हमीरपुर: अनलॉक में जहां दालों और हरी सब्जियों का दाम आसमान छूने लगा हैं. वहीं, दूसरी ओर दुकानदारों को खरीदार न मिलने से हर रोज हजारों का नुकसान झेलना पड़ा रहा है. सब्जियों का दाम अचानक बढ़ने से रसोई भी महंगाई की शिकार हो चुकी है. इसके कारण लोगों को घर चलाने में भी मुश्किलें आ रही है.
हमीरपुर की किराने और सब्जी मंडी में काम करने वाले छोटे दुकानदारों की मानें तो पिछले कई दिनों से लगातार दालों और सब्जियों के भाव में बढ़ोतरी हो रही है. इसके चलते दालों और सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं. दूसरे राज्य में सब्जी का उत्पादन कम होने से भी इनके दाम बढ़ते जा रहे है. दाल चना, काला चना, अरहर और धोया उड़द जैसी दालें महंगी हुई हैं.
लॉकडाउन में दाल और सब्जियों की पैदावार इस बार भारी मात्रा में प्रभावित हुई है, जिस वजह से देश में इसकी सप्लाई पर काफी असर पड़ा है.
हमीरपुर जिला में हालात ऐसे हैं कि टमाटर, प्याज, आलू, मटर और उड़द और चने की दालें मध्यम वर्गीय परिवारों की पहुंच से दूर होने लगा है. गोभी 80, टमाटर 60, प्याज आलू 50 और मटर 150 रुपए तक बिक रहे हैं. लॉकडाउन में सब्जियों के दाम कम थे जिस वजह से लोगों ने खूब सब्जी खाई. वहीं, अब इनके दाम में बढ़ोतरी होना लोगों को परेशान कर रही हैं.
वहीं, कोरोना वायरस के चलते लोग अपने गांव भी लौट गए हैं. ऐसे में भी दालों और सब्जियों की डिमांड में भी भारी कमी देखने को मिल रही है. वहीं, दूसरी ओर इनके दामों में बढ़ोतरी से भी इनका कारोबार करने वालों पर असर पड़ रहा है. दुकानदारों की मानें तो सप्लाई में इतनी कमी नहीं है, लेकिन बाजार में डिमांड नहीं है. वहीं, अब दाम भी बढ़ गए हैं, जिससे परेशानी हो रही है.
वहीं, दालों और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी का एक कारण लॉकडाउन में दालों की बिजाई का कम होना भी माना जा रहा है. इसके अलावा दाल उत्पादन का गढ़ माने जाने वाले गुजरात और मध्य प्रदेश में बाढ़ के कारण फसल को नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से भी पैदावार कम हुई और दालों के दाम बढ़ रहे हैं. साथ ही सोयाबीन के इंपोर्ट में लॉकडाउन के कारण कमी आई है, जिसके चलते तेल की खपत बाजार में बढ़ने से इनके दामों में भी इजाफा हुआ है.
खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से उपभोक्ता भी परेशान हैं. इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी लगाने वालों को हो रही है. दाल, सब्जी और पेट्रोल हर जगह महंगाई है, जिससे गरीब आदमी को गुजारा करना मुश्किल हो गया है. इनके दाम बढ़ने से जहां वे पहले करीब 5 किलो दाल खरीदते थे. वहीं, अब उन्हें 2 किलो से ही गुजारा करना पड़ रहा है.
दालों और सब्जियों के दाम बढ़ने से जहां उपभोक्ता परेशान है. वहीं, सब्जी विक्रेता भी परेशान है. ज्यादा दाम बढ़ने पर जहां उपभोक्ता इन्हें खरीद नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, कम खरीदारी होने से सब्जी विक्रेताओं को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
बता दें कि प्रदेश में इन दिनों खाद्य पदार्थों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. रही सही कसर अब सब्जियां पूरा कर रही हैं. टमाटर और प्याज के दाम भी दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है.
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