हमीरपुर: आज फादर्स डे है. यह दिन पिताओं को समर्पित है. फादर्स डे को उत्सव की तरह मनाने का श्रेय वाशिंगटन की निवासी सोनोरा स्मार्ट डोड को जाता है. पहली बार फादर्स डे 1908 में वेस्ट वर्जीनिया चर्च में मनाया गया था. फादर्स डे यानी पितृ दिवस हर वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है.
हमीपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद
आज फादर्स डे पर हम बात कर रहे हैं, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर की. विरासत में मिली सियासत को अनुराग ठाकुर बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं. अनुराग ठाकुर वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. अनुराग ठाकुर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है.
2019 लोकसभा चुनाव में अनुराग ठाकुर ने यहां से भारी मतों से जीत हासिल की थी. बीजेपी उम्मीदवार अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी को 3 लाख 99 हजार 572 मतों से हराया. अनुराग ठाकुर के पिता प्रो. प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश के सीएम रह चुके हैं.
एक ओर पिता जिसने जनता का विश्वास हासिल कर दो बार छोटे से राज्य की कुर्सी संभाली और दूसरी ओर बेटा है जो केंद्र के राजनीति में अपना लोहा मनवा रहे हैं. वर्तमान समय में अनुराग ठाकुर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं. अनुराग ठाकुर अपने पिता की राजनीतिक विरासत को अपने सियासी प्रेम से विस्तार दे रहे हैं. पिता दो बार देवभूमि के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं और बेटे ने केंद्र के राजनीति में अपने दम पर जगह बनाई है.
बचपन से अनुराग को क्रिकेट से था लगाव
अनुराग ठाकुर को बचपन से ही क्रिकेट से खास लगाव था. जालंधर के दयानंद मॉडल स्कूल में उन्होंने अंडर-15 और अंडर 19 में पंजाब क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था. क्रिकेट प्रेम और क्रिकेट करियर पिता की राजनीतिक विरासत का कभी आपस में टकराव नहीं हुआ. अनुराग ठाकुर क्रिकेट में अपना करियर देखते थे. पिता प्रेम कुमार धूमल ने भी कभी अनुराग ठाकुर को नहीं रोका.
पूर्व मुख्यमंत्री उन दिनों जालंधर में प्रोफेसर थे. यहां पर बेटे अनुराग ठाकुर का क्रिकेट करियर शुरू हुआ. जब पिता 90 के दशक में हिमाचल लौट गए और उनका सियासी करियर शुरू हुआ, लेकिन अनुराग ठाकुर जालंधर में ही क्रिकेट से जुड़े रहे. 2001 में वे भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम के चयनकर्ता बने थे. अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2008 में अनुराग की सियासी पारी शुरू हुई. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से वह लगातार चौथी बार सांसद चुने गए हैं.
युवा मोर्चा से राजनीति की शुरुआत
10 अप्रैल 1944 को हमीरपुर जिले में जन्मे प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने जालंधर से ही अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर एलआईसी से जुड़ गए. उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम में बतौर सहायक अपने करियर की शुरुआत की. इसके साथ-साथ उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री भी प्राप्त की. इसके बाद जालंधर में अध्यापन कार्य शुरू कर दिया. इस दौरान ही वह राजनीति से जुड़ गए. शिक्षक संघ के कार्यालय में विभिन्न पदों पर भी रहे.
राजनीतिक जीवन में उन्होंने एक छोटे से कार्यकर्ता के रूप में अपना सफर शुरू किया. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा में कई बड़े पदों पर रहे. प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद नौवीं और दसवीं लोकसभा के सदस्य रहे. वर्ष 1993 में वह भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष बनाए गए.
वर्ष 1998 में प्रेम कुमार धूमल ने पहली बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने. 2007 के उपचुनावों में जीतने से पहले प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. 2008 में प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री के रूप में एक बार फिर से चुने गए.
राजनीति से दूर रखना चाहते थे बेटे को
साल 2007 में जब प्रदेश की राजनीति में प्रेम कुमार धूमल लौटे तो उपचुनाव में हाईकमान ने अनुराग ठाकुर को मैदान में उतारने का निर्णय लिया. हालांकि प्रेम कुमार धूमल नहीं चाहते थे कि उनके बेटे चुनाव लड़े, क्योंकि वह जानते थे कि अनुराग ठाकुर की रुचि क्रिकेट में है. तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और आला नेताओं ने अनुराग ठाकुर के क्षमता को पहचान लिया था.
जब पार्टी हाईकमान ने यह तय किया कि अनुराग ठाकुर हमीरपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे तो पिता प्रेम कुमार धूमल ने यह निर्णय अनुराग ठाकुर पर ही छोड़ दिया. शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. क्रिकेट और राजनीति का ठीक वैसा ही नाता हुआ जैसे पिता और पुत्र का है. क्रिकेट के सहारे ही अनुराग ठाकुर ने राजनीति ने उन बुलंदियों को छुआ जिनकी उम्मीद ना तो अनुराग ठाकुर ने की थी और ना ही उनके पिता प्रेम कुमार धूमल ने.
अनुराग ने पिता को माना 'आदर्श'
ये कहना गलत नहीं होगा कि आज अनुराग ठाकुर अपने सियासी करियर में पिता से आगे बढ़ गए हैं. उनका सियासी कद देशभर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. दोनों पिता-पुत्र की बॉन्डिंग भी बहुत बढ़िया है. मंच से अनुराग ठाकुर जब भी भाषण देते हैं तो वह पिता प्रेम कुमार धूमल को अपना आदर्श बताते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी मंच से अक्सर यह कहते सुने जाते हैं कि आधुनिक समय में अनुराग ठाकुर राजनीति को बेहतर समझते हैं.
टेरिटोरियल आर्मी में अनुराग ठाकुर का हुआ प्रमोशन
अनुराग ठाकुर ने टेरिटोरियल आर्मी को साल 2016 में बतौर लेफ्टिनेंट ज्वाइन किया था. जिसके बाद 4 साल बाद उन्हें कैप्टन पद पर पदोन्नति मिली. अनुराग ठाकुर देश के ऐसे पहले सांसद हैं, जो कि बतौर सांसद सेना में रेगुलर कमिशंड ऑफिसर के रूप में कैप्टन बने हैं. चार बार के सांसद वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रोफाइल लंबी चौड़ी है.
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