हमीरपुर: संसदीय क्षेत्र हमीरपुर पिछले तीन दशक से भाजपा का गढ़ बना हुआ है. बता दें कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से बाहर नालागढ़ के बद्दी में और मंडी में विवादास्पद बयान देकर पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा दिया था. उनके यह बयान पिछले कल हमीरपुर में आयोजित कांग्रेस की रैली में छाए रहे थे और वह लगभग हर कांग्रेसी दिग्गज के निशाने पर रहे थे. कांग्रेस नेताओं के भाजपा के घर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में जुबानी हमले के बाद यह अटकलें लगाई जा रहे हैं थी कि सतपाल सत्ती करारा जवाब देंगे, लेकिन एक के बाद एक चुनाव आयोग के नोटिस थमने के बाद भी शुक्रवार को भाजपा के गढ़ में साइलेंट मोड में नजर आए.
भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के नामांकन से पहले हमीरपुर के गांधी चौक पर आयोजित जनसभा में जब उन्हें बोलने का मौका मिला तो वह 5 मिनट से भी कम बोले. इस 5 मिनट में भी 2 मिनट से अधिक का समय तो मंच पर मौजूद नेताओं का नाम लेने और कार्यकर्ताओं को बैठने की अपील करने में ही निकल गया और 2 मिनट में अपने भाषण को समझते हुए सतपाल सत्ती ने कांग्रेसी नेताओं को जवाब देने से भी किनारा कर लिया. औपचारिकता निभाते हुए सिर्फ कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर कार्य करने की अपील करते हुए ज्यादा ना बोलने का यह तर्क दिया कि उन्हें अभी कांगड़ा भी जाना है इसलिए कुछ ज्यादा नहीं बोलेंगे.
हालांकि यह भी किसी से छुपा नहीं है कि मंडी में आयोजित रैली में उनके बाजू काटने के बयान पर भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है. जिसके बाद लगातार वह कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने यहां तक कह दिया था कि हमने भी चूड़ियां पहन के नहीं रखी हैं और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी उनके बयानों पर बड़ी चुटकी ली थी.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा था कि उना के बंदे सतपाल सत्ती की तरह के नहीं होते हैं आपने यह धारणा नहीं बनानी है ऊना के बंदे भले चंगे होते हैं. इसके अलावा प्रदेश में आयोजित हो रही कांग्रेस की लगभग हर जनसभा में सतपाल सत्ती लगातार कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर हैं.