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नवीनतम अविष्कार नहीं कर पा रहे प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर, इन्नोवेटिव आइडिया स्कीम में मिले दो आवेदन

प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से तकनीकी विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव आइडियाज मांगे गए थे, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन को महज दो आइडिया ही मिले हैं. इन आइडियाज को विकसित करने के लिए 50000 रुपये की राशि देने का प्रावधान भी किया गया था.

Technical University Himachal Pradesh
नवीनतम विचार और अविष्कार नहीं कर पा रहे प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर.
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Published : Jan 30, 2020, 9:30 AM IST

हमीरपुर: प्रदेशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों में तकनीकी शिक्षा के नाम पर इनोवेशन और कोई नया अविष्कार नहीं हो रहा है. यह खुलासा तकनीकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से हुआ हैं. पिछले वर्ष प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से तकनीकी विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव आइडियाज मांगे थे, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन को महज दो आइडिया ही मिले हैं.

वहीं, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 100 के करीब इन्नोवेटिव आइडिया विकसित करने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे. इन आइडियाज को विकसित करने के लिए 50000 रुपये की राशि देने का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ भी नया नहीं कर पा रहे हैं.

तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक बार फिर से निर्देश दिए जाएंगे. कुलपति ने कहा कि तकनीकी शिक्षा को आप सामान्य शिक्षा की तरह नहीं ले सकते हैं, इसके लिए इन्नोवेटिव आइडिया लाने ही होंगे. कुलपति डॉ एसपी बंसल ने कहा कि स्कूल स्तर पर भी शिक्षा पद्धति में बदलाव करने की जरूरत है, जिससे बच्चे नवीनतम विचारों के बारे में सोच सकें.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि स्कूल स्तर से नवीनतम विचारों को अविष्कार का रूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के माध्यम से स्कूलों में भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन कॉलेज लेवल तक पहुंचने के बावजूद भी नवीनतम विचारों के नाम पर देश और प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं. इससे विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को सही मायने में तकनीक से जोड़ा जा रहा है या यह शिक्षा महज किताबी शिक्षा बनकर रह गई है.

ये भी पढ़ें: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय कला मेला में इस वर्ष होगा हिमाचल प्रदेश थीम स्टेट, पर्यटक होंगे आकर्षित!

हमीरपुर: प्रदेशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों में तकनीकी शिक्षा के नाम पर इनोवेशन और कोई नया अविष्कार नहीं हो रहा है. यह खुलासा तकनीकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से हुआ हैं. पिछले वर्ष प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से तकनीकी विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव आइडियाज मांगे थे, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन को महज दो आइडिया ही मिले हैं.

वहीं, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 100 के करीब इन्नोवेटिव आइडिया विकसित करने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे. इन आइडियाज को विकसित करने के लिए 50000 रुपये की राशि देने का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ भी नया नहीं कर पा रहे हैं.

तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक बार फिर से निर्देश दिए जाएंगे. कुलपति ने कहा कि तकनीकी शिक्षा को आप सामान्य शिक्षा की तरह नहीं ले सकते हैं, इसके लिए इन्नोवेटिव आइडिया लाने ही होंगे. कुलपति डॉ एसपी बंसल ने कहा कि स्कूल स्तर पर भी शिक्षा पद्धति में बदलाव करने की जरूरत है, जिससे बच्चे नवीनतम विचारों के बारे में सोच सकें.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि स्कूल स्तर से नवीनतम विचारों को अविष्कार का रूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के माध्यम से स्कूलों में भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन कॉलेज लेवल तक पहुंचने के बावजूद भी नवीनतम विचारों के नाम पर देश और प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं. इससे विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को सही मायने में तकनीक से जोड़ा जा रहा है या यह शिक्षा महज किताबी शिक्षा बनकर रह गई है.

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Intro: नवीनतम विचार और अविष्कार नहीं कर पा रहे प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर, तकनीकी विश्वविद्यालय को इन्नोवेटिव आइडिया स्कीम के तहत मिले महज दो आवेदन
हमीरपुर.
तकनीकी शिक्षा के नाम पर प्रदेश भर के इंजीनियरिंग संस्थानों में इनोवेशन और अविष्कार के नाम पर कुछ नया नहीं हो रहा है जी हां तकनीकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है पिछले वर्ष तकनीकी विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव आइडियाज भदेश्वर के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से मांगे थे लेकिन महज दो आइडिया ही तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन को मिले हैं जबकि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 100 के करीब इन्नोवेटिव आइडिया विकसित करने का लक्ष्य रखा था इसके लिए बाकायदा सभी संस्थानों को विश्वविद्यालय की तरफ से निर्देश दिए गए थे इन आइडियाज को विकसित करने के लिए ₹50000 के राशि देने का प्रावधान भी किया गया था लेकिन प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ भी नया नहीं कर पा रहे हैं.


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कुलपति प्रो एसपी बंसल ने कहा कि सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे लेकिन कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कमी आ रही है एक बार फिर से इस विषय पर निर्देश दिए जाएंगे तकनीकी शिक्षा को आप सामान्य शिक्षा की तरह नहीं ले सकते हैं इसके लिए इन्नोवेटिव आइडिया लाने ही होंगे.


Conclusion: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्कूल स्तर से नवीनतम विचारों को अविष्कार का रूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के माध्यम से स्कूलों में भी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन कॉलेज लेवल तक पहुंचने के बावजूद भी नवीनतम विचारों के नाम पर देश और प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं इससे सवाल यह उठ रहा है कि तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को क्या सही मायने में तकनीक से जोड़ा जा रहा है अथवा यह महज किताबी शिक्षा बनकर रह गई है. तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसपी बंसल की माने तो स्कूल स्तर पर भी शिक्षा पद्धति में बदलाव करने की जरूरत है ताकि बच्चे नवीनतम विचारों के बारे में सोच सकें.
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