सुजानपुर/हमीरपुर: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि हमारी बात पर तो सरकार को गुस्सा आता था, लेकिन अब सरकार के अपने भी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को शर्मनाक बता रहे हैं.
जब पूरा देश कोरोना महामारी से छटपटा रहा है, लेकिन बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार में सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार बेखौफ चला हुआ है. राजेंद्र राणा ने कहा कि भ्रष्टाचार का मामला उजागर होते ही जहां सरकार पर से आम आदमी का भरोसा उठा है. वहीं, इस भ्रष्टाचार को सुनकर दिल दहल रहा है. इस दौर में हो रहे भ्रष्टाचार से प्रदेश का सिर शर्म से झुका है व समूचा प्रदेश आहत हो उठा है.
कोरोना उपचार सामग्री खरीद में भ्रष्टाचार का यह समाचार प्रदेश को कलंकित कर देने वाला है, लेकिन अफसोस जनक यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अब इस भ्रष्टाचार पर गुस्सा इसलिए नहीं आ रहा है, क्योंकि अब वह अपनों के निशाने पर हैं.
पीपीई किट की खरीद में 5 लाख की घूस का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट में चल रहा भ्रष्टाचार का काला सच सामने आया है. गजब की बात यह है कि घूस की पेशकश करने वाला आरोपी बीजेपी का नेता बताया जा रहा है. आज जनता के लिए कोरोना महामारी बन के आई है, लेकिन सत्ता संरक्षण में पल रहे भ्रष्टाचारियों के लिए महामारी एक मौका साबित हुआ है.
राणा ने कहा कि मौके का लाभ उठाकर सरकार की नाक के नीचे करोड़ों के सप्लाई ऑर्डर हड़पने वाले आरोपी के सीधे तार भाजपा नेता से जुड़े बताए जा रहे हैं. इतना ही नहीं सौदेबाजी में लगा व्यक्ति भाजपा नेता के भ्रष्ट कारोबार की लाइजनिंग भी करता था. हेल्थ डायरेक्टर की गिरफ्तारी से साफ हो गया है कि सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार में बीजेपी का दामन भी दागदार है.
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विधायाक राणा ने कहा कि मैं तो शुरू से ही बीजेपी के कुछ नेताओं व अधिकारियों से मिली फीडबैक को लेकर भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त कर रहा था, लेकिन तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गुस्सा सार्वजनिक होकर फूट रहा था. स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है, शुरू से ही यह विभाग भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहा है.
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