हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में भी अब होटल ढाबों और रेस्टोरेंट में खाद्य पदार्थों को पकाने के बाद बचे तेल की खरीद की जाएगी. भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की (RUCO) रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल की पहल को हिमाचल में भी गंभीरता से लागू किया जाएगा. इस पहल के अंतर्गत दुकानों में एक दफा इस्तेमाल किए गए कुकिंग ऑयल को दोबारा इस्तेमाल न किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा. दुकानदारों से इस्तेमाल किए गए कुकिंग ऑयल को खरीदा जाएगा. प्रति लीटर ₹30 की दर से इस तेल की खरीद दो कंपनियों के माध्यम से की जाएगी. हिमाचल में पिछले साल ही इस योजना के तहत तेल कंपनियों को यह कार्य किया गया था, लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में यह कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
खाद्य सुरक्षा विभाग के माध्यम से इस साल इस कार्य को गंभीरता से लागू करने का कार्य किया जा रहा है. खाद्य सुरक्षा विभाग ने हिमाचल प्रदेश में दो कंपनियों को यह कार्य सौंपा है जो प्रदेश भर में दुकानदारों से यूज्ड कुकिंग ऑयल को खरीदेगी. यूज्ड कुकिंग ऑयल को दोबारा इस्तेमाल करना बेहद घातक साबित होता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से इस तेल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में अब खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से दुकानदारों अथवा निर्माताओं को भी जागरूक किया जा रहा है. (RUCO) रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल की पहल से पूर्व खाद्य पदार्थ बनाने वाले दुकानदारों अथवा उत्पादकों को यह सलाह दी जाती थी कि इस तेल को फेंक दिया जाए.
बीमारियों से उपभोक्ताओं का होगा बचाव, व्यर्थ तेल से बनेगा बायोडीजल: भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की (RUCO) रिपरपज यूज्ड कुकिंग ऑयल की पहल से एक तरफ उपभोक्ताओं को बीमारियों से बचाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर इस्तेमाल किए गए ऑयल से बायो डीजल बनाने की मुहिम भी सिरे चढ़ेगी. तेल की खरीद होने से कंपनी को सस्ता तेल मिलेगा, जबकि दुकानदारों को इस तेल की बिक्री से कुछ न कुछ मुनाफा होगा, जबकि पूर्व में उनके पास यह तेल मजबूरी में फेंकने का ही विकल्प था.
खाद्य सुरक्षा विभाग हमीरपुर के असिस्टेंट कमिश्नर फूड सेफ्टी अनिल शर्मा का कहना है कि पूर्व में जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया था. वह इस कार्य को पूरा नहीं कर पाई थी. उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले की अगर बात करें तो यहां पर 87 उत्पादक ऐसे हैं. जिनके यहां यूज्ड कुकिंग ऑयल को खरीदा जा सकता है. जिस कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है उसे यह तमाम जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डॉक्टर आरके अग्निहोत्री का कहना है कि जब तेल अथवा घी को इस्तेमाल किया जाता है तो आधे घंटे के भीतर ही उसमें बदलाव आना शुरु हो जाते हैं. रीयूज्ड ऑयल बेहद ही घातक होता है और इसके इस्तेमाल के कारण बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक बढ़ जाती है. इस तेल के इस्तेमाल से तैयार किए गए खाद्य पदार्थों को खाने से हृदय की धमनियों के जाम होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक आ सकता है. यह गंभीर के किडनी रोग का भी कारण बन सकता है. उन्होंने कहा कि दिमाग की धमनियां प्रभावित होने से यह ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है.
इस तरह से तैयार किए गए खाद्य पदार्थों का यदि इस्तेमाल किया जाता है तो यह पूरे शरीर के लिए ही हानिकारक है. उन्होंने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि इस तरह से तैयार की गई चीजों से अधिकतर परहेज ही करना चाहिए. इस मामले में लोगों को अधिक जागरूक होने की जरूरत है कानून की बाध्यता अलग चीज है, लेकिन अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर ही इस तरह की बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है.
मशहूर समोसा भंडार के मालिक संजीव शर्मा का कहना है कि पूर्व में विभाग के कर्मचारी आकर इस तेल को ले जाते थे. पिछले कुछ समय से यह कार्य नहीं हो सका है जबकि विभाग की तरफ से यह कहा गया था कि इस यूज्ड कुकिंग ऑयल को खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि वह महीने भर के तेल को इकट्ठा करके रख लेते हैं और बाद में कंपनी को देते थे, लेकिन कंपनी की तरफ से जब कोई लेने नहीं पहुंचा तो उन्हें तेल फेंकना पड़ा. उन्होंने कहा कि यदि इस तेल की खरीद होती है तो उनको भी लाभ होगा.
दुकानदार संजीव का कहना है कि कंपनी से यह बात हुई थी कि 20 से ₹30 प्रति लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल की की जाएगी. उन्होंने कहा कि कंपनी के प्रतिनिधि जब तेल लेने के लिए नहीं पहुंचे तो उन्हें तेल को फेंकना पड़ा था, लेकिन अब अगर इस तेल की खरीद की जाती है तो अच्छा है.
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