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खंडहर से जंगल बन गया कटोच गढ़ किला, न पर्यटन विकसित और न ही स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के साथ साथ यहां की ऐतिहासिक धरोहरों के लिए भी जाना जाता है. अगर हम बात करें हिमाचल की मनमोहक वादियों और यहां के ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों की तो हर कोई इनकी खूबसूरती का कायल है.

sujanpur tira fort
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Published : Jul 22, 2019, 7:11 PM IST

हमीरपुर: बरस 1758 में कांगड़ा-हमीरपुर रियासत की सबसे खूबसूरत इमारत सुजानपुर में बनी थी. कटोच गढ़ को कटोच वंश के राजा अभय चंद ने बनाया था. लेकिन सुजानपुर नगर बसाने और यहां किले की पहल का श्रेय कटोच वंश के शासक रहे राजा संसार चंद को जाता है.

tira fort
सुजानपुर किला

इतिहासकार बताते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत में राजा संसार चंद ने सुजानपुर को अपनी राजधानी बनाया था और इस किले में अपने परिवार के साथ रहे थे.

tira fort
सुजानपुर किला

किले के भीतर ही राजा संसार चंद ने साल 1804 में गौरी शंकर मंदिर का निर्माण भी करवाया और किले के ऊपरी भाग में कटोच वंश की कुलदेवी का मंदिर भी स्थित है. बता दें कि महल में 12 दरवाजे थे जिस कारण इसे बारादरी के नाम से भी जाना जाता था.

tira fort
सुजानपुर किला

कहा जाता है कि ये 12 दरवाजे राजा संसार चंद ने 12 राजाओं के सम्मान में बनवाए थे और इसी बारादरी में बैठकर राजा संसार चंद अपनी सल्तनत के मसलों पर पहाड़ी रियासतों के राजाओं से चर्चा किया करते थे. बेशक ये किला आज खंडहर बन चुका है, लेकिन जर्जर हो चुकी दीवारें आज भी राजसी ठाठ बाठ का एहसास करवा देती हैं.

सुजानपुर किला

टीहरा किले की खासियत और संरक्षण
इस ऐतिहासिक किले के चौगान मैदान में वर्तमान समय में राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव मनाया जाता है. लेकिन अनदेखी के शिकार इस किले में आज वो रियासती रंग देखने को नहीं मिलते, जिसके साथ इस मेले की शुरुआत की गई थी.

temple near tira fort
सुजानपुर किले के पास मंदिर

अगर किले को संरक्षित किए जाने की बात की जाए तो कुछ साल पहले भारत सरकार ने लिए प्रयास शुरू किए थे. लाखों रुपये खर्च कर खुदाई करके किले के उन भागों को भी मिट्टी और मलबे से बाहर निकाला जो दफन हो गए थे, लेकिन अब 4 बरस से काम लगभग बंद है और किले का कुछ हिस्सा तो जंगल में तब्दील हो चुका है.

temple near tira fort
सुजानपुर किले के पास मंदिर

साल 1905 में आए भयंकर भूकंप के बाद ये किला 80 फीसदी से अधिक अपना अस्तित्व खो चुका है, लेकिन किले के बीच स्थित गौरी शंकर और कटोच वंश की कुलदेवी का मंदिर अभी भी अपने पुराने स्वरूप में है.

tira fort
सुजानपुर किला

ये भी पढे़ं - रहस्य: प्रलय के बाद जिस ऋषि ने किया सृष्टि का निर्माण उसके नाम पर बसा है पर्यटन नगर मनाली

हमीरपुर: बरस 1758 में कांगड़ा-हमीरपुर रियासत की सबसे खूबसूरत इमारत सुजानपुर में बनी थी. कटोच गढ़ को कटोच वंश के राजा अभय चंद ने बनाया था. लेकिन सुजानपुर नगर बसाने और यहां किले की पहल का श्रेय कटोच वंश के शासक रहे राजा संसार चंद को जाता है.

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सुजानपुर किला

इतिहासकार बताते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत में राजा संसार चंद ने सुजानपुर को अपनी राजधानी बनाया था और इस किले में अपने परिवार के साथ रहे थे.

tira fort
सुजानपुर किला

किले के भीतर ही राजा संसार चंद ने साल 1804 में गौरी शंकर मंदिर का निर्माण भी करवाया और किले के ऊपरी भाग में कटोच वंश की कुलदेवी का मंदिर भी स्थित है. बता दें कि महल में 12 दरवाजे थे जिस कारण इसे बारादरी के नाम से भी जाना जाता था.

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सुजानपुर किला

कहा जाता है कि ये 12 दरवाजे राजा संसार चंद ने 12 राजाओं के सम्मान में बनवाए थे और इसी बारादरी में बैठकर राजा संसार चंद अपनी सल्तनत के मसलों पर पहाड़ी रियासतों के राजाओं से चर्चा किया करते थे. बेशक ये किला आज खंडहर बन चुका है, लेकिन जर्जर हो चुकी दीवारें आज भी राजसी ठाठ बाठ का एहसास करवा देती हैं.

सुजानपुर किला

टीहरा किले की खासियत और संरक्षण
इस ऐतिहासिक किले के चौगान मैदान में वर्तमान समय में राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव मनाया जाता है. लेकिन अनदेखी के शिकार इस किले में आज वो रियासती रंग देखने को नहीं मिलते, जिसके साथ इस मेले की शुरुआत की गई थी.

temple near tira fort
सुजानपुर किले के पास मंदिर

अगर किले को संरक्षित किए जाने की बात की जाए तो कुछ साल पहले भारत सरकार ने लिए प्रयास शुरू किए थे. लाखों रुपये खर्च कर खुदाई करके किले के उन भागों को भी मिट्टी और मलबे से बाहर निकाला जो दफन हो गए थे, लेकिन अब 4 बरस से काम लगभग बंद है और किले का कुछ हिस्सा तो जंगल में तब्दील हो चुका है.

temple near tira fort
सुजानपुर किले के पास मंदिर

साल 1905 में आए भयंकर भूकंप के बाद ये किला 80 फीसदी से अधिक अपना अस्तित्व खो चुका है, लेकिन किले के बीच स्थित गौरी शंकर और कटोच वंश की कुलदेवी का मंदिर अभी भी अपने पुराने स्वरूप में है.

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सुजानपुर किला

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