हमीरपुर: दुनिया के शीर्ष विज्ञानियों में शामिल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी हमीरपुर के दिवंगत प्रोफेसर डॉ. जेएन शर्मा के शोध कार्यों को अमेरिका में सराहा गया है. अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से जारी वैज्ञानियों की सूची में डॉ. जेएन शर्मा का नाम देशभर में 19वें स्थान पर है. भारत से 1490 विज्ञानियों को चुना गया है जबकि दुनियाभर में यह आंकड़ा 92 हजार 647 है.
अमेरिका में सराहा गया डॉ शर्मा के काम को
एनआईटी हमीरपुर में गणित के प्रोफेसर रहे डॉ. जेएन शर्मा ने साल 1986 से 2015 तक सेवाएं दीं. संस्थान के संस्थापक सदस्यों में शुमार रहे डॉ. जेएन शर्मा के शोध पत्र कई वैज्ञानिकों के काम आए हैं. यही वजह है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने उनके काम को सराहा है. डॉ. जेएन शर्मा ने अध्यापन काम के दौरान 30 से अधिक छात्रों को पीएचडी भी करवाई है.
गरीबी में बीता बचपन
वह देश विदेश के कई विश्वविद्यालयों में हुई कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि और वक्ता भी रहे. हमीरपुर जिले के गलोड़ कस्बे के साथ छोटे से गांव सुकराला के रहने वाले डॉ. जेएन शर्मा किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनका बचपन गरीबी में बीता था. जन्म देने के तीन दिन बाद ही उनकी मां का देहांत हो गया था और रिश्तेदारों ने उनका पालन पोषण किया.
मजदूरी करने के साथ की पढ़ाई
डॉ. शर्मा ने बचपन से ही पढ़ाई के साथ काम में पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया था. उन्होंने अपनी अपनी फीस का खर्च करने के लिए मजदूरी करने के साथ ही पढ़ाई का क्रम भी जारी रखा. मेहनत के बल पर उन्होंने अहम मुकाम हासिल किया था. गांव के उनके सहपाठी बताते हैं कि वह हंसमुख छवि वाले और मददगार इंसान थे.
देश के लिए गर्व की बात
कुछ साल पहले एक गंभीर बीमारी के कारण उनका निधन हो गया था. स्वजनों ने डॉ. शर्मा की इस उपलब्धि पर एनआइटी हमीरपुर, सभी पूर्व सहकर्मियों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया है. हड़ेटा पंचायत के प्रधान संजय शर्मा ने डॉ. जेएन शर्मा के शोध कार्यों की सराहना की है. वहीं, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गलोड़ के प्रधानाचार्य मदन बन्याल ने कहा कि डॉ. शर्मा के शोध कार्य अमेरिका में सराहे जाना देश के लिए गर्व की बात है.
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