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बड़सर में बगावत भारी: 2 बार कांग्रेस 1 बार भाजपा हारी, जानें वर्तमान सियासी समीकरणों से अब किसकी तैयारी

हमीरपुर जिले के बड़सर विधानसभा क्षेत्र में बगावत हमेशा भारी रही है. यहां इसके चलते 2 बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तो 1 बार भाजपा भी हार गई. विधानसभा चुनाव 2022 की बात की जाए तो इस बार कांग्रेस में बगावत के सुर कम दिखाई दे रहे, लेकिन भाजपा के बागी संजीव शर्मा ने पार्टी के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है. (Rebellion heavy in Barsar ) (Himachal Assembly Election 2022 )

बड़सर में बगावत भारी
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Published : Oct 28, 2022, 11:54 AM IST

हमीरपुर: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों में बगावत हार ही लेकर आई है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजनीतिक दलों के बागियों ने खुद चाहे जीत हासिल नहीं की हो , लेकिन अपने दल को जरूर हरा दिया. पिछले 5 विधानसभा चुनावों में बगावत के कारण कांग्रेस 2 बार और भाजपा को 1 बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में समीकरण कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं. इस बार बगावत भाजपा के लिए है तो वही इस बगावत का सामना एक दशक पहले कांग्रेस को करना पड़ा था. (Himachal Assembly Election 2022 )

कांग्रेस में बगावत कम: कांग्रेस ने यहां पर बगावत कुछ हद तक थम गई , लेकिन भाजपा के बागी यहां पर पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़ी परेशानी बने हुए हैं. कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्र दत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा चुनावी रण में है. भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली इस सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे ,लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर चल रही थी. (Rebellion in Congress less in Barsar) (Rebellion heavy in Barsar)

बलदेव शर्मा की पत्नी को टिकट: टिकट की दौड़ में प्रत्याशी माया शर्मा और दिवंगत राकेश शर्मा बबली का परिवार था ,लेकिन अंततः भाजपा ने परोक्ष रूप से बलदेव शर्मा को ही लगातार छठी बार यहां पर पार्टी का टिकट थमाया है. बलदेव शर्मा लगातार साल 1998 से 2017 तक पार्टी के प्रत्याशी रहे और 3 दफा जीते और 2 दफा हारे. साल 2022 में अब बलदेव शर्मा की जगह उनकी पत्नी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है. (Barsar assembly election 2022)

पिछले दो चुनावों में भाजपा लगातार हारी: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पिछले 2 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल नामांकन वापसी की तारीख 29 अक्टूबर है. यदि भाजपा के बागी संजीव शर्मा चुनावी मैदान में बने रहते हैं तो यहां पर भाजपा के मुश्किल कम नहीं होंगी. इस विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों में बगावत की पुरानी परंपरा पिछले 5 चुनावों में देखने को मिल रही, जिसका सीधा लाभ दूसरे दल को मिलता है. (Rebellion in BJP and Congress continued in Barsar)

साल 1998 में सीधा मुकाबले में जीती भाजपा: साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने इस विधानसभा क्षेत्र में 20706 वोट लेकर 4505 मत से जीत हासिल की थी. कांग्रेस के प्रत्याशी मनजीत सिंह डोगरा को इस चुनाव में 16021 मत प्राप्त हुए थे. 2003 में बड़सर सीट को नदौनता के नाम से जाना जाता था. इस साल के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 23796 मत लेकर 12561 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव कांग्रेस की प्रत्याशी विद्या कुमारी 11235 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि आजाद प्रत्याशी मंजीत सिंह डोगरा 10568 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे. (BJP won in Barsar in 1998)

2007 में भी कांग्रेस की बगावत जारी, फिर सीट हारी: साल 2007 में भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 25634 मत लेकर 15564 के मतों के अंतर से जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विद्या कुमारी जार को 10070 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में आजाद प्रत्याशी अरविंदर रानी को 5629 और बीएसपी प्रत्याशी यशपाल सिंह को 5066 मत प्राप्त हुए थे.

2012 में सीधे मुकाबले में भाजपा की हार: साल 2012 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत लखनपाल ने 26041 मत लेकर 2658 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा को 23383 मत प्राप्त हुए थे. साल 2017 में भाजपा में बगावत से कांग्रेस की जीत हुई. साल 2017 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत लखनपाल ने 25679 मत लेकर 439 मतों के अंतर से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 25240 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में भाजपा के बागी सीता राम भारद्वाज को आजाद प्रत्याशी के रूप में 5181 मत प्राप्त हुए थे. (BJP lost in Barsar in 2012)

बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 85457 मतदाता: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 85457 मतदाता हैं इनमें पुरुष मतदाता 41873 महिला मतदाता 43584 हैं. इसके अलावा 1985 सर्विस वोटर भी इस विधानसभा क्षेत्र में है. उम्मीद जताई जा रही है कि यहां पर 70 से 75 फ़ीसदी के बीच में मतदान होता है. ऐसे में यहां पर 65 हजार के करीब मतदान होने की उम्मीद लगाई जा रही है. जिस भी दल का प्रत्याशी 30 हजार के करीब मत हासिल करेगा वह निश्चित तौर पर चुनाव जीतने में कामयाब रहेगा. (85457 voters in Barsar assembly constituency)

पिछले दो चुनावों में जीत का फैसला महज 500 से 3000 के बीच: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार दो जीत हासिल कर चुकी है. यहां पर जीत का फासला पिछले चुनावों में बेहद ही कम रहा है .पिछले चुनावों में महज 439 मतों के अंतर से कांग्रेसी विधायक ने जीत हासिल की थी, जबकि 2012 के चुनावों में जीत का यह अंतर 2658 था. इन दोनों ही चुनावों में जीतने वाले प्रत्याशी ने 26 हजार के करीब वोट हासिल किए थे और इस बार भी जीतने के लिए प्रत्याशी को इस आंकड़े को पार करना होगा.

ये भी पढ़ें : 2007 से भाजपा का गढ़ रहा हमीरपुर, इस बार त्रिकोणीय मुकाबला

हमीरपुर: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों में बगावत हार ही लेकर आई है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजनीतिक दलों के बागियों ने खुद चाहे जीत हासिल नहीं की हो , लेकिन अपने दल को जरूर हरा दिया. पिछले 5 विधानसभा चुनावों में बगावत के कारण कांग्रेस 2 बार और भाजपा को 1 बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में समीकरण कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं. इस बार बगावत भाजपा के लिए है तो वही इस बगावत का सामना एक दशक पहले कांग्रेस को करना पड़ा था. (Himachal Assembly Election 2022 )

कांग्रेस में बगावत कम: कांग्रेस ने यहां पर बगावत कुछ हद तक थम गई , लेकिन भाजपा के बागी यहां पर पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़ी परेशानी बने हुए हैं. कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्र दत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा चुनावी रण में है. भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली इस सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे ,लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर चल रही थी. (Rebellion in Congress less in Barsar) (Rebellion heavy in Barsar)

बलदेव शर्मा की पत्नी को टिकट: टिकट की दौड़ में प्रत्याशी माया शर्मा और दिवंगत राकेश शर्मा बबली का परिवार था ,लेकिन अंततः भाजपा ने परोक्ष रूप से बलदेव शर्मा को ही लगातार छठी बार यहां पर पार्टी का टिकट थमाया है. बलदेव शर्मा लगातार साल 1998 से 2017 तक पार्टी के प्रत्याशी रहे और 3 दफा जीते और 2 दफा हारे. साल 2022 में अब बलदेव शर्मा की जगह उनकी पत्नी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है. (Barsar assembly election 2022)

पिछले दो चुनावों में भाजपा लगातार हारी: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पिछले 2 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल नामांकन वापसी की तारीख 29 अक्टूबर है. यदि भाजपा के बागी संजीव शर्मा चुनावी मैदान में बने रहते हैं तो यहां पर भाजपा के मुश्किल कम नहीं होंगी. इस विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों में बगावत की पुरानी परंपरा पिछले 5 चुनावों में देखने को मिल रही, जिसका सीधा लाभ दूसरे दल को मिलता है. (Rebellion in BJP and Congress continued in Barsar)

साल 1998 में सीधा मुकाबले में जीती भाजपा: साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने इस विधानसभा क्षेत्र में 20706 वोट लेकर 4505 मत से जीत हासिल की थी. कांग्रेस के प्रत्याशी मनजीत सिंह डोगरा को इस चुनाव में 16021 मत प्राप्त हुए थे. 2003 में बड़सर सीट को नदौनता के नाम से जाना जाता था. इस साल के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 23796 मत लेकर 12561 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव कांग्रेस की प्रत्याशी विद्या कुमारी 11235 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि आजाद प्रत्याशी मंजीत सिंह डोगरा 10568 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे. (BJP won in Barsar in 1998)

2007 में भी कांग्रेस की बगावत जारी, फिर सीट हारी: साल 2007 में भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 25634 मत लेकर 15564 के मतों के अंतर से जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विद्या कुमारी जार को 10070 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में आजाद प्रत्याशी अरविंदर रानी को 5629 और बीएसपी प्रत्याशी यशपाल सिंह को 5066 मत प्राप्त हुए थे.

2012 में सीधे मुकाबले में भाजपा की हार: साल 2012 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत लखनपाल ने 26041 मत लेकर 2658 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा को 23383 मत प्राप्त हुए थे. साल 2017 में भाजपा में बगावत से कांग्रेस की जीत हुई. साल 2017 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत लखनपाल ने 25679 मत लेकर 439 मतों के अंतर से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 25240 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में भाजपा के बागी सीता राम भारद्वाज को आजाद प्रत्याशी के रूप में 5181 मत प्राप्त हुए थे. (BJP lost in Barsar in 2012)

बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 85457 मतदाता: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 85457 मतदाता हैं इनमें पुरुष मतदाता 41873 महिला मतदाता 43584 हैं. इसके अलावा 1985 सर्विस वोटर भी इस विधानसभा क्षेत्र में है. उम्मीद जताई जा रही है कि यहां पर 70 से 75 फ़ीसदी के बीच में मतदान होता है. ऐसे में यहां पर 65 हजार के करीब मतदान होने की उम्मीद लगाई जा रही है. जिस भी दल का प्रत्याशी 30 हजार के करीब मत हासिल करेगा वह निश्चित तौर पर चुनाव जीतने में कामयाब रहेगा. (85457 voters in Barsar assembly constituency)

पिछले दो चुनावों में जीत का फैसला महज 500 से 3000 के बीच: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार दो जीत हासिल कर चुकी है. यहां पर जीत का फासला पिछले चुनावों में बेहद ही कम रहा है .पिछले चुनावों में महज 439 मतों के अंतर से कांग्रेसी विधायक ने जीत हासिल की थी, जबकि 2012 के चुनावों में जीत का यह अंतर 2658 था. इन दोनों ही चुनावों में जीतने वाले प्रत्याशी ने 26 हजार के करीब वोट हासिल किए थे और इस बार भी जीतने के लिए प्रत्याशी को इस आंकड़े को पार करना होगा.

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