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कोरोना के दौर में दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों के कमी से जूझ रहा मेडिकल कॉलेज हमीरपुर

कोरोना महामारी के दौर में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों की कमी खल रही है. कोरोना महामारी में जरूरी मानी जा रही एंटीबायोटिक दवा एजी थ्रो मायसिन भी नहीं मिल पा रही है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि दवाइयों का स्टॉक आज ही मिला है. इसे जल्द ही काउंटर पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा. वहीं, ग्लव्स की कमी भी पूरी की जाएगी.

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Published : Jun 10, 2021, 10:43 PM IST

हमीरपुरः कोरोना महामारी के दौर में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों की कमी खल रही है. एक तरफ मरीजों को कोरोना महामारी में जरूरी मानी जा रही एंटीबायोटिक दवा एजी थ्रो मायसिन भी नहीं मिल पा रही है. फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी बिना ग्लव्स के ही सेवाएं देते नजर आ रहे हैं. ग्लव्स की खरीद के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जुगाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं, दवाइयों की कमी कुछ हद तक जन औषधि के माध्यम से खरीद कर पूरी की गई है. 15 से 20 दिन के बाद इस दवाई का प्रबंध किया गया है.

आज ही मिला दवाइयों का स्टॉक

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि दवाइयों का स्टॉक आज ही मिला है. इसे जल्द ही काउंटर पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा. वहीं, ग्लव्स की कमी भी पूरी की जाएगी. हालांकि बाजार में इसकी उपलब्धता कम है जिस वजह से इसका प्रयोग ही सीमित किया गया है, ताकि ज्यादा दिक्कत पेश ना आए.

वीडियो.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर जिला हमीरपुर का सर्वोच्च संस्थान है. यहां पर हमीरपुर जिला ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. यहां पर दवाइयों की कमी होना अपने आप में गंभीर विषय है.

ये भी पढ़ेंः- कौन बनेगा सीएम जयराम का तारणहार, क्या महेंद्र सिंह के कंधे पर डाली जाएगी मंडी फतह की जिम्मेदारी

हमीरपुरः कोरोना महामारी के दौर में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों की कमी खल रही है. एक तरफ मरीजों को कोरोना महामारी में जरूरी मानी जा रही एंटीबायोटिक दवा एजी थ्रो मायसिन भी नहीं मिल पा रही है. फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी बिना ग्लव्स के ही सेवाएं देते नजर आ रहे हैं. ग्लव्स की खरीद के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जुगाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं, दवाइयों की कमी कुछ हद तक जन औषधि के माध्यम से खरीद कर पूरी की गई है. 15 से 20 दिन के बाद इस दवाई का प्रबंध किया गया है.

आज ही मिला दवाइयों का स्टॉक

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि दवाइयों का स्टॉक आज ही मिला है. इसे जल्द ही काउंटर पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा. वहीं, ग्लव्स की कमी भी पूरी की जाएगी. हालांकि बाजार में इसकी उपलब्धता कम है जिस वजह से इसका प्रयोग ही सीमित किया गया है, ताकि ज्यादा दिक्कत पेश ना आए.

वीडियो.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर जिला हमीरपुर का सर्वोच्च संस्थान है. यहां पर हमीरपुर जिला ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं. यहां पर दवाइयों की कमी होना अपने आप में गंभीर विषय है.

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