हमीरपुर: प्रदेशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों में तकनीकी शिक्षा के नाम पर इनोवेशन और कोई नया अविष्कार नहीं हो रहा है. यह खुलासा तकनीकी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से हुआ हैं. पिछले वर्ष प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से तकनीकी विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव आइडियाज मांगे थे, लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन को महज दो आइडिया ही मिले हैं.
वहीं, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 100 के करीब इन्नोवेटिव आइडिया विकसित करने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे. इन आइडियाज को विकसित करने के लिए 50000 रुपये की राशि देने का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ भी नया नहीं कर पा रहे हैं.
तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक बार फिर से निर्देश दिए जाएंगे. कुलपति ने कहा कि तकनीकी शिक्षा को आप सामान्य शिक्षा की तरह नहीं ले सकते हैं, इसके लिए इन्नोवेटिव आइडिया लाने ही होंगे. कुलपति डॉ एसपी बंसल ने कहा कि स्कूल स्तर पर भी शिक्षा पद्धति में बदलाव करने की जरूरत है, जिससे बच्चे नवीनतम विचारों के बारे में सोच सकें.
बता दें कि स्कूल स्तर से नवीनतम विचारों को अविष्कार का रूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के माध्यम से स्कूलों में भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन कॉलेज लेवल तक पहुंचने के बावजूद भी नवीनतम विचारों के नाम पर देश और प्रदेश के प्रशिक्षु इंजीनियर कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं. इससे विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को सही मायने में तकनीक से जोड़ा जा रहा है या यह शिक्षा महज किताबी शिक्षा बनकर रह गई है.
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