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3 हार के बाद क्या होगा जीत का श्री गणेश? जानिए रामलाल ठाकुर का सियासी सफर

हमीरपुर सीट से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी तय कर दिया है. वर्ष 1998 और 2004 में रामलाल ठाकुर को भाजपा के प्रत्याशी सुरेश चंदेल से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं 2007 में रामलाल ठाकुर को पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल से हार का सामना करना पड़ा था.

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Published : Apr 6, 2019, 5:44 PM IST

राम लाल ठाकुर

हमीरपुरः लंबे समय तक माथापच्ची के बाद आखिर हमीरपुर सीट पर कांग्रेस का चेहरा तय होने के बाद अब हमीरपुर संसदीय सीट पर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. रामलाल ठाकुर को कांग्रेस ने चौथी दफा टिकट देकर एक बार फिर विश्वास जताया है. अब जंग होगी 3 जीत और 3 हार के बीच में.

ram lal thakur
राम लाल ठाकुर

जहां एक ओर अनुराग ठाकुर 3 दफा हमीरपुर संसदीय सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. वहीं, रामलाल ठाकुर 3 दफा हार का सामना कर चुके हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे यह भी तय करेंगे कि अनुराग ठाकुर जीत का चौका लगाएंगे अथवा रामलाल ठाकुर 3 हार के बाद जीत का श्री गणेश करेंगे.

रामलाल ठाकुर का सियासी सफर

रामलाल ठाकुर का जन्म 7 जून 1951 को बिलासपुर के गांव घियाल में हुआ. रामलाल ठाकुर में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. इसके अलावा रामलाल ठाकुर एमए हिंदी और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा भी कर रखा है. रामलाल ठाकुर में 1985 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री की. पहली बार में ही उन्हें आयुर्वेद शहरी एवं विकास युवा सेवा एवं खेल विभाग और बिजली बोर्ड मंत्री बनाया गया. उसके बाद वर्ष 1994 से 1995 में कानून मंत्री और खेल मंत्री रहे. 1996 से 1998 तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रहे. 2003 में रामलाल ठाकुर के पास उद्योग विभाग आईटी और युवा खेल विभाग रहा. पिछली प्रदेश कांग्रेस सरकार में हार के बावजूद रामलाल ठाकुर को 20 सूत्री कार्यक्रम कमेटी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी.

लोकसभा चुनावों में 3 बार करना पड़ा है हार का सामना

वर्ष 1998 और 2004 में रामलाल ठाकुर को भाजपा के प्रत्याशी सुरेश से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 1998 में वह सुरेश चंदेल एक लाख से अधिक मतों से हारे थे वहीं 2004 में उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी. चुनाव में वह केवल 1615 मतों से जीत से चूक गए थे, जबकि वर्ष 2007 में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल से वह हार गए थे, लेकिन इस बार हार का फासला 80 हजार से अधिक मत था.

हमीरपुरः लंबे समय तक माथापच्ची के बाद आखिर हमीरपुर सीट पर कांग्रेस का चेहरा तय होने के बाद अब हमीरपुर संसदीय सीट पर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. रामलाल ठाकुर को कांग्रेस ने चौथी दफा टिकट देकर एक बार फिर विश्वास जताया है. अब जंग होगी 3 जीत और 3 हार के बीच में.

ram lal thakur
राम लाल ठाकुर

जहां एक ओर अनुराग ठाकुर 3 दफा हमीरपुर संसदीय सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. वहीं, रामलाल ठाकुर 3 दफा हार का सामना कर चुके हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे यह भी तय करेंगे कि अनुराग ठाकुर जीत का चौका लगाएंगे अथवा रामलाल ठाकुर 3 हार के बाद जीत का श्री गणेश करेंगे.

रामलाल ठाकुर का सियासी सफर

रामलाल ठाकुर का जन्म 7 जून 1951 को बिलासपुर के गांव घियाल में हुआ. रामलाल ठाकुर में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. इसके अलावा रामलाल ठाकुर एमए हिंदी और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा भी कर रखा है. रामलाल ठाकुर में 1985 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री की. पहली बार में ही उन्हें आयुर्वेद शहरी एवं विकास युवा सेवा एवं खेल विभाग और बिजली बोर्ड मंत्री बनाया गया. उसके बाद वर्ष 1994 से 1995 में कानून मंत्री और खेल मंत्री रहे. 1996 से 1998 तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रहे. 2003 में रामलाल ठाकुर के पास उद्योग विभाग आईटी और युवा खेल विभाग रहा. पिछली प्रदेश कांग्रेस सरकार में हार के बावजूद रामलाल ठाकुर को 20 सूत्री कार्यक्रम कमेटी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी.

लोकसभा चुनावों में 3 बार करना पड़ा है हार का सामना

वर्ष 1998 और 2004 में रामलाल ठाकुर को भाजपा के प्रत्याशी सुरेश से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 1998 में वह सुरेश चंदेल एक लाख से अधिक मतों से हारे थे वहीं 2004 में उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी. चुनाव में वह केवल 1615 मतों से जीत से चूक गए थे, जबकि वर्ष 2007 में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल से वह हार गए थे, लेकिन इस बार हार का फासला 80 हजार से अधिक मत था.

Intro:यह रहा है रामलाल ठाकुर का सियासी सफर, तीन हार के बाद क्या होगा जीत का श्री गणेश या फिर अनुराग ठाकुर लगाएंगे जीत का चौका
हमीरपुर.
लंबे समय तक माथापच्ची के बाद आखिर हमीरपुर सीट पर कांग्रेस का चेहरा तय होने के बाद अब हमीरपुर संसदीय सीट पर सियासी सरगर्मी तेज हो गई. रामलाल ठाकुर को कांग्रेस ने चौथी दफा टिकट देकर एक बार फिर विश्वास जताया है. अब जंग होगी 3 जीत और तीन हार के बीच में. जहां एक ओर अनुराग ठाकुर तीन दफा हमीरपुर संसदीय सीट से जीत हासिल कर चुके हैं वहीं रामलाल ठाकुर तीन दफा हार का सामना कर चुके हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे यह भी तय करेंगे कि अनुराग ठाकुर जीत का चौका लगाएंगे अथवा रामलाल ठाकुर तीन हार के बाद जीत का श्री गणेश करेंगे।


Body:आइए नजर डालते हैं रामलाल ठाकुर के सियासी सफर पर। 7 जून 1951 को बिलासपुर के गांव की घियाल में हुआ। रामलाल ठाकुर में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है। इसके अलावा रामलाल ठाकुर m.a. हिंदी और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा भी कर रखा है। रामलाल ठाकुर में 1985 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री की। पहली बार में ही उन्हें आयुर्वेद शहरी एवं विकास युवा सेवा एवं खेल विभाग और बिजली बोर्ड मंत्री बनाया गया। उसके बाद वर्ष 1994 से 1995 में कानून मंत्री और खेल मंत्री रहे। 1996 से 1998 तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रहे। 2003 में रामलाल ठाकुर के पास उद्योग विभाग आईटी और युवा खेल विभाग रहा। पिछली प्रदेश कांग्रेस सरकार में हार के बावजूद रामलाल ठाकुर को 20 सूत्री कार्यक्रम कमेटी के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी।

लोकसभा चुनावों में 3 बार करना पड़ा है हार का सामना
वर्ष 1998 और 2004 में रामलाल ठाकुर को भाजपा के प्रत्याशी सुरेश से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 1998 में वह सुरेश चंदेल एक लाख से अधिक मतों से हारे थे वही 2004 में उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। चुनाव मैं वह केवल 1615 मतों से जीत से चूक गए थे। जबकि वर्ष 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से वह हार गए थे। लेकिन इस बार हार का फासला 80000 से अधिक मत था।



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