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कृपाल परमार से पीएम मोदी की बात होना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं: प्रेम कुमार धूमल

हिमाचल प्रदेश में वोटिंग से पहले बीजेपी के लिए बागी उम्मीदवार मुसीबत बन गए हैं. कई सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की बागियों से ही आमने-सामने की लड़ाई है तो कई जगहों पर बागियों ने पार्टी के जीत का गणित बिगाड़ दिया है. इसी कड़ी में भाजपा के बागी नेता कृपाल परमार को पीएम मोदी के फोन किया था, जिससे प्रदेश की सियासत में घमासान मच गया है. अब मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी प्रतिक्रिया दी है. (PM Modi call rebel BJP leader Kripal Parmar) (Dhumal reaction on PM call to Kripal Parmar)

PM Modi call rebel BJP leader Kripal Parmar
भाजपा के बागी नेता कृपाल परमार को पीएम मोदी के फोन पर सियासी घमासान
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Published : Nov 7, 2022, 10:23 AM IST

हमीरपुर: भाजपा के बागी नेता कृपाल परमार को पीएम मोदी के फोन करने पर प्रदेश की सियासत में घमासान मच गया है. इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं और यहां आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कौन से कानून में लिखा है कि एक नेता अपने कार्यकर्ता को फोन नहीं कर सकता है. कांग्रेस नेताओं को शायद कोड ऑफ कंडक्ट मालूम नहीं है. (PM Modi call rebel BJP leader Kripal Parmar) (Dhumal reaction on PM call to Kripal Parmar)

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रधानमंत्री पार्टी के नेता हैं. उन्होंने कहा कि कुछ बागियों को नामांकन के वक्त पार्टी के पक्ष में मनाया गया है. चुनाव न लड़ने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वह चुनावी मैदान में ही है. ऐसा नहीं है कि हर बार चुनाव लड़ा ही जाए, कार्यकर्ता चुनाव लड़ाते भी हैं. उन्होंने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि पार्टी बहुमत के साथ जीते. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सर्वश्रेष्ठ घोषणा पत्र देने का कार्य किया है. (Prem Kumar Dhumal on BJP Manifesto)

प्रेम कुमार धूमल

रोजगार के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा सरकार ने रोजगार पैदा करने की कोशिश की है. कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उन्होंने कहा कि शायद 1,00,000 रोजगार देने की बात महज बोलने की ही है. कांग्रेस की पहली कैबिनेट में 1,00,000 नौकरी दिए जाने के दावे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को शायद यह मालूम भी नहीं है कि कैबिनेट बैठक कैसे की जाती है. (Prem Kumar Dhumal on congress Manifesto)

सरकारी विभागों में पद कैसे सृजित किए जाते हैं. शायद इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. पहले वित्तीय प्रबंध करना पड़ता है उसके बाद ही तमाम औपचारिकताएं पूरी होती हैं. भाजपा ने जो बोला नहीं वह भी किया है. भाजपा काम करने के बाद बोलती है. कांग्रेस चुनावों में शोर डालती है, लेकिन वास्तव में धरातल पर कुछ नहीं करते हैं.

ये भी पढ़ें: सुजान है सुजानपुर के लोग विनाश की राजनीति का करेंगे बहिष्कार: धूमल

हमीरपुर: भाजपा के बागी नेता कृपाल परमार को पीएम मोदी के फोन करने पर प्रदेश की सियासत में घमासान मच गया है. इस मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी प्रतिक्रिया दी है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं और यहां आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कौन से कानून में लिखा है कि एक नेता अपने कार्यकर्ता को फोन नहीं कर सकता है. कांग्रेस नेताओं को शायद कोड ऑफ कंडक्ट मालूम नहीं है. (PM Modi call rebel BJP leader Kripal Parmar) (Dhumal reaction on PM call to Kripal Parmar)

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रधानमंत्री पार्टी के नेता हैं. उन्होंने कहा कि कुछ बागियों को नामांकन के वक्त पार्टी के पक्ष में मनाया गया है. चुनाव न लड़ने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वह चुनावी मैदान में ही है. ऐसा नहीं है कि हर बार चुनाव लड़ा ही जाए, कार्यकर्ता चुनाव लड़ाते भी हैं. उन्होंने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि पार्टी बहुमत के साथ जीते. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सर्वश्रेष्ठ घोषणा पत्र देने का कार्य किया है. (Prem Kumar Dhumal on BJP Manifesto)

प्रेम कुमार धूमल

रोजगार के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा सरकार ने रोजगार पैदा करने की कोशिश की है. कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उन्होंने कहा कि शायद 1,00,000 रोजगार देने की बात महज बोलने की ही है. कांग्रेस की पहली कैबिनेट में 1,00,000 नौकरी दिए जाने के दावे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को शायद यह मालूम भी नहीं है कि कैबिनेट बैठक कैसे की जाती है. (Prem Kumar Dhumal on congress Manifesto)

सरकारी विभागों में पद कैसे सृजित किए जाते हैं. शायद इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. पहले वित्तीय प्रबंध करना पड़ता है उसके बाद ही तमाम औपचारिकताएं पूरी होती हैं. भाजपा ने जो बोला नहीं वह भी किया है. भाजपा काम करने के बाद बोलती है. कांग्रेस चुनावों में शोर डालती है, लेकिन वास्तव में धरातल पर कुछ नहीं करते हैं.

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