सुजानपुर/हमीरपुर: हिमाचल सरकार कोरोना महामारी की आढ़ में आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए एकाएक टैक्स बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है. प्रदेश की जनता जहां सरकार से एक और रियायत की आस लगाए बैठी थी. वहीं, कोरोना महामारी से उबरने के कोशिश कर रहे आम लोगों को राहत देने के बजाए हिमाचल सरकार ने बढ़ी हुई बिजली बिल की दरों के साथ बिल हाथ में थमा दिए हैं.
हिमाचल सरकार ने अनलॉक का दौर शुरू होते हुए सबसे पहले डीजल-पेट्रोल की कीमतें में बढ़ाई, उसके बाद बस किराये में बढ़ोतरी की गई और अब बढ़ी हुई दरों के साथ बिजली के बिल जारी कर दिए गए हैं.
बढ़ी हुए बिजली बिलों को लेकर हिमाचल सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. जिला हमीरपुर के सुजानपुर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में जहां आय के साधन खत्म हो गए हैं, लोगों की नौकरियां चली गई हैं. उनके लिए रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में वह इन महंगे बिजली बिलों का भुगतान किस तरह कर पाएंगे.
हमीरपुर जिला के गांव बटाहरली निवासी राकेश कुमार का कहना है कि पहले उनका बिजली का बिल बहुत ही कम आता था, लेकिन इस बार बहुत ज्यादा बिल आया है. कोरोना महामारी के चलते उनकी नॉकरी छुट गई है. अब इतना ज्यादा बिल आने से उनकी परेशानी दोगनी हो गई है.
वहीं, स्थानीय व्यापारियों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंदी के इस दौर में घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इस समय समस्त व्यापारी वर्ग हिमाचल सरकार से राहत की आस लगाकर बैठा हुआ है, लेकिन ऐसा कुछ होता हुआ नहीं दिख रहा है. पहले यही बिल पांच से सात सौ रुपए तक आता था. अब यही बिल बढ़कर 1400 से 1500 रुपए तक पहुंच गया है
बिजली की दरें बढ़ने को लेकर जब बिजली विभाग के एसडीओ से बात की तो उन्होंने माना कि बिजली के बिलों में बढ़ोतरी हुई है. जुलाई माह में ऑडिट के बाद बिजली की दरों पर संड्री चार्ज लगने से यह बदलाव हुआ है.
कुल मिलाकर महामारी के इस दौर में बिजली के बढ़े हुए बिलों ने लोगों की आर्थिक कमर तोड़ दी है. आम जनता के साथ-साथ दुकानदारों की दशा भी खराब चल रही है. लोगों ने प्रदेश सरकार गुहार लगाई है कि बिजली के बिलों में कटौती की जाए.
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