युवक ने सबके लिए उदाहरण पेश किया है. लोग इस युवक की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं.
भोरंज उपमंडल के गांव धमरोल के युवक निर्मल शर्मा ने अपनी शादी के लिए अकेले ही अपनी कार स्वयं चलाकर दुल्हन के घर पपलोह पहुंचा. शादी समारोह में कोविड महामारी के चलते अकेले ही निर्मल ने शादी में जाने का फैसला लिया था, जिस कारण शादी के सारे रीति-रिवाज को दरकिनार करते हुए अपने पिता और रिश्तेदारों के बिना यह शादी सभी के लिए यादगार बन गई है.
निर्मल शर्मा अकेले ही कार में 3 किमी दूर पपलाह गांव में दूल्हे बनकर पहुंचे और अपनी दुल्हन को लेकर वापिस घर आ गया. इस सारी शादी में बडी बात यह रही कि पूरी शादी में दूल्हे-दुल्हन के अलावा तीसरा शक्स केवल फेरे करवाने वाला पंडित ही रहा है. इस शादी के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.
दूल्हे निर्मल के घर पर कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार शादी की तमाम रस्में अदा की गई, लेकिन बारात में 20 लोगों की इजाजत के बावजूद भी निर्मल ने सरकार के नियमों को कायम करते हुए अकेले ही शादी में हिस्सा लिया.
शादी में नियमों का पालन करने का किया आह्वान
दूल्हा निर्मल शर्मा ने लोगों से आह्वान किया कि जिस तरह मैंने अपनी शादी में नियमों का पालन किया, वैसे ही लोग भी नियमों का पालन करें, ताकि महामारी से बचाव हो सके. वहीं, स्थानीय निवासी रवि ने बताया कि कोविड-19 को हराने के लिए युवक ने जो पहल की है, वह काबिले तारीफ है. कोविड महामारी के दौरान युवाओं ने भी इस तरह की शादी को देखकर खुशी जाहिर की है.
ये भी पढ़ें: कांगडा में कोरोना नियमों की अवहेलना पर 294 लोगों के कटे चालान, धर्मशाला में एक मॉल हुआ सील