हमीरपुरः लंबे समय तक माथापच्ची के बाद आखिर हमीरपुर सीट पर कांग्रेस का चेहरा तय होने के बाद अब हमीरपुर संसदीय सीट पर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. रामलाल ठाकुर को कांग्रेस ने चौथी दफा टिकट देकर एक बार फिर विश्वास जताया है. अब जंग होगी 3 जीत और 3 हार के बीच में.
जहां एक ओर अनुराग ठाकुर 3 दफा हमीरपुर संसदीय सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. वहीं, रामलाल ठाकुर 3 दफा हार का सामना कर चुके हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे यह भी तय करेंगे कि अनुराग ठाकुर जीत का चौका लगाएंगे अथवा रामलाल ठाकुर 3 हार के बाद जीत का श्री गणेश करेंगे.
रामलाल ठाकुर का सियासी सफर
रामलाल ठाकुर का जन्म 7 जून 1951 को बिलासपुर के गांव घियाल में हुआ. रामलाल ठाकुर में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. इसके अलावा रामलाल ठाकुर एमए हिंदी और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा भी कर रखा है. रामलाल ठाकुर में 1985 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री की. पहली बार में ही उन्हें आयुर्वेद शहरी एवं विकास युवा सेवा एवं खेल विभाग और बिजली बोर्ड मंत्री बनाया गया. उसके बाद वर्ष 1994 से 1995 में कानून मंत्री और खेल मंत्री रहे. 1996 से 1998 तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रहे. 2003 में रामलाल ठाकुर के पास उद्योग विभाग आईटी और युवा खेल विभाग रहा. पिछली प्रदेश कांग्रेस सरकार में हार के बावजूद रामलाल ठाकुर को 20 सूत्री कार्यक्रम कमेटी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी.
लोकसभा चुनावों में 3 बार करना पड़ा है हार का सामना
वर्ष 1998 और 2004 में रामलाल ठाकुर को भाजपा के प्रत्याशी सुरेश से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 1998 में वह सुरेश चंदेल एक लाख से अधिक मतों से हारे थे वहीं 2004 में उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी. चुनाव में वह केवल 1615 मतों से जीत से चूक गए थे, जबकि वर्ष 2007 में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल से वह हार गए थे, लेकिन इस बार हार का फासला 80 हजार से अधिक मत था.