ETV Bharat / state

ऑनलाइन पढ़ाई मुसीबतें लाई... बिना स्मार्ट फोन के नहीं हो पाई पढ़ाई - Deshraj news

कोरोना काल के चलते पिछले करीब 7 महीनों से छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से जुड़े गांव में छात्रों के पास टीवी, लैपटॉप, टैबलेट तो दूर स्मार्ट फोन तक नहीं है. इन इलाकों में सभी बच्चों के माता-पिता इतने समर्थ नहीं है कि स्मार्ट फोन खरीद सकें, जिसके कारण शहर और ग्रामीण इलाकों के गरीब बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

Poor students faced problems in online study
मोबाइल फोन के बिना ऑनलाइन पढ़ाई
author img

By

Published : Oct 3, 2020, 8:25 PM IST

Updated : Oct 5, 2020, 3:13 PM IST

सुजानपुर: कोरोना काल के चलते पिछले करीब 7 महीनों से छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से जुड़े गांव में छात्रों के पास टीवी, लैपटॉप, टैबलेट तो दूर स्मार्ट फोन तक नहीं हैं. इन इलाकों में सभी बच्चों के माता-पिता इतने समर्थ नहीं हैं कि स्मार्ट फोन खरीद सकें, जिसके कारण शहर और ग्रामीण इलाकों के गरीब बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए.

कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बच्चों को ऑनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है, लेकिन गरीब परिवारों के बच्चों को स्मार्ट फोन, लैपटॉप, टैबलेट ना होने से परेशानी का सामना करना पड़ा. उनके अभिभावक फोन नहीं खरीद सकते हैं. वहीं, सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सभी शिक्षक स्कूली छात्रों को घर पर ही व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से होमवर्क भेज रहे थे, लेकिन कुछ छात्रों के पास स्मार्ट फोन ना होने के चलते वे शिक्षा से पूरी तरह से वंचित रहे.

वीडियो

इसका एक कारण ये भी था कि अनलॉक में अब अभिभावक भी घरों से बाहर निकलकर काम पर जाने लगे हैं. ऐसे में स्मार्ट फोन की उपलब्धता सबसे बड़ी समस्या है. बच्चों के पास जब मोबाइल ही नहीं होगा तो वे ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कर पाएंगे. कहीं बच्चों को टीवी के माध्यम से भी पढ़ाया गया. वहीं, कई गरीब परिवारों के पास टीवी होना बड़ी बात है. ऐसे में इन परिवारों से संबंधित छात्र लॉकडाउन में पढ़ाई से वंचित ही रहे.

स्मार्ट फोन फोन न होने के कारण हमीरपुर जिला के विभिन्न मंडलों में कुछ स्कूली छात्र शिक्षा से वंचित रहे. ऐसे छात्रों को पढ़ाई में नुकसान न हो इसलिए मक्कड़ स्कूल के शिक्षक देश राज ने छात्रों को उनके घर जाकर पढ़ाने का फैसला लिया.

कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन फोन नहीं हैं या फिर उनके पास सिंपल फोन है. उसमें नेट या ऑनलाइन की कोई सुविधा ही नहीं है. वहीं, स्कूल का सारा काम व्हाट्सएप पर ही उपलब्ध हो रहा था, लेकिन स्मार्ट फोन ना होने के चलते उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे थे और पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. ऐसे छात्रों को शिक्षक देशराज ने घर में पढ़ाने के फैसला लिया, जिसके लिए अभिभावकों ने भी उनका आभार व्यक्त किया है.

अध्यापक देशराज ने कहा कि छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से स्कूल का काम दिया जा रहा था, लेकिन कुछ बच्चों का काम के लिए कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था. इन बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं था, जिसके कारण वे पढ़ाई से दूर हो रहे थे. इसलिए बच्चों के विकास के लिए घर जाकर पढ़ाना बहुत जरूरी था. इसलिए उन्होंने बच्चों के घर जाकर पढ़ाना शुरु किया.

उप शिक्षा निदेशक दिलबर जीत चंद्र का कहना है कि स्मार्ट फोन ना होने के कारण जिला के 2 ब्लॉकों में कुछ बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है. विभाग की ओर से इन छात्रों को घर पर ही नोट्स या होमवर्क उपलब्ध करवाया जा रहा है.

गौरतलब है कि कोरोना के चलते मार्च से स्कूल बंद रहे. इस दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई गई, लेकिन ऐसे माता-पिता जिनके पास स्मार्ट फोन फोन नहीं थे. उनके लिए बच्चों की पढ़ाई करवाना मुश्किल हो गया. वहीं, इस समय कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया, लेकिन इसके बावजूद भी न जाने कितने बच्चे सुविधा न होने के चलते पढ़ाई से महरूम रह गए.

ये भी पढ़ें: सुजानपुर: नई पंचायतों के गठन को लेकर लोगों ने पूर्व सीएम धूमल का जताया आभार

सुजानपुर: कोरोना काल के चलते पिछले करीब 7 महीनों से छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से जुड़े गांव में छात्रों के पास टीवी, लैपटॉप, टैबलेट तो दूर स्मार्ट फोन तक नहीं हैं. इन इलाकों में सभी बच्चों के माता-पिता इतने समर्थ नहीं हैं कि स्मार्ट फोन खरीद सकें, जिसके कारण शहर और ग्रामीण इलाकों के गरीब बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए.

कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हैं. बच्चों को ऑनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है, लेकिन गरीब परिवारों के बच्चों को स्मार्ट फोन, लैपटॉप, टैबलेट ना होने से परेशानी का सामना करना पड़ा. उनके अभिभावक फोन नहीं खरीद सकते हैं. वहीं, सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सभी शिक्षक स्कूली छात्रों को घर पर ही व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से होमवर्क भेज रहे थे, लेकिन कुछ छात्रों के पास स्मार्ट फोन ना होने के चलते वे शिक्षा से पूरी तरह से वंचित रहे.

वीडियो

इसका एक कारण ये भी था कि अनलॉक में अब अभिभावक भी घरों से बाहर निकलकर काम पर जाने लगे हैं. ऐसे में स्मार्ट फोन की उपलब्धता सबसे बड़ी समस्या है. बच्चों के पास जब मोबाइल ही नहीं होगा तो वे ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कर पाएंगे. कहीं बच्चों को टीवी के माध्यम से भी पढ़ाया गया. वहीं, कई गरीब परिवारों के पास टीवी होना बड़ी बात है. ऐसे में इन परिवारों से संबंधित छात्र लॉकडाउन में पढ़ाई से वंचित ही रहे.

स्मार्ट फोन फोन न होने के कारण हमीरपुर जिला के विभिन्न मंडलों में कुछ स्कूली छात्र शिक्षा से वंचित रहे. ऐसे छात्रों को पढ़ाई में नुकसान न हो इसलिए मक्कड़ स्कूल के शिक्षक देश राज ने छात्रों को उनके घर जाकर पढ़ाने का फैसला लिया.

कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन फोन नहीं हैं या फिर उनके पास सिंपल फोन है. उसमें नेट या ऑनलाइन की कोई सुविधा ही नहीं है. वहीं, स्कूल का सारा काम व्हाट्सएप पर ही उपलब्ध हो रहा था, लेकिन स्मार्ट फोन ना होने के चलते उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे थे और पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. ऐसे छात्रों को शिक्षक देशराज ने घर में पढ़ाने के फैसला लिया, जिसके लिए अभिभावकों ने भी उनका आभार व्यक्त किया है.

अध्यापक देशराज ने कहा कि छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से स्कूल का काम दिया जा रहा था, लेकिन कुछ बच्चों का काम के लिए कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था. इन बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं था, जिसके कारण वे पढ़ाई से दूर हो रहे थे. इसलिए बच्चों के विकास के लिए घर जाकर पढ़ाना बहुत जरूरी था. इसलिए उन्होंने बच्चों के घर जाकर पढ़ाना शुरु किया.

उप शिक्षा निदेशक दिलबर जीत चंद्र का कहना है कि स्मार्ट फोन ना होने के कारण जिला के 2 ब्लॉकों में कुछ बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है. विभाग की ओर से इन छात्रों को घर पर ही नोट्स या होमवर्क उपलब्ध करवाया जा रहा है.

गौरतलब है कि कोरोना के चलते मार्च से स्कूल बंद रहे. इस दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई गई, लेकिन ऐसे माता-पिता जिनके पास स्मार्ट फोन फोन नहीं थे. उनके लिए बच्चों की पढ़ाई करवाना मुश्किल हो गया. वहीं, इस समय कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया, लेकिन इसके बावजूद भी न जाने कितने बच्चे सुविधा न होने के चलते पढ़ाई से महरूम रह गए.

ये भी पढ़ें: सुजानपुर: नई पंचायतों के गठन को लेकर लोगों ने पूर्व सीएम धूमल का जताया आभार

Last Updated : Oct 5, 2020, 3:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.