भोरंज: एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए नई नई योजनाएं ला रही है, लेकिन उन योजनाओं का लाभ आज भी जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल रहा है. हाल ही में सरकार की चलाई जा रही जांच में सामने आया है कि आईआरडीरपी के नाम पर कौन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं.
बीडीसी अजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि जनवरी महीने में मुंडखर पंचायत का आईआरडीपी के साधन संपन्न का चयन और गलत तरीके से ग्राम सभा के 10 दिन बाद अंदर खाते चयन का मामला जनता द्वारा जनमंच व अन्य माध्यमों से प्रशासन के समक्ष उठाया गया था. सरकार व प्रशासन ने उचित कार्रवाई की बात कही थी. उस पर प्रशासन ने क्या कार्रवाई की इसका तो आज तक पता नहीं चल पाया है.
गौरतलब है कि मुंडखर की विमला देवी पत्नी स्वर्गीय चमन लाल जिसके पति की अकस्मात मृत्यु के बाद परिवार का पालन पोषण की जिम्मेदारी विमला देवी के कंधों पर आ गई थी. परिवार के रहने के लिए 2 कमरों का कच्चा मकान था जोकि गिर गया. बिमला देवी की तीन बेटियां 15 वर्ष, 13, वर्ष, 10 बर्ष व बेटे की आयु 6 वर्ष है.
अब विमला देवी अपने चार बच्चों के साथ बेघर हो गई है और लोगों के घर में आश्रय लेकर रह रही है. विमला देवी गांव में लोगों के घर घास काट कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है. हर बार आईआरडीपी में चयन को लेकर पंचायत में जाती है पर गरीब की आवाज को या तो दबा दिया जाता है, या अपने लोगों को लाभ देने के चक्कर में भुला दिया जाता है.
बीडीसी अजय कुमार ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि गरीब को उसका हक दिलाने के लिए आईआरडीपी के परिवारों की जांच पंचायत से बाहरी अधिकारियों से करवाई जाए. इस जांच में 70% फर्जी गरीब मिलेंगे. अजय कुमार ने सरकार और प्रशासन से इसको लेकर कदम उठाने को कहा है.
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