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95 साल की उम्र में भी इस स्वतंत्रता सेनानी का हौसला बुलंद, खुद चलाते हैं गाड़ी

95 साल की उम्र में भी स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा अपने सभी काम खुद करते हैं. आज राम लाल का शरीर जरूर कमजोर हो गया है, लेकिन इनके इरादे आज भी पहले की तरह बुलंद हैं. वह खुद गाड़ी चलाकर अपनी पेंशन लेने के लिए बैंक जाते हैं.

special story on  Freedom fighter Ramlal Sharma
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Published : Aug 14, 2020, 11:06 PM IST

Updated : Aug 15, 2020, 6:51 PM IST

हमीरपुर: देश को आजाद हुए 7 दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों का हौसला आज भी वैसा ही है, जैसे दशकों को पहले हुआ करता था. हिमाचल के कई स्वतंत्रता सेनानियों में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था, जिनमें से एक हमीरपुर जिला के 95 वर्षीय रामलाल शर्मा हैं.

95 साल की उम्र में भी इनका रुबाब कम नहीं हुआ है. अकसर उम्र के इस पढ़ाव पर पहुंचकर लोग दूसरों के मोहताज हो जाते हैं. पैदल चलना तो दूर, वह खुद की देखभाल भी सही से नहीं कर पाते, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा इस उम्र में भी अपने सभी काम खुद करते हैं. वह अभी भी जनता की सेवा करने के लिए सक्रिय हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

रामलाल शर्मा अपने समय के जोशीले और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए लगभग 9 महीने जेल में काटे और अंग्रेजों की यातनाएं भी सही. लगभग 95 साल की उम्र में आज रामलाल का शरीर जरूर कमजोर हो गया है, लेकिन इनके इरादे आज भी पहले की तरह बुलंद हैं. वह खुद गाड़ी चलाकर अपनी पेंशन लेने के लिए बैंक जाते हैं

आजादी की लड़ाई में अपनी यादों को ताजा करते हुए राम लाल ने बताया कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री वाईएस परमार के साथ वह लाहौर भी गए थे. राम लाल ने बताया कि उन्हें वाईएस परमार से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने की प्रेरणा मिली थी. उन्होंने बताया कि परमार इस क्षेत्र में आकर सभाएं किया करते थे.

स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा के इस हौसले को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. उनके परिजनों का कहना है कि इस उम्र में भी हिमाचल के कई स्थानों पर चले जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से उन्होंने घर से ज्यादा दूर जाना बंद कर दिया है अपने पंचायत में ही बाजार तक जाते हैं और अपने कार्यों को करते हैं. लॉकडाउन की वजह स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा से दो-तीन महीने से गाड़ी नहीं चला पा रहे थे, लेकिन अब वह फिर अपने रूटीन पर लौट आए हैं.

ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस स्पेशल: आजादी से पहले महात्मा गांधी ने की शिमला की 10 यात्राएं

हमीरपुर: देश को आजाद हुए 7 दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों का हौसला आज भी वैसा ही है, जैसे दशकों को पहले हुआ करता था. हिमाचल के कई स्वतंत्रता सेनानियों में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था, जिनमें से एक हमीरपुर जिला के 95 वर्षीय रामलाल शर्मा हैं.

95 साल की उम्र में भी इनका रुबाब कम नहीं हुआ है. अकसर उम्र के इस पढ़ाव पर पहुंचकर लोग दूसरों के मोहताज हो जाते हैं. पैदल चलना तो दूर, वह खुद की देखभाल भी सही से नहीं कर पाते, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा इस उम्र में भी अपने सभी काम खुद करते हैं. वह अभी भी जनता की सेवा करने के लिए सक्रिय हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

रामलाल शर्मा अपने समय के जोशीले और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए लगभग 9 महीने जेल में काटे और अंग्रेजों की यातनाएं भी सही. लगभग 95 साल की उम्र में आज रामलाल का शरीर जरूर कमजोर हो गया है, लेकिन इनके इरादे आज भी पहले की तरह बुलंद हैं. वह खुद गाड़ी चलाकर अपनी पेंशन लेने के लिए बैंक जाते हैं

आजादी की लड़ाई में अपनी यादों को ताजा करते हुए राम लाल ने बताया कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री वाईएस परमार के साथ वह लाहौर भी गए थे. राम लाल ने बताया कि उन्हें वाईएस परमार से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने की प्रेरणा मिली थी. उन्होंने बताया कि परमार इस क्षेत्र में आकर सभाएं किया करते थे.

स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा के इस हौसले को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. उनके परिजनों का कहना है कि इस उम्र में भी हिमाचल के कई स्थानों पर चले जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से उन्होंने घर से ज्यादा दूर जाना बंद कर दिया है अपने पंचायत में ही बाजार तक जाते हैं और अपने कार्यों को करते हैं. लॉकडाउन की वजह स्वतंत्रता सेनानी रामलाल शर्मा से दो-तीन महीने से गाड़ी नहीं चला पा रहे थे, लेकिन अब वह फिर अपने रूटीन पर लौट आए हैं.

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Last Updated : Aug 15, 2020, 6:51 PM IST
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