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स्कूल फीस के विरोध में एजुकेशन हब हमीरपुर मुखर, सरकार को भेजा ज्ञापन

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Published : Jul 1, 2021, 5:52 PM IST

हमीरपुर जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में अपनी आपतियां प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा निदेशक को शिक्षा उपनिदेशक उच्च के मध्यम से एक ज्ञापन द्वारा भेजी हैं. एसोसिएशन का कहना है कि ये बिल शिक्षा का गला घोटने का काम करेगा. सरकार फीस में केवल हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि अन्य वस्तुओं के दाम 15 से 20 प्रतिशत हर साल बढ़ रहे हैं.

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हमीरपुर: हमीरपुर जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में अपनी आपतियां प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा निदेशक को शिक्षा उपनिदेशक उच्च के मध्यम से एक ज्ञापन द्वारा भेजी हैं. स्कूल फीस बिल के विरोध में एजुकेशन हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिला में निजी स्कूल प्रबंधक सरकार के खिलाफ मुखर होने लगे हैं. लगभग 300 निजी स्कूल वाले हमीरपुर जिला में स्कूल फीस बिल (school fee bill) के विरोध में निजी स्कूल प्रबंधकों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है.

स्कूल फीस बिल असंवैधानिक

एसोसिएशन का कहना है कि ये बिल शिक्षा का गला घोटने का काम करेगा. यह बिल असंवैधानिक है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी गैर सहायता पर्याप्त स्कूलों की फीस को सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती. हर स्कूल अपनी-अपनी सुविधाओं के आधार पर फीस लेता है. माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी 24 अगस्त 2020 के फैसले में भी स्कूलों की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है.

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के महामंत्री राजेश सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार यह बिल लाती है, तो लगभग सभी स्कूल बंद हो जाएंगे और कुछ बंद भी हो गए हैं. इस स्थिति में हम स्कूल नहीं चला पाएंगे. सरकार फीस में केवल हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि अन्य वस्तुओं के दाम 15 से 20 प्रतिशत हर साल बढ़ रहे हैं और पेट्रोल-डीजल के दाम (petrol and diesel price) भी 30 फीसदी तक बढ़ गया है. बिना फीस के निजी स्कूल नहीं चल सकते.

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कोरोना काल में अध्यापकों ने दी बच्चों को बेहतर शिक्षा

स्कूलों के अन्य खर्चे भी हैं, जिसमें स्कूलों को नया सामान नई तकनीक से बढ़िया शिक्षा देना इत्यादि शामिल है. कोरोना काल में भी प्राइवेट स्कूलों के लिए ऑनलाइन शिक्षा (Online Study) देना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. जिसका मुकाबला कर अध्यापकों ने बच्चों को बेहतर शिक्षा दी है.

'गुरु और शिष्य की गरिमा को कायम रखे सरकार'

प्राइवेट स्कूल संघ के पदाधिकारियों का कहना है यदि निजी स्कूल बंद होते हैं तो तीन लाख के करीब अध्यापक सड़कों पर होंगे. लगभग 6 लाख छात्रों को सरकारी स्कूलों में बैठने तक की जगह नहीं होगी, तो शिक्षा का क्या होगा. बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे और गुरु और शिष्य की गरिमा को कायम रखते हुए स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों के बीच ऐसा वातावरण ना बनाए, जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो.

'निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे सरकार'

सरकार से भी अनुरोध है कि निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे और हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का केंद्र बनाकर रोजगार को बढ़वा दे, ताकि नौजवानों को नौकरी के लिए ना भटकना पड़े और हिमाचल शिक्षा में नया कीर्तिमान स्थापित कर सके.

ये भी पढ़ें- एक्टिवा पर एक्टिव हुईं वीरांगना, पलक झपकते ही बदमाशों पर कसेंगी नकेल

हमीरपुर: हमीरपुर जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में अपनी आपतियां प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व उच्च शिक्षा निदेशक को शिक्षा उपनिदेशक उच्च के मध्यम से एक ज्ञापन द्वारा भेजी हैं. स्कूल फीस बिल के विरोध में एजुकेशन हब कहे जाने वाले हमीरपुर जिला में निजी स्कूल प्रबंधक सरकार के खिलाफ मुखर होने लगे हैं. लगभग 300 निजी स्कूल वाले हमीरपुर जिला में स्कूल फीस बिल (school fee bill) के विरोध में निजी स्कूल प्रबंधकों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है.

स्कूल फीस बिल असंवैधानिक

एसोसिएशन का कहना है कि ये बिल शिक्षा का गला घोटने का काम करेगा. यह बिल असंवैधानिक है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी गैर सहायता पर्याप्त स्कूलों की फीस को सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती. हर स्कूल अपनी-अपनी सुविधाओं के आधार पर फीस लेता है. माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी 24 अगस्त 2020 के फैसले में भी स्कूलों की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है.

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के महामंत्री राजेश सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार यह बिल लाती है, तो लगभग सभी स्कूल बंद हो जाएंगे और कुछ बंद भी हो गए हैं. इस स्थिति में हम स्कूल नहीं चला पाएंगे. सरकार फीस में केवल हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि अन्य वस्तुओं के दाम 15 से 20 प्रतिशत हर साल बढ़ रहे हैं और पेट्रोल-डीजल के दाम (petrol and diesel price) भी 30 फीसदी तक बढ़ गया है. बिना फीस के निजी स्कूल नहीं चल सकते.

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कोरोना काल में अध्यापकों ने दी बच्चों को बेहतर शिक्षा

स्कूलों के अन्य खर्चे भी हैं, जिसमें स्कूलों को नया सामान नई तकनीक से बढ़िया शिक्षा देना इत्यादि शामिल है. कोरोना काल में भी प्राइवेट स्कूलों के लिए ऑनलाइन शिक्षा (Online Study) देना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. जिसका मुकाबला कर अध्यापकों ने बच्चों को बेहतर शिक्षा दी है.

'गुरु और शिष्य की गरिमा को कायम रखे सरकार'

प्राइवेट स्कूल संघ के पदाधिकारियों का कहना है यदि निजी स्कूल बंद होते हैं तो तीन लाख के करीब अध्यापक सड़कों पर होंगे. लगभग 6 लाख छात्रों को सरकारी स्कूलों में बैठने तक की जगह नहीं होगी, तो शिक्षा का क्या होगा. बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे और गुरु और शिष्य की गरिमा को कायम रखते हुए स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों के बीच ऐसा वातावरण ना बनाए, जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो.

'निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे सरकार'

सरकार से भी अनुरोध है कि निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करे और हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का केंद्र बनाकर रोजगार को बढ़वा दे, ताकि नौजवानों को नौकरी के लिए ना भटकना पड़े और हिमाचल शिक्षा में नया कीर्तिमान स्थापित कर सके.

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